NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
फिलिस्तीन
पिछले साल फ़िलिस्तीनी युवा की हत्या "एक्स्ट्रा ज्यूडिशियल एक्जेक्यूशन" थी : रिपोर्ट
इस रिपोर्ट के प्रकाशित होने के बाद अहमद इरेकट के परिवार ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वह इजरायल को अहमद का शव सौंपने के लिए दबाव डाले जिसे उसकी हत्या के आठ महीने बाद भी कब्जे में रखे हुए है।
पीपल्स डिस्पैच
24 Feb 2021
ahmed-erekat

लंदन स्थित मानवाधिकार समूह द्वारा मंगलवार 23 फरवरी को प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल जून में इजरायल की सेनाओं द्वारा अहमद इरेकट की हत्या एक्स्ट्रा ज्यूडिशयल एक्जेक्यूशन थी क्योंकि इरेकट से इजरायल की सेना या संपत्ति को कोई खतरा नहीं था। यही दावा फिलिस्तीनी प्राधिकरण और मृतक अहमद इरेकट के परिवार द्वारा किया गया था।

27 वर्षीय अहमद इरेकट की हत्या 23 जून 2020 को इज़रायली सैनिकों द्वारा कब्जे वाले वेस्ट बैंक में बेथलहम के एक चेकपॉइंट पर उस समय की गई थी जब वह अपनी बहन की शादी के दिन एक ब्यूटी सैलून से अपनी मां और बहनों को लेने जा रहा था।

उसे गोली मारने के बाद इजरायली सैनिकों ने रेड क्रिसेंट एम्बुलेंस को अहमद को इलाज करने से लगभग एक घंटे तक रोक दिया था जिससे उसकी मौत हो गई थी।

मंगलवार को प्रकाशित फॉरेंसिक सबूत और वीडियो फुटेज के आधार पर इस रिपोर्ट के अनुसार अहमद को जब गोली मारी गई तो उस समय उससे सैनिकों को कोई खतरा नहीं था। रिपोर्ट में कहा गया है कि गोली लगने के बाद जख्म के निशान दिखाने के बावजूद उसे इलाज से रोक दिया गया था। इस रिपोर्ट में इस बात से इनकार किया गया है कि अहमद को वाहन रोकने के लिए कहा जाने के बाद भी उसने अपने वाहन को तेज कर दिया और दावा किया कि गोली मारने के समय वाहन की गति 15 किलोमीटर / घंटा थी।

इजरायल की सेना ने दावा किया था कि अहमद ने गोली लगने से पहले अपनी कार को चौकी के एक सेना पर चढ़ाने का प्रयास किया था।

फिलिस्तीनी अधिकारियों और अहमद के परिवार ने इज़रायली सेना के दावों पर आपत्ति जताते हुए उन पर नृशंस हत्या का आरोप लगाया था।

इस रिपोर्ट के प्रकाशित होने के बाद परिवार ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वह इरेकट के शव को देने के लिए इजरायल पर दबाव डाले जो कि उसकी हत्या के 8 महीने से अधिक समय बाद भी इजरायली अधिकारियों के कब्जे में है।

वर्षों से इजरायल सुरक्षा के नाम पर फिलिस्तीनियों की एक्स्ट्रा ज्यूडिशियल किलिंग में शामिल रहा है। B'Tselem के अनुसार, पिछले साल ही इजरायल ने कब्जे वाले क्षेत्रों में कम से कम 27 फिलिस्तीनियों को मार डाला था। जांच में पता चला है कि मारे गए ज्यादातर मामलों में इजरायल की सेना को कोई खतरा नहीं था।

Ahmed Erekat
Benjamin Netanyahu
Crimes by Israel
Palestine

Related Stories

फ़िनलैंड-स्वीडन का नेटो भर्ती का सपना हुआ फेल, फ़िलिस्तीनी पत्रकार शीरीन की शहादत के मायने

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया

शता ओदेह की गिरफ़्तारी फ़िलिस्तीनी नागरिक समाज पर इस्राइली हमले का प्रतीक बन गया है

141 दिनों की भूख हड़ताल के बाद हिशाम अबू हव्वाश की रिहाई के लिए इज़रायली अधिकारी तैयार

इज़राइल, फ़लस्तीन के बीच नए सिरे से हिंसा भड़कने की आशंका : संयुक्त राष्ट्र दूत

फ़िलिस्तीनी प्रशासनिक बंदी लोय अल-अश्क़र ने रिहाई पर हुए समझौते के बाद भूख हड़ताल ख़त्म की

फ़िलिस्तीनियों के खिलाफ़ नई बसाहटों वाले इज़रायलियों द्वारा 451 हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया गया


बाकी खबरें

  • सबरंग इंडिया
    उत्तर प्रदेश: पेपर लीक की रिपोर्ट करने वाले पत्रकार गिरफ्तार
    02 Apr 2022
    अमर उजाला के बलिया संस्करण ने जिस दिन दोपहर 2 बजे से परीक्षा होनी थी उस दिन सुबह लीक पेपर प्रकाशित किया था।
  • इलियट नेगिन
    समय है कि चार्ल्स कोच अपने जलवायु दुष्प्रचार अभियान के बारे में साक्ष्य प्रस्तुत करें
    02 Apr 2022
    दो दशकों से भी अधिक समय से कोच नियंत्रित फ़ाउंडेशनों ने जलवायु परिवर्तन पर सरकारी कार्यवाई को विफल बनाने के लिए 16 करोड़ डॉलर से भी अधिक की रकम ख़र्च की है।
  • DU
    न्यूज़क्लिक टीम
    यूजीसी का फ़रमान, हमें मंज़ूर नहीं, बोले DU के छात्र, शिक्षक
    01 Apr 2022
    नई शिक्षा नीति के तहत UGC ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों को कई कदम लागू करने के लिए कहा है. इनमें चार साल का स्नातक कोर्स, एक प्रवेश परीक्षा और संस्थान चलाने के लिए क़र्ज़ लेना शामिल है. इन नीतियों का…
  • रवि शंकर दुबे
    इस साल यूपी को ज़्यादा बिजली की ज़रूरत
    01 Apr 2022
    उत्तर प्रदेश की गर्मी ने जहां बिजली की खपत में इज़ाफ़ा कर दिया है तो दूसरी ओर बिजली कर्मचारी निजीकरण के खिलाफ आंदोलन छेड़े हुए हैं। देखना होगा कि सरकार और कर्मचारी के बीच कैसे समन्वय होता है।
  • सोनिया यादव
    राजस्थान: महिला डॉक्टर की आत्महत्या के पीछे पुलिस-प्रशासन और बीजेपी नेताओं की मिलीभगत!
    01 Apr 2022
    डॉक्टर अर्चना शर्मा आत्महत्या मामले में उनके पति डॉक्टर सुनीत उपाध्याय ने आरोप लगाया है कि कुछ बीजेपी नेताओं के दबाव में पुलिस ने उनकी पत्नी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया, जिसके चलते उनकी पत्नी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License