NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
‘बिहार विधान सभा पुस्तकालय समिति’ का प्रतिवेदन प्रस्तुत कर वामपंथ के माले विधायक ने रचा इतिहास
‘पुस्तकालय-संस्कृति’ विकसित कर ‘शिक्षा में क्षरण’ से निजात पाने के जन अभियान का दिया प्रस्ताव
अनिल अंशुमन
17 Mar 2022
Sudama Prasad

चर्चा है कि बिहार विधान सभा के मौजूदा बजट सत्र में ‘विधान सभायी पुस्तकालय समिति’ का विधिवत प्रतिवेदन प्रस्तुत कर उक्त समिति के सभापति और भाकपा माले विधायक सुदामा प्रसाद ने एक इतिहास ही रच दिया, जिसे गलत नहीं ठहराया जा सकता है क्योंकि बिहार विधान सभा के 100 बरस के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब सदन में माननीय सदस्यों के समक्ष बहस के लिए एक स्वतंत्र विभाग के तौर पर इस समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी.

पुस्तकालय समिति सभापति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के बाद ही सदन के सभी माननीय सदस्यों और विधान सभा के अफसर-कर्मियों को पहली बार भली भांति एहसास हुआ कि उनके यहाँ ऐसी भी कोई समिति हुआ करती है. जो अबतक सरकार के एक हाशिये के विभाग के तौर पर ही जाना समझा जाता था. इस विभाग में क्या होता है अथवा क्या होना चाहिए, इससे भी किसी को कोई लेना देना नहीं रहता था. यहाँ तक कि इस समिति के सदस्य व माननीय विधायक गण भी इसे तुच्छ भाव से ही लेते थे.

इस बार सदन में पुस्तकालय समिति की रिपोर्ट की प्रस्तुति महज एक रस्मअदायगी मात्र नहीं रही. बल्कि इसके माध्यम से पहली बार पूरे सदन को पुस्तकालय महत्व के प्रति जागरूक बनाने का सुसंगत प्रयास किया गया। शैक्षिक रूप से अत्यंत पिछड़ा माने जाने वाले बिहार प्रदेश के शिक्षा और ज्ञान के क्षेत्र में हो रहे भयावह क्षरण से निजात पाने के लिए ‘पुस्तकालय संस्कृति’ को फिर से स्थापित करने का भी संज्ञान कराया गया।

सभापति सुदामा प्रसाद द्वारा समिति के प्रतिवेदन में कहा गया कि- संभवतः देश में अपने किस्म का यह पहला प्रतिवेदन है. जिसके माध्यम से राज्य के सभी पुस्तकालयों की ज़मीनी स्थिति का ब्यौरा देते हुए बताया कि- बिहार में कार्यरत 540 में से 51 सार्वजनिक पुस्तकालयों को लेकर यह प्रतिवेदन है. जिसमें पुस्तकालयों की आधारभूत संरचनाओं की गहन जांच-पड़ताल प्रस्तुत कर दर्शाया गया कि राज्य के कैमूर, अरवल, शिवहर, बांका, शेखपुरा व किशनगंज में एअक भी सरकारी पुस्तकालय नहीं है. बाकि जिन 32 जिलों में जो पुस्तकालय हैं उनमें से 51 की सूची विधान सभा समिति को प्राप्त हुई है, अधिकांश पुस्तकालयों की स्थिति बेहद खराब है. सबों की आधारभूत संरचनाएं पूरी तरह से ध्वस्त हैं. पुस्तकों का अभाव, कुर्सी-टेबल व पढ़ने के लिए उपयुक्त जगह आदि का अभाव तहा लाइब्रेरियन की कमी से लेकर शौचालय तक की न्यूनतम सुविधाओं का न होना आम परिघटना बनी हुई है.

