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किसानों पर लाठीचार्ज के विरोध में करनाल में महापंचायत, अधिकारियों का घेराव
महापंचायत के लिए जमा हुए किसानों ने आईजी, एसपी और डीसी का घेराव किया। इसके बाद अधिकारियों ने किसानों से बातचीत की पेशकश की। जिसपर किसानों की ओर से एक ग्यारह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल बनाया गया। इस प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रीय नेतृत्व से चढूनी के अलावा राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव, बलबीर राजेवाल और दर्शनपाल शामिल हुए हैं।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
07 Sep 2021
किसानों पर लाठीचार्ज के विरोध में करनाल में महापंचायत, अधिकारियों का घेराव
फ़ोटो साभार: सोशल मीडिया

करनाल (हरियाणा): किसानों पर 28 अगस्त को हुए पुलिस के लाठीचार्ज के विरोध में करनाल की अनाज मंडी में महापंचायत जारी है। इसी बीच प्रशासन की पेशकश पर किसानों का एक ग्यारह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल, अधिकारियों से बातचीत कर रहा है।

आपको बता दें कि किसानों ने मंगलवार को महापंचायत करने तथा ‘‘लघु सचिवालय का घेराव करने’’ का ऐलान किया था। इसी के मद्देनजर सोमवार से ही जिले में सुरक्षा बेहद कड़ी कर दी गई और करनाल और आसपास के जिलों में इंटरनेट भी बंद कर दिया गया।

करनाल में हरियाणा पुलिस के साथ ही बड़ी संख्या में केन्द्रीय बलों के कर्मी भी तैनात किया गया है। पंचायत स्थल नई अनाज मंडी में भी सुरक्षा बल की भारी तैनाती की गई है। किसानों ने अनाज मंडी में एकत्रित होकर, वहां से लघु सचिवालय का घेराव करने के लिए आगे बढ़ने का ऐलान किया था।

इसी को लेकर सुबह से किसान अनाज मंडी पहुंच रहे थे। हरियाणा भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने किसानों से शांतिपूर्वक तरीके से अनाज मंडी में एकत्रित होने की अपील की थी।

महापंचायत में भाग लेने के लिए राष्ट्रीय नेतृत्व से बीकेयू के नेता राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव, बलबीर राजेवाल और दर्शनपाल आज करनाल पहुंचे।

महापंचायत के लिए जमा किसानों ने आज आईजी, एसपी और डीसी का घेराव भी किया। इसके बाद अधिकारियों ने किसानों से बातचीत की पेशकश की। जिसपर किसानों की ओर से एक ग्यारह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल बनाया गया। इस प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रीय नेतृत्व से चढूनी के अलावा राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव, बलबीर राजेवाल और दर्शनपाल शामिल हुए हैं। इसके अलावा स्थानीय नेतृत्व से किसान नेता शामिल हुए हैं।

पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारियों को आज नई अनाज मंडी में तैनात किया गया है। लघु सचिवालय के आसपास अवरोधक लगाए गए हैं और भारी बल की तैनाती की गई है। लघु सचिवालय का घेराव करने के कार्यक्रम से एक दिन पहले प्रशासन ने जिले में सोमवार को लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया था और मोबाइल इंटरनेट सेवा को निलंबित कर दिया गया था।

हरियाणा सरकार ने पास के चार जिलों में भी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं सोमवार दोपहर 12:30 बजे से लेकर मंगलवार मध्य रात्रि तक बंद रखने का आदेश दिया है। कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद और पानीपत जिलों में मंगलवार को दिन में 12 बजे से रात 11:59 बजे तक मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद रहेगी। केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों की 10 टुकड़ियों सहित सुरक्षा बलों की 40 टुकड़ियां भी तैनात की गई हैं, जहां स्थानीय अधिकारियों ने दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

हरियाणा पुलिस द्वारा जारी एक परामर्श अनुसार, मुख्य राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-44 (अंबाला-दिल्ली) पर मंगलवार को करनाल जिले में यातायात प्रभावित हो सकता है। इसमें कहा गया, ‘‘इसलिए, एनएच-44 का उपयोग करने वाले लोगों को सलाह दी जाती है कि वे करनाल शहर की यात्रा करने से बचें या सात सितंबर को अपने गंतव्य तक जाने के लिए वैकल्पिक रास्तों का उपयोग करें।’’

हरियाणा पुलिस के एक प्रवक्ता ने बाद में बताया था कि कि जरूरत पड़ने पर दिल्ली-अंबाला राष्ट्रीय राजमार्ग पर मार्ग में परिवर्तन किया जा सकता है।

करनाल के पुलिस अधीक्षक गंगा राम पुनिया ने बताया कि पड़ोसी जिलों से अतिरिक्त बल के साथ, पुलिस अधीक्षक रैंक के पांच अधिकारी और 25 डीएसपी रैंक के अधिकारी यहां सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षा उपायों के तहत कैमरों से लैस ड्रोन भी तैनात किए जाएंगे।

करनाल के उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने कहा कि किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी।

सोमवार को चंडीगढ़ में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने किसानों से यह सुनिश्चित करने की अपील की थी कि विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण हो तथा आम आदमी को उससे परेशानी न हो।

गौरतलब है कि हरियाणा पुलिस ने 28 अगस्त को भाजपा की एक बैठक में जा रहे नेताओं का विरोध करते हुए जाम लगा रहे किसानों पर लाठीचार्ज किया था। इसमें 10 से अधिक प्रदर्शनकारी घायल हो गए थे। एसकेएम ने आईएएस अधिकारी आयुष सिन्हा के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की है। सिन्हा कथित तौर पर एक वीडियो में पुलिस कर्मियों को प्रदर्शन कर रहे किसानों के ‘‘सिर फोड़ने’’ के लिए कहते सुनाई दे रहे हैं। संगठन ने सिन्हा को बर्खास्त करने की भी मांग की है।

चढ़ूनी ने कहा कि सोमवार को जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ यहां एक बैठक हुई थी लेकिन अपनी मांगों पर संतोषजनक प्रतिक्रिया न मिलने पर उन्होंने मंगलवार को महापंचायत करने और फिर लघु सचिवालय का घेराव करने का निर्णय किया।

चढूनी ने करनाल में लाठीचार्ज में घायल होने के बाद जान गंवाने वाले एक किसान के परिवार को 25 लाख रुपये मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग की थी। वहीं, प्रशासन का कहना है कि किसान की मौत पुलिस की कार्रवाई से नहीं बल्कि दिल का दौरा पड़ने से हुई। चढूनी ने अन्य घायल किसानों को दो-दो लाख रुपये देने की भी मांग की है।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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