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भारत
राजनीति
जनादेश 2021: केरल में वाम, पश्चिम बंगाल में टीएमसी, तमिलनाडु में द्रमुक, असम में बीजेपी की जीत!
पश्चिम बंगाल, असम और केरल में सत्तारूढ़ दल फिर से सरकार बनाने की ओर अग्रसर हैं जबकि तमिलनाडु और पुडुचेरी में विपक्षी दलों के गठबंधन के सत्ता में आने की संभावना है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
02 May 2021
जनादेश 2021
Image courtesy : The Indian Express

चार राज्यों और केंद्र शासित पुडुचेरी में हुए विधानसभा चुनावों के मद्देनजर रविवार को जारी मतगणना के अब तक आए रुझानों से लगभग साफ है कि पश्चिम बंगाल, असम और केरल में सत्तारूढ़ दल फिर से सरकार बनाने की ओर अग्रसर हैं जबकि तमिलनाडु और पुडुचेरी में विपक्षी दलों के गठबंधन के सत्ता में आने की संभावना है।

इन चुनावी राज्यों में सबकी नजरें पश्चिम बंगाल पर टिकी थी और वहां ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस सत्ता की हैट्रिक लगाती दिख रही हैं। हालांकि वहां मुख्यमंत्री को कांटे के मुकाबले में नंदीग्राम विधानसभा सीट पर अपने पूर्व सिपहसालार शुभेंदु अधिकारी से हार का सामना करना पड़ा।

निर्वाचन आयोग के आंकड़ों से यही संकेत मिलता है कि असम में भाजपा की और केरल में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) की सत्ता में वापसी लगभग तय है।

तमिलनाडु में विपक्षी द्रमुक की अगुवाई वाला गठबंधन अन्नाद्रमुक को सत्ता से बेदखल करता दिखाई दे रहा है। केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी में एआईएनआरसी नीत राजग जीत की तरफ बढ़ रहा है।

इन चार प्रदेशों और एक केंद्रशासित प्रदेश के विधानसभा चुनावों में सबसे ज्यादा चर्चा पश्चिम बंगाल के चुनाव की रही। वहां पर तृणमूल कांग्रेस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई में आक्रामक चुनाव प्रचार किया तो भाजपा ने वहां पहली बार सत्ता में आने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के कई दूसरे बड़े चेहरों ने पश्चिम बंगाल में धुआंधार चुनाव प्रचार किया।

कई दशकों तक पश्चिम बंगाल की सत्ता पर काबिज रहे वाम दलों और कांग्रेस का इस चुनाव में सफाया हो गया।

पश्चिम बंगाल विधानसभा की 292 सीटों के लिए जारी मतगणना में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस 202 सीटों पर बढ़त के साथ राज्य में सत्ता पर फिर से काबिज होती दिख रही है, जबकि भाजपा 81 सीटों पर आगे है। पिछले विधानसभा चुनाव में महज तीन सीटों पर जीत दर्ज करने वाली भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी लेकिन वह अपने अभियान में सफल नहीं हो सकी।

कड़ा मुकाबला होने के अनुमानों को धता बताते हुए, तृणमूल कांग्रेस तेजी से प्रचंड जीत की ओर बढ़ती दिख रही है और अगर मौजूदा रुझान परिणामों में तब्दील होते हैं तो पार्टी बेहद आसानी से लगातार तीसरी बार राज्य में सरकार बनाएगी।

कालीघाट में बनर्जी के निवास के बाहर समेत विभिन्न स्थानों पर तृणमूल कार्यकर्ता हरे गुलाल के साथ जीत का जश्न मनाते हुए नजर आये।

अबतक जितने मतों की गणना हो गयी है, उसके अनुसार तृणमूल कांग्रेस को 48.3 फीसदी और भाजपा को 38.7 फीसदी वोट मिले हैं।

