NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
नागरिक सत्याग्रहियों ने माफ़ी मांगने से किया इंकार, देशवासियों के नाम लिखा खुला पत्र
'इस देश के लिए अहिंसा की बात उतनी ही मायने रखती है जितने धार्मिक स्थान मंदिर, मस्जि़द, गुरद्वारे या गिरजाघर। हम सभी ने ये कहते हुए प्रशासन की ओर से माफीनामा देने के निर्देश को अस्वीकार कर दिया कर दिया कि गांधी के रास्ते पर चलना, अहिंसा की बात करना गुनाह है तो हम इसे सहज स्वीकार करते हैं।'
सोनिया यादव
09 Mar 2020
 देशवासियों के नाम लिखा खुला पत्र

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में गिरफ़्तार सत्याग्रह पदयात्रियों ने जेल से देशवासियों के नाम एक बार फिर खुला पत्र लिखा है। ये पत्र 8 मार्च की दोपहर लिखा गया, इसमें भारतवासियों को संबोधित करते हुए पदयात्रियों ने अपनी यात्रा का उद्देश्य, सत्याग्रह का सफर और अपनी गिरफ्तारी की बातें लिखी हैं साथ ही देशवासियों को होली की बधाई भी दी है। इससे पहले चरण में भी उन्होंने अपनी गिरफ्तारी पर गाज़ीपुर जेल से देश के नाम पत्र लिखा था।

सत्याग्रहियों ने अपने पत्र की शुरुआत में लिखा है, ‘आज जब समूचा देश होली का त्योहार मना रहा है, ऐसे वक्त में हम 8 सत्याग्रहियों को शांतिभंग के अंदेशे में जिला प्रशासन फतेहपुर द्वारा गिरफ्तार करके पिछले तीन दिनों से जिला जेल फतेहपुर में बंद किया गया है।'

desh ke naam khatt.jpg

पत्र में सत्याग्रहियों ने लिखा है कि जेल प्रशासन लगातार उन पर फतेहपुर छोड़ने का दबाव बना रहा है। पद्यात्रियों के अनुसार, 'प्रशासन द्वारा हमारे सामने शर्त रखी गई कि हम माफीनामे पर हस्ताक्षर करें जिसमें ये लिखा गया था कि हमें शांतिभंग के अंदेशे में गिरफ्तार किया गया है और हम वचन देते हैं कि हम आगे से शांतिभंग नहीं करेंगे और अपनी यात्रा शहर से हटकर कानपुर की ओर ले जाएंगे। हम सभी ने ये कहते हुए कि प्रशासन के माफीनामे को अस्वीकार कर दिया कर दिया कि गांधी की बात करना, उनके अमन और भाईचारे की बात करना, अहिंसा के रास्ते पर चलना, कोई गुनाह नहीं है और न ही कहीं से शांतिभंग की स्थिति पैदा करना है।

यदि प्रशासन को हमारा कार्य, हमारी पदयात्रा, शांतिभंग लगता है, उनकी नज़र में ये गुनाह है तो हम उनके द्वारा गिरफ्तार करने के डर से अपने उद्देश्य नहीं छोड़ेंगे और इस गुनाह को सहज स्वीकार करेंगे। हम इसके लिए किसी भी प्रकार की कानूनी यातनाओं का भी स्वागत करेंगे। साथ ही किसी भी तरीके की जमानत नहीं लेंगे। क्योंकि इस देश के लिए मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, गिरजाघर जितना मायने रखता हा इतना ही गांधी की शांति, सौहार्द, भाईचारे और आपस में अमन कायम करना मायने रखता है जो संविधान सम्मत भी है।'

इससे पहले 7 मार्च को बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी और दिल्ली यूनिवर्सिटी के लॉ फैकल्टी ने गिरफ्तार सत्याग्रहियों की रिहाई की मांग करते हुए राष्ट्रपति को पत्र लिखा है। पत्र में पद्यात्रियों के समर्थन की बात करते हुए नागरिक सत्याग्रह पद्यात्रा के साथ एकजुटता भी दिखाई गई है।

du letter.jpg

BHU letter.jpg

अभी तक क्या-क्या हुआ

- 2 फरवरी 2020 को नागरिक सत्याग्रह पदयात्रा की शुरुआत चौरी-चौरा के शहीद स्मारक से हुई थी। यात्रा का प्रथम चरण 16 फरवरी 2020 को बनारस में सम्पन्न होना तय था।

- 11 फरवरी को लगभग 200 किमी की यात्रा करके सत्याग्रही गाजीपुर पहुंचे, यहां पुलिस ने कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए 10 सत्याग्रहियोंं को गिरफ्तार कर लिया।

-12 फरवरी को इनकी ज़मानत के लिए एसडीएम ने अजीबो-गरीब शर्तें रखीं। इसके बाद 13 फरवरी से इन सत्याग्रहियों ने जेल में भूख हड़ताल शुरू कर दी, जेल से भारतवासियों के नाम खत लिखा।

-15 फरवरी को इन लोगों के समर्थन में उपवास पर बैठे लोगों को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।

