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स्वास्थ्य
भारत
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लॉकडाउन में आयुष्मान योजना के आधे से भी कम लाभार्थी पहुंचे अस्पताल
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत औसतन साप्ताहिक दावों में 51 फीसद की गिरावट आई है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
24 Jun 2020
Ayushman Bharat Yojana

दिल्ली: कोरोना वायरस के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के दौरान आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत औसत साप्ताहिक दावों में 51 प्रतिशत की गिरावट आई है। यह बात शोधकर्ताओं के एक समूह द्वारा किए गए विश्लेषण से सामने आयी है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के प्रकाशन ‘पीएम-जेएवाई अंडर लॉकडाउन: एवीडेंस आन यूटिलाइजेशन ट्रेंड्स पीएम-जेएवाई’ में कहा गया कि इसके अलावा लॉकडाउन के दौरान 25 मार्च से दो जून तक निजी अस्पतालों की तुलना में सार्वजनिक अस्पतालों में सेवाओं के उपयोग में गिरावट देखी गई।

एनएचए स्वास्थ्य बीमा योजना- आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार शीर्ष निकाय है। जिन आपरेशनों के लिए पहले से समय तय किया जाता है उनमें 90 प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखी गई जैसे मोतियाबिंद का ऑपरेशन और घुटने बदलवाने आदि के आपरेशन। वहीं हेमोडायलिसिस में मात्र छह प्रतिशत की कमी आई।

रिपोर्ट में कहा गया है कि ह्रदय संबंधी सर्जरी में भी कमी आयी। विशेष रूप से चिंता प्रसव और ऑन्कोलॉजी के लिए भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में कमी को लेकर है। लॉकडाउन के दौरान कुल मिलाकर सर्जिकल प्रक्रियाओं के लिए औसतन प्रति सप्ताह दावे कम होकर 27,167 हो गए जो लॉकडाउन शुरू होने से पहले 62,630 थे। इस तरह से इसमें 57 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।

मेडिकल मामलों (46 प्रतिशत) के मुकाबले सर्जिकल प्रक्रियाओं के उपयोग में अधिक गिरावट (57 प्रतिशत) देखी गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि लॉकडाउन के दौरान पीएमजेएवाई के तहत जिस क्षेत्र में दावों में कमी हुई वह है प्रसव जिसमें 26 प्रतिशत की गिरावट देखी गई और यह लगभग सामान्य प्रसव और सीज़ेरियन दोनों के लिए समान रूप से लागू है। साथ ही यह सार्वजनिक और निजी दोनों तरह के अस्पतालों के लिए समान रूप से लागू है।

समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ 

Coronavirus
Lockdown
Ayushman Bharat Yojana
NHA Health Insurance Scheme

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