वामदल-कांग्रेस-आईएसएफ गठबंधन बस दो सीटों पर आगे हैं।

भाजपा के लोकसभा के दो सदस्य बाबुल सुप्रियो और लॉकेट चटर्जी क्रमश: टॉलीगंज और चुंचुरा सीट से पीछे चल रहे हैं। सुप्रियो लोकसभा में आसनसोल और चटर्जी हुगली सीट का प्रतिनिधित्व करती हैं।

हालांकि, कूचबिहार से भाजपा सांसद निशिथ प्रमाणिक दिनहाटा में आगे चल रहे हैं।

भवानीपुर से तृणमूल प्रत्याशी सोहनदेब चट्टोपाध्याय अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के रुद्रनील घोष से 3,000 से अधिक मतों से आगे चल रहे हैं। यह सीट ममता बनर्जी ने नंदीग्राम से चुनाव लड़ने के लिए छोड़ दी थी।

राज्य के मंत्री और बनर्जी के विश्वासपात्र फरहाद हकीम भी अपनी सीट से आगे चल रहे हैं।

ऐसा जान पड़ता है कि तृणमूल ने मुर्शिदाबाद और माल्दा जिलों में जबर्दस्त पैठ बनायी है, जो पारंपरिक रूप से कांग्रेस की मजबूत पकड़ वाले इलाके समझे जाते रहे हैं।

ऐसा भी लगता है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में पश्चिम मेदिनीपुर में तृणमूल ने भाजपा के हाथों गंवाया गया कुछ जनाधार हासिल किया है।

तृणमूल महासचिव  चटर्जी ने कहा कि रूझान संकेत करते हैं कि राज्य के लोगों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर बार-बार किये गये ‘हमले’ का मुंहतोड़ जवाब दिया है।

भाजपा का उपहास करते हुए चटर्जी ने कहा कि वह उन लोगों का चेहरा देखना चाहते हैं, जो ‘इस बार 200 पार’ का नारा लगाते थे।

भाजपा महासचिव और पश्चिम बंगाल मामलों के पार्टी प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि रुझानों के मुताबिक ऐसा लगता है कि लोगों ने ममता बनर्जी को एक बार फिर मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया है।

असम में भाजपा की अगुवाई वाली राजग एक बार फिर से सरकार बनाने की स्थिति में नजर आ रहा है। राजग 126 सीटों में से 75 पर बढ़त बनाए हुए है। इनमें से भाजपा के उम्मीदवार 56 सीटों पर आगे हैं।

रायजोर दल के जेल में बंद प्रमुख अखिल गोगोई सिबसागर सीट से जीती दर्ज की हे हैं जबकि उसके सहयोगी एएएसयू (आसू) के पूर्व नेता एवं सीएए विरोधी प्रदर्शनों के अगुआ असम जातीय परिषद के लुरिनज्योति गोगोई नहरकटिया और दुलियाजान दोनों सीटों पर पीछे चल रहे हैं।

कांग्रेस की अगुवाई वाला ‘महाजोत’ असम में सिर्फ 46 सीटों पर बढ़त बना सका हैं। इनमें से कांग्रेस 29 सीटों पर आगे है।

चुनाव नतीजों से खुश असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम निश्चित रूप ये यह कह सकते हैं कि भाजपा सरकार बनाएगी। हम अपने साथियों असम गण परिषद और यूपीपीएल के साथ एक बार फिर से सत्ता में आ रहे हैं।’’

केरल में पिछले चार दशकों यह परिपाटी टूटती नजर आ रही है कि हर पांच साल में सत्ता परिवर्तन होगा। इस बार माकपा की अगुवाई वाला एलडीएफ फिर से सरकार जीत हासिल करता नजर आ रहा है। यह गठबंधन के दो प्रमुख घटक माकपा और भाकपा कुल 73 सीटों पर आगे हैं। राज्य में कुज 140 विधानसभा सीटें हैं।

