NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
स्वास्थ्य
विज्ञान
डेंगू की नई वैक्सीन ने किया सफलता का दावा, मगर चिंताएँ बरक़रार
डेंगू की वैक्सीन के साथ समस्या यह है कि इसमें किसी विशेष सेरोटाइप के ख़िलाफ़ प्रतिरोधक क्षमता होती है। लेकिन इससे बचे हुए सेरोटाइप के साथ होने वाले रिएक्शन का जोखिम बढ़ जाता है।
संदीपन तालुकदार
13 Nov 2019
डेंगू की नई वैक्सीन

डेंगू का बुखार आज दुनिया के लिए चिंता की बात बन चुका है। दुनियाभर में डेंगू के मामलों में तेज़ी से बढ़ोतरी हुई है। डेंगू के ख़िलाफ़ काम करने वाली वैक्सीन की खोज के लिए पिछले कुछ सालों से कोशिश चल रही है। अब हाल ही में कई देशों में परखी गई एक प्रायोगिक वैक्सीन से शुरुआती उम्मीद मिली है। न्यू इंग्लैंड जर्नल में छपी रिपोर्ट के मुताबिक़ इस नए टेट्रावेलेंट वैक्सीन की प्रभावोत्पादकता 80.2 फ़ीसदी रही है। हालांकि डेंगू वैक्सीन के पिछले अनुभवों को देखते हुए अभी भी इसकी सुरक्षा और प्रभाव पर चिंता बनी हुई है। 

नई वैक्सीन रणनीति में एक कमज़ोर डेंगू वायरस को 4 से 16 साल की उम्र के बच्चों में अनियमित ढंग से बांट दिया गया। यह ट्रायल एशिया और लातिन अमेरिका के 8 देशों में किया गया, जहां डेंगू महामारी की तरह उभरा है। ग्राह्यों पर एक साल तक नज़र रखी गई, इसके बाद उन्हें दूसरी और अंतिम खुराक दी गई। तब देखा गया कि इनमें से कितनों को अब तक पहचाने गए डेंगू के चार प्रकारों में से किसी ने भी अपनी चपेट में लिया है या नहीं। रिसर्चर ने पाया कि ''डेंगू-2 स्ट्रेन'' के ख़िलाफ़ इस वैक्सीन की प्रभावोत्पादकता 97.7 फ़ीसदी रही।

लेकिन डेंगू के एक दूसरे प्रकार, सेरोटाइप-1 (स्ट्रेन-1) के ख़िलाफ़ इसकी प्रभावोत्पादकता 73.7 फ़ीसदी और सेरोटाइप-3 के ख़िलाफ़ 62 फ़ीसदी रही। स्ट्रेन-4 में भी कुछ लोग वैक्सीन के बावजूद डेंगू की चपेट में आ गए। नए वैक्सीन का सेरोटाइप-2 के ख़िलाफ़ ज़बरदस्त प्रतिरोध अजूबा नहीं है। क्योंकि वैक्सीन में एक अहानिकारक सेरोटाइप-2 का प्रकार शामिल किया गया था। यह वैक्सीन का आधार था। दूसरे सेरोटाइप से कुछ जीन भी टेट्रावेलेंट वैक्सीन में डाले गए थे।

पुरानी चिंताएं अभी भी जारी

फ़्रेंच कंपनी सनोफ़ी द्वारा बनाई गई वैक्सीन ''डेंगवैक्सिया'' को फ़िलिपीन्स में 10 लाख बच्चों को लगाया गया। लेकिन इसके तीन साल बाद ही डेंगवैक्सिया के साथ गंभीर समस्याएं दिखनी शुरू हो गईं। पता चला कि इस वैक्सीन से कुछ बच्चों की स्थिति और ख़राब हो सकती है। फ़िलिपींस ने 2016 में डेंगू के वायरस के ख़िलाफ़ बड़ा अभियान चलाकर स्कूली बच्चों को वैक्सीन दी थी। अब TAK-300 नाम के नए वैक्सीन में भी यही रणनीति अपनाई जा रही है। 

विशेषज्ञों का मानना है कि इतनी जल्दी कुछ भी कहना सही नहीं है। इस मामले में इतिहास को दोहराना नहीं चाहिए। यूनिवर्सिटी ऑफ़ फ़िलिपींस, मनीला में पेडियाट्रिसियन लियोनिला डांस, जो सरकारी कैम्पेन की आलोचक थीं, उनका कहना है कि नई वैक्सीन के परिणाम भी पहले जैसे, पर कुछ बेहतर नज़र आ रहे हैं। डांस का कहना है कि ''हमें अभी पूरी ट्रायल रिपोर्ट के लिए इंतज़ार करने की ज़रूरत है ताकि हम इसकी प्रभावोत्पादकता और सुरक्षा देख सकें। आदर्श तौर पर हम एक ऐसी वैक्सीन चाहते हैं जो सभी तरह के सेरोटाइप के ख़िलाफ़ काम कर सके।''

डेंगू वैक्सीन को खोजने में होने वाली परेशानियां

डेंगू वायरस के अनोखेपन के चलते इसके ख़िलाफ़ वैक्सीन बनाना बेहद मुश्किल हो जाता है। डेंगवैक्सिया से कोई व्यक्ति एक तरह के सेरोटाइप के ख़िलाफ़ प्रतिरोध पैदा कर सकता है। पर अगर यह दूसरे सेरोटाइप के संपर्क में आता है तो कई तरह की प्रतिक्रियाओं का ख़तरा बढ़ जाता है। नई वैक्सीन TAK 300 में भी ऐसी ही रणनीति को अपनाया गया है, यह सेरोटाइप-2 के ख़िलाफ़ प्रतिरोध पैदा करता है। इसलिए अभी दूसरे सेरोटाइप से बढ़ने वाले ख़तरों के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। हर साल क़