हाल ही में समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने मोहम्मद अली जिन्ना को गाँधी, नेहरू व भारत की आज़ादी के लिए लड़ने वाले अन्य लोगों के समान रखा जिससे तमाम राजनीतिक दलों, खासतौर से दक्षिणपंथ, की ओर से उनकी निंदा की गईI मौजूदा सत्ता पक्ष की आदत है कि वह ऐतिहासिक शख्सियतों को बहुआयामी रूप में नहीं देखतीI या कोई नायक था या खलनायकI इतिहास के पन्ने के इस अंक में नीलांजन मुखोपाध्याय सलिल मिश्रा से जिन्ना के व्यक्तित्व के तमाम पहलुओं पर चर्चा कर रहे हैंI