उक्त सन्दर्भों में समिति ने राज्य में शिक्षा और ज्ञान अर्जन के केंद्र के तौर पर स्थापित किये गये सभी पुस्तकालयों की वर्तमान जीर्ण शीर्ण स्थिति में तत्काल सुधार लाने की अनुशंसा करते हुए राज्य सरकार को पुस्तकालयों के नियमित रख-रखाव तथा संचालन के लिए ‘रोड मैप’ बनाने का प्रस्ताव दिया. पुस्तकालय-संस्कृति की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा गया कि राज्य में शिक्षा के बेहतर वातावरण के निर्माण में पुस्तकालयों की अहम भूमिका है. इसलिए सरकार को चाहिए कि वह इस मसले पर त्वरित कारवाई करे. जिससे राज्य में शिक्षा की लगातार गिरती हुई व्यवस्था और  क्षरण पर रोक लगाई जा सके. विशेषकर गरीब तबकों से आनेवाले छात्र-छात्राओं को सहज शिक्षा उपलब्ध कराने को प्राथमिक कार्यभार बताते हुए सभी पुस्तकालयों के लिए विधायक निधि कोष से धनराशी व्यवस्था करने का प्रस्ताव दिया गया.

पुस्तकालय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए बिहार के प्रत्येक पंचायत में  राज्य सरकार द्वारा वित्तीय पोषित पुस्तकालय सृजन योजना लागू करते हुए प्रत्येक पंचायत भवन में दो कमरे पुस्तकालय के लिए आबंटित करने तथा पुस्तकालयों से सम्बंधित संरचनाओं की व्यवस्था करने आदि की अनुशंसा की गयी.
 
पुस्तकालय समिति के सभापति ने पूरे सदन का विशेष रूप से ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि आज की तारीख में इस राज्य में एक भी विख्यात पुस्तकालय नहीं है. इस लिए बेहद ज़रूरी है कि यथाशीघ्र एक व्यवस्थित और स्तरीय विख्यात पुस्तकालय की स्थापना हो. जिससे राज्य का बौद्धिक मान बढ़े.

सनद रहे कि 17 दिसमबर सन 2020 में नयी सरकार के गठन उपरांत नवगठित विधान सभा के अध्यक्ष ने जिन तीन विधान सभा समितियां और उसके सभापति समेत बाकी सदस्यों की घोषणा की थी, उसमें पुस्तकालय समिति भी शामिल थी.

समिति की प्रथम बैठक को संबोधित करते हुए विधान सभा अध्यक्ष ने विशेष रूप से कहा कि अब तक यह समिति सिर्फ विधान सभा की पुस्तकालय के सम्बन्ध में ही विचार विमर्श किया करती थी. लेकिन अब यह समिति राज्य में नए पुस्तकालयों के सृजन, सरकार संपोषित व निबंधित पुस्तकालयों के क्रिया कलाप की समीक्षा करेगी तथा राज्य में जनता के लिए उपयोगी बनाने हेतु प्रतिवेदन के माध्यम से अनुशंसा करेगी. समिति के सभापति के तौर पर भाकपा माले विधायक सुदामा प्रसाद और सदस्य के तौर पर आइसा महासचिव व जेएनयू छात्र संघ के चर्चित नेता रहे माले के युवा विधायक संदीप सौरभ के नामों कि घोषणा करते हुए कहा कि मुझे विश्वास है कि यह समिति राज्य में पुस्तकालयों के संवर्धन के लिए बेहतर अनुशसा करेगी.

गौर तलब है विधान सभा में सभी मान्यताप्राप्त राजनितिक दलों को सदस्य संख्या के आधार पर उन्हें विधान सभा की किसी एक समिति के संचालन का दायित्व देने का मान्य परम्परा रही है. इसी के तहत इस बार भाकपा माले को विधान सभा पुस्तकालय समिति दी गयी है. जिसे आम तौर पर सबसे उपेक्षित और प्रभावहीन समिति समझी जाती है.
 