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, ‘‘मैं केरल के लोगों को अप्रत्याशित तरीके से भरोसा जताने के लिए आभार व्यक्त करता हूं। एलडीएफ की सरकार ने लोगों की चुनौतियों का समाधान निकाला और कोरोना महामारी को भी नियंत्रित किया। महामारी को नियंत्रित कर केरल ने दुनिया के सामने एक नजीर पेश की है।’’

दक्षिण भारत में भाजपा के लिए अच्छी खबर यह है कि वह केरल में एक और तमिलनाडु में तीन विधानसभा सीटों पर आगे है। अब तक इन दोनों राज्यों में भाजपा अपनी पकड़ बनाने के लिए संघर्ष करती रही है।

तमिलनाडु में एक दशक तक सत्ता में रहने के बाद अन्नाद्रमुक हार की तरफ बढ़ती नजर आ रही है। वह 234 सदस्यीय विधानसभा की सिर्फ 80 सीटों पर आगे है। प्रदेश में विपक्षी द्रमुक की अगुवाई वाला गठबंधन सरकार बनाने की स्थिति में नजर आ रहा है।

द्रविड़ मुनेत्र कषगम 121 सीटों पर जबकि उसकी सहयोगी कांग्रेस 16 सीटों पर आगे है।

राज्य में यह पहला चुनाव है जिसमें द्रमुक एम करुणानिधि और अन्नाद्रमुक जयललिता की गैरमौजूदगी में चुनाव लड़ रही हैं। दोनों नेताओं का कुछ साल पहले निधन हो गया।

चुनाव आयोग ने विजय जुलूस निकालने और भीड़ जमाकर जश्न बनाने पर रोक लगाई है, लेकिन कई स्थानों पर कुछ पार्टियों के कार्यकर्ता जीत का जश्न मनाते देखे गए।

पुडुचेरी में छह अप्रैल को हुए विधानसभा चुनाव के लिए रविवार को चल रही मतगणना में एनआर कांग्रेस ने आठ सीटें और उसकी सहयोग भाजपा ने चार सीटें जीती हैं जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाला गठबंधन तीन सीटों पर विजयी रहा है।

निर्वाचन आयोग ने बताया कि 30 विधानसभा सीटों में से 14 के नतीजे आ गये हैं तथा एआईएनआरसी ने आठ, भाजपा ने तीन, द्रमुक ने एक तथा कांग्रेस ने दो सीटें जीती हैं।

भाजपा के नमासवियम अपने द्रमुक प्रतिद्वंद्वी ए कृष्णन को हराकर मन्नाडिपेट विधानसभा सीट से विजयी हुए। वह इसी साल जनवरी में कांग्रेस से भाजपा में आये थे।

एआईएनआरसी के यू लक्ष्मीकांधन ने पूर्व मंत्री एम कांडसामी को हराकर कांग्रेस से एम्बालम (आरक्षित) सीट छीन ली।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी सूरबीर सिंह ने पीटीआई-भाषा को बताया कि भाजपा उम्मीदवार ए जॉन कुमार कामराजनगर से विजयी घोषित किये गये हैं। कुमार कांग्रेस से भाजपा में आये थे।

कांग्रेस के एम वैद्यनाथन ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वी सामिनाथन को हराया है। वैद्यनाथन एआईएनआरसी से कांग्रेस में आये थे।

इस केंद्रशासित प्रदेश में एआईएनआरसी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में अन्नाद्रमुक और भाजपा भी शामिल है।

कांग्रेस और द्रमुक एक-एक सीट पर आगे चल रही है। प्रतिद्वंद्वी सेक्युलर डेमोक्रेटिक अलायंस (एसडीए) में कांग्रेस, द्रमुक, वीसीके और भाकपा शामिल हैं।

इस केंद्रशासित प्रदेश में विधानसभा की 30 सीटें हैं।

देशभर से नेता दे रहे है बधाई

भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की जीत के लिए ममता बनर्जी और तमिलनाडु में द्रमुक की जीत के लिए एम के स्टालिन को बधाई दी।

