NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
एमजे अकबर प्रकरण: “ उत्पीड़न के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाना साहस का काम, मानहानि का नहीं”
पत्रकार प्रिया रमानी की ओर से वरिष्ठ वकील रेबेका जॉन ने अदालत में कहा कि ‘मी टू’ प्लेटफॉर्म पर बोलना अपराध नहीं है और यह बहुत साहस का काम है।
भाषा
14 Dec 2020
एमजे अकबर प्रकरण
Image courtesy: The Indian Express

नयी दिल्ली: पत्रकार प्रिया रमानी ने सोमवार को दिल्ली की एक अदालत में कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिलाओं के लिए खुशी मनानी चाहिए, ना कि उन पर मानहानि के मुकदमे दर्ज होने चाहिए।

रमानी ने अकबर पर 20 साल पहले यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। अकबर ने उनके खिलाफ इस मामले में कथित तौर पर बदनाम करने के लिए आपराधिक मानहानि की शिकायत दायर की है। इसी मामले में अंतिम सुनवाई के दौरान रमानी ने यह दलील दी।

रमानी की ओर से वरिष्ठ वकील रेबेका जॉन ने अदालत में कहा कि ‘मी टू’ प्लेटफॉर्म पर बोलना अपराध नहीं है और यह बहुत साहस का काम है।

उन्होंने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार से कहा, ‘‘मी टू 2018 में भारत में सामने आया था। मी टू प्लेटफॉर्म पर बात रखना अपराध नहीं है। यह अत्यंत साहस का काम है जिसके लिए खुशी मनाई जानी चाहिए। इसके लिए किसी को मानहानि का सामना नहीं करना चाहिए।’’

जॉन ने कहा, ‘‘कई लोगों ने अतीत की घटनाओं के बारे में बोलकर अपने मन का बोझ हल्का किया है। वे दोषी नहीं हैं।’’

उन्होंने न्यायाधीश से कहा कि केवल रमानी ने ही नहीं बल्कि कम से कम 15 अन्य महिला पत्रकारों ने अकबर के खिलाफ ऐसे ही आरोप लगाये थे।

MJ Akbar
priya ramani
MeToo

Related Stories

साल 2021 : खेत से लेकर सड़क और कोर्ट तक आवाज़ बुलंद करती महिलाएं

विनोद दुआ: निंदा या प्रशंसा से अलग समग्र आलोचना की ज़रूरत

भूषण कुमार पर लगा रेप का आरोप मीटू की याद क्यों दिलाता है?

#MeToo​: 'प्रतिष्ठा का अधिकार गरिमा के आधिकार से ऊपर नहीं'

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस: सड़क से कोर्ट तक संघर्ष करती महिलाएं सत्ता को क्या संदेश दे रही हैं?

#MeToo​ की जीत अंधेरे समय में मशाल की तरह है : प्रिया रमानी

प्रिया रमानी जजमेंट #MeToo आंदोलन को सही ठहराता है!

आपराधिक मानहानि मामले में रमानी का बरी होना महिला पत्रकारों की जीत : आईडब्ल्यूपीसी

मानहानि मामले में प्रिया रमानी बरी, उत्तराखंड त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढ़ी और अन्य

प्रिया रमानी की जीत महिलाओं की जीत है, शोषण-उत्पीड़न के ख़िलाफ़ सच्चाई की जीत है!


बाकी खबरें

  • maliyana
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना कांडः 72 मौतें, क्रूर व्यवस्था से न्याय की आस हारते 35 साल
    23 May 2022
    ग्राउंड रिपोर्ट में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह न्यूज़क्लिक की टीम के साथ पहुंची उत्तर प्रदेश के मेरठ ज़िले के मलियाना इलाके में, जहां 35 साल पहले 72 से अधिक मुसलमानों को पीएसी और दंगाइयों ने मार डाला…
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    बनारस : गंगा में नाव पलटने से छह लोग डूबे, दो लापता, दो लोगों को बचाया गया
    23 May 2022
    अचानक नाव में छेद हो गया और उसमें पानी भरने लगा। इससे पहले कि लोग कुछ समझ पाते नाव अनियंत्रित होकर गंगा में पलट गई। नाविक ने किसी सैलानी को लाइफ जैकेट नहीं पहनाया था।
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी अपडेटः जिला जज ने सुनवाई के बाद सुरक्षित रखा अपना फैसला, हिन्दू पक्ष देखना चाहता है वीडियो फुटेज
    23 May 2022
    सोमवार को अपराह्न दो बजे जनपद न्यायाधीश अजय विश्वेसा की कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर ली। हिंदू और मुस्लिम पक्ष की चार याचिकाओं पर जिला जज ने दलीलें सुनी और फैसला सुरक्षित रख लिया।
  • अशोक कुमार पाण्डेय
    क्यों अराजकता की ओर बढ़ता नज़र आ रहा है कश्मीर?
    23 May 2022
    2019 के बाद से जो प्रक्रियाएं अपनाई जा रही हैं, उनसे ना तो कश्मीरियों को फ़ायदा हो रहा है ना ही पंडित समुदाय को, इससे सिर्फ़ बीजेपी को लाभ मिल रहा है। बल्कि अब तो पंडित समुदाय भी बेहद कठोर ढंग से…
  • राज वाल्मीकि
    सीवर कर्मचारियों के जीवन में सुधार के लिए ज़रूरी है ठेकेदारी प्रथा का ख़ात्मा
    23 May 2022
    सीवर, संघर्ष और आजीविक सीवर कर्मचारियों के मुद्दे पर कन्वेन्शन के इस नाम से एक कार्यक्रम 21 मई 2022 को नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ़ इंडिया मे हुआ।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License