लेकिन मानना पड़ेगा कि जिस तत्परता और दृढ इच्छा शक्ति से बिहार भाकपा माले और उनके विधायकों ने विधान सभा की महत्वहीन समझे जानेवाली पुस्तकालय समिति को भी जनता की लोकतान्त्रिक चेतना विकसित करने का एक सशक्त माध्यम बनाने का प्रयास किया है, बेहद सराहनीय है. जिसे इस समिति के सभापति व माले विधायक सुदामा प्रसाद, जो कि पूर्व में भोजपुर के ख्यात जन संस्कृतिकर्मी रहें हैं तथा इसी समिति के सदस्य के तौर पर उनके सहयोगी चर्चित छात्र नेता रहे माले के ही युवा विधायक संदीप सौरभ द्वारा पुस्तकालय अभियान को जनचेतना व शिक्षा के प्रसार को व्यापक ज़मीनी शक्ल देने में पूरी तरह से जुट गए हैं.

एक बौद्धिक राजनीतिज्ञ की टिप्पणी के अनुसार देखने वाली बात होगी कि बिहार की भाजपा-जदयू गठबंधन सरकार वामपंथ के इस लोकतान्त्रिक और ज़मीनी बौद्धिक व शिक्षा के जन अभियान को कहाँ तक जारी रहने देती है.    

Bihar
Bihar Budget
CPI-ML
Sudama Prasad
Bihar Legislative Assembly Library Committee

Related Stories

बिहार: पांच लोगों की हत्या या आत्महत्या? क़र्ज़ में डूबा था परिवार

बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग

मिड डे मिल रसोईया सिर्फ़ 1650 रुपये महीने में काम करने को मजबूर! 

बिहार : दृष्टिबाधित ग़रीब विधवा महिला का भी राशन कार्ड रद्द किया गया

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका

बिहार पीयूसीएल: ‘मस्जिद के ऊपर भगवा झंडा फहराने के लिए हिंदुत्व की ताकतें ज़िम्मेदार’

बिहार में ज़िला व अनुमंडलीय अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 861 नए मामले, 6 मरीज़ों की मौत
    11 Apr 2022
    देश में अब एक्टिव मामलों की संख्या घटकर 0.03 फ़ीसदी यानी 11 हज़ार 58 हो गयी है।
  • nehru
    न्यूज़क्लिक टीम
    क्या हर प्रधानमंत्री एक संग्रहालय का हक़दार होता है?
    10 Apr 2022
    14 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेहरू स्मृति संग्रहालय और पुस्तकालय की जगह बने प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन करेंगेI यह कोई चौकाने वाली घटना नहीं क्योंकि मौजूदा सत्ता पक्ष का जवाहरलाल…
  • NEP
    नई शिक्षा नीति का ख़ामियाज़ा पीढ़ियाँ भुगतेंगी - अंबर हबीब
    10 Apr 2022
    यूजीसी का चार साल का स्नातक कार्यक्रम का ड्राफ़्ट विवादों में है. विश्वविद्यालयों के अध्यापक आरोप लगा रहे है कि ड्राफ़्ट में कोई निरंतरता नहीं है और नीति की ज़्यादातर सामग्री विदेशी विश्वविद्यालयों…
  • imran khan
    भाषा
    पाकिस्तान में नए प्रधानमंत्री का चयन सोमवार को होगा
    10 Apr 2022
    पीएमएल-एन के शहबाज शरीफ, पीटीआई के कुरैशी ने प्रधानमंत्री पद के लिए नामांकन पत्र जमा किया। नए प्रधानमंत्री का चुनाव करने के लिए सोमवार दोपहर दो बजे सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होगी।
  • Yogi
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: भाजपा में नंबर दो की लड़ाई से लेकर दिल्ली के सरकारी बंगलों की राजनीति
    10 Apr 2022
    हर हफ़्ते की प्रमुख ख़बरों को लेकर फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License