-16 फरवरी की शाम पुलिस ने सत्याग्रहियों को जेल से ज़मानत पर रिहा कर दिया।

-17 फरवरी की सुबह सत्याग्रहियों ने फिर से यात्रा शुरू की। पुलिस ने इनके समूह के 5-6 लोगों को हिरासत में ले लिया और कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए इन्हें गाजीपुर जिले से बाहर बनारस ले जाने लगी।

- 20 फरवरी को 20 दिनों की 287 किमी की पदयात्रा के बाद सत्याग्रहियों का पहला चरण बनारस में समाप्त हुआ।

- 24 फरवरी को इस यात्रा के दूसरे चरण बनारस से कानपुर की शुरुआत हुई।

- 5 मार्च को इन सत्याग्रहियों को पुलिस ने फतेहपुर से दोबारा गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

गौरतलब है कि गोरखपुर के चौरीचौरा से दिल्ली के राजघाट तक महात्मा गांधी का शांति संदेश लेकर निकली नागरिक सत्याग्रह पदयात्रा की टीम एक बार फिर उत्तर प्रदेश पुलिस के निशाने पर है। पुलिस ने आठ सत्याग्रहियों को शुक्रवार 6 मार्च फतेहपुर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। जहां पुलिस प्रशासन लगातार इन सत्याग्रहियों पर फतेहपुर छोड़ने का दवाब बना रहा है, वहीं सत्याग्रही अपनी यात्रा अपने पूर्व निर्धारित रूट से जारी रखने पर डटे हुए हैं।

Nagrik Sattyagrah
UttarPradesh
UP police
yogi sarkar
Yogi Adityanath
Mahatma Gandhi
FATEHPUR
varanasi
BHU
BJP

Related Stories

उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

ग्राउंड रिपोर्ट: चंदौली पुलिस की बर्बरता की शिकार निशा यादव की मौत का हिसाब मांग रहे जनवादी संगठन

यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

UPSI भर्ती: 15-15 लाख में दरोगा बनने की स्कीम का ऐसे हो गया पर्दाफ़ाश

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

मनरेगा मज़दूरों के मेहनताने पर आख़िर कौन डाल रहा है डाका?

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

CAA आंदोलनकारियों को फिर निशाना बनाती यूपी सरकार, प्रदर्शनकारी बोले- बिना दोषी साबित हुए अपराधियों सा सुलूक किया जा रहा


बाकी खबरें

  • sedition
    भाषा
    सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह मामलों की कार्यवाही पर लगाई रोक, नई FIR दर्ज नहीं करने का आदेश
    11 May 2022
    पीठ ने कहा कि राजद्रोह के आरोप से संबंधित सभी लंबित मामले, अपील और कार्यवाही को स्थगित रखा जाना चाहिए। अदालतों द्वारा आरोपियों को दी गई राहत जारी रहेगी। उसने आगे कहा कि प्रावधान की वैधता को चुनौती…
  • बिहार मिड-डे-मीलः सरकार का सुधार केवल काग़ज़ों पर, हक़ से महरूम ग़रीब बच्चे
    एम.ओबैद
    बिहार मिड-डे-मीलः सरकार का सुधार केवल काग़ज़ों पर, हक़ से महरूम ग़रीब बच्चे
    11 May 2022
    "ख़ासकर बिहार में बड़ी संख्या में वैसे बच्चे जाते हैं जिनके घरों में खाना उपलब्ध नहीं होता है। उनके लिए कम से कम एक वक्त के खाने का स्कूल ही आसरा है। लेकिन उन्हें ये भी न मिलना बिहार सरकार की विफलता…
  • मार्को फ़र्नांडीज़
    लैटिन अमेरिका को क्यों एक नई विश्व व्यवस्था की ज़रूरत है?
    11 May 2022
    दुनिया यूक्रेन में युद्ध का अंत देखना चाहती है। हालाँकि, नाटो देश यूक्रेन को हथियारों की खेप बढ़ाकर युद्ध को लम्बा खींचना चाहते हैं और इस घोषणा के साथ कि वे "रूस को कमजोर" बनाना चाहते हैं। यूक्रेन
  • assad
    एम. के. भद्रकुमार
    असद ने फिर सीरिया के ईरान से रिश्तों की नई शुरुआत की
    11 May 2022
    राष्ट्रपति बशर अल-असद का यह तेहरान दौरा इस बात का संकेत है कि ईरान, सीरिया की भविष्य की रणनीति का मुख्य आधार बना हुआ है।
  • रवि शंकर दुबे
    इप्टा की सांस्कृतिक यात्रा यूपी में: कबीर और भारतेंदु से लेकर बिस्मिल्लाह तक के आंगन से इकट्ठा की मिट्टी
    11 May 2022
    इप्टा की ढाई आखर प्रेम की सांस्कृतिक यात्रा उत्तर प्रदेश पहुंच चुकी है। प्रदेश के अलग-अलग शहरों में गीतों, नाटकों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का मंचन किया जा रहा है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License