सिलसिलेवार ट्वीट में सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा प्रमुख जे पी नड्डा और असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल को भी जीत की बधाई दी।

सिंह ने केरल के मुख्यमंत्री और माकपा नेता पिनराई विजयन को भी राज्य में पार्टी की जीत पर बधाई दी।

भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राज्य में विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी की जीत पर बधाई। उनके अगले कार्यकाल के लिए मेरी शुभकामनाएं।’’

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, पिनराई विजयन और एम के स्टालिन को क्रमश: पश्चिम बंगाल, केरल और तमिलनाडु विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी के जीत की ओर बढ़ने पर बधाई दी है।

महाराष्ट्र में शिवसेना और कांग्रेस के साथ सत्ता साझा करने वाली राकांपा के प्रमुख ने कहा, “ममता बनर्जी आपको शानदार जीत पर बधाई। लोगों के कल्याण के लिए और मिलजुल कर वैश्विक महामारी से निपटने की दिशा में काम जारी रखेंगे।”

एक अन्य ट्वीट में, पवार ने केरल के मुख्यमंत्री विजयन को बधाई दी है जहां सत्तारूढ़ माकपा नीत लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट(एलडीएफ) सत्ता पर फिर से काबिज होने के लिए तैयार है जहां पार्टी के प्रत्याशी 140 में से कम से कम 94 सीटों पर आगे चल रहे हैं।

पवार ने ट्वीट किया, “पिनराई विजयन को केरल चुनावों में ऐतिहासिक लगातार जीत पर बधाई। हमने मिलकर इन चुनावों को लड़ा और अब हम कोविड के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ेंगे।”

द्रमुक अध्यक्ष स्टालिन को बधाई देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, “एम के स्टालिन को जीत पर बधाई, वास्तव में जीत के हकदार। जिन्होंने आपमें भरोसा जताया है उन लोगों की सेवा करने की शुभकामना देता हूं।”

केरल में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के जीत की ओर अग्रसर होने के बाद माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने रविवार को राज्य की जनता का आभार जताया और कहा कि उनकी पार्टी लोगों के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों से निपटना जारी रखेगी।

येचुरी ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘माकपा नीत एलडीएफ अपनी भूमिका निभाएगा और हम आशा करते हैं कि केरल के लोग हमेशा की तरह आगे भी मजबूती के साथ खड़े रहेंगे।’’

माकपा नेता ने कोरोना महामारी में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि पूरे देशों के लोगों को मिलकर इस महामारी के खिलाफ लड़ना होगा।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरिवंद केजरीवाल ने चुनाव परिणाम को लेकर तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी और द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन को रविवार को बधाई दी।

पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और तमिलनाडु में द्रमुक जीत की ओर अग्रसर है।

केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘ बधाई, ममता दीदी जबर्दस्त जीत के लिए । क्या टक्कर दी । पश्चिम बंगाल की जनता को भी बधाई । ’’

केजरीवाल ने द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन को उनकी पार्टी के प्रदर्शन पर बधाई दी ।

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘ तमिलनाडु विधानसभा में जबर्दस्त जीत पर एम के स्टालिन को बहुत बधाई । मैं उनके सफल कार्यकाल तथा तमिलनाडु के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने की कामना करता हूं । ’’

कांग्रेस ने मानी अपनी हार

कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद रविवार को कहा कि वह जनादेश को स्वीकार करती है तथा वह इसका विश्लेषण करेगी और गलतियां सुधारेगी।

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इस बात पर जोर भी दिया कि राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस ही एकमात्र मजबूत विकल्प है।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस असम और केरल में सत्ता में वापसी करने में विफल रही, जहां वह मुख्य विपक्षी दल थी। पश्चिम बंगाल में उसका सफाया हो गया तो पुडुचेरी में भी उसे हार मिली है। तमिलनाडु में द्रमुक के नेतृत्व वाला गठबंधन जीत की ओर अग्रसर है, जिसमें कांग्रेस भी शामिल है।

सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम इन चुनाव परिणामों को पूरी विनम्रता और ज़िम्मेदारी से स्वीकार करते हैं। इस विषय पर कोई दो राय नहीं हो सकती कि चुनाव परिणाम हमारी अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं हैं, विशेषकर असम और केरल विधानसभा के चुनाव परिणाम हमारे लिए चुनौतीपूर्ण भी हैं और आशा के विपरीत भी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम चुनाव हारे हैं, पर न ही हिम्मत हारी, न मनोबल खोया और न ही आगे बढ़ते रहने का संकल्प। कांग्रेस पार्टी इन चुनाव परिणामों का पार्टी मंच पर विधानसभावार विश्लेषण करेगी और जहां जो भी कमियां रही है, भविष्य के लिए उन्हें सुधार कर हम और गंभीरता से काम करेंगे।’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘असम और केरल के चुनाव परिणाम हमारे लिए चिंतन का विषय हैं। इन दोनों ही राज्यों में हमारे कार्यकर्ताओं व नेताओं ने मिलकर धरातल पर कड़ी मेहनत की, पर जनता का मत फिर भी हमारे पक्ष में नहीं रहा। दोनों ही राज्यों में हम एक ज़िम्मेदार विपक्ष के रूप में जनता की समस्याओं को सदन में भी और सदन के बाहर भी पूरी ताकत से उठाएंगे।’’

सुरजेवाला ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को तृणमूल कांग्रेस की प्रचंड जीत की बधाई दी और कहा कि यह भाजपा के ‘विभाजनकारी एजेंडे, धनबल और बाहुबल’ की हार है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम असम में भारतीय जनता पार्टी व सर्वानंद सोनोवाल को जीत की मुबारकबाद देते हैं। हम केरल में एलडीएफ व पिनराई विजयन को भी जीत की शुभकामनाएं देते हैं। हमें उम्मीद है कि वो न केवल अपने चुनावी वादों पर खरा उतरेंगे, बल्कि महामारी के इस माहौल में हर जीवन की रक्षा हेतु अपनी सरकार की पूरी ताकत लगाएंगे। ’’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘तमिलनाडु में हम द्रमुक गठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़े। जनता ने भाजपा और अन्नाद्रमुक के गठबंधन को नकारकर हमारे गठबंधन में विश्वास जताया है। हम जनाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे और प्रदेश की प्रगति के लिए कार्य करेंगे।’’ देश में कोरोना संकट का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘इस वक्त चुनावों से भी बड़ी प्राथमिकता देश को कोविड के संकट से उबारने की है। कांग्रेस पार्टी, युवा कांग्रेस और कांग्रेस सेवादल के कार्यकर्ता लोगों की हर संभव सहायता कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा केंद्र की मोदी सरकार से अनुरोध है कि अब चुनावी जोड़-तोड़ से निकलकर कोविड संक्रमण से अप्रत्याशित तौर से जूझ रही देश की जनता के लिए इलाज, जीवनरक्षक दवाइयों, अस्पताल, बेड व ऑक्सीजन के बंदोबस्त पर ध्यान दें तथा वैक्सीनेशन कार्यक्रम पर एक राष्ट्रीय नीति बनाकर काम करें। यही सच्ची देश सेवा है।’’ एक सवाल के जवाब में सुरजेवाला ने कहा, ‘‘इस देश का सुदृढ़ संचालन केवल कांग्रेस कर सकती है। हम क्षेत्रीय नेताओं की जीत को स्वीकार करते हैं। लेकिन कांग्रेस ही एकमात्र राजनीतिक दल है जिसके पास अनुभव भी है और पूरे देश के लिए सोच भी है।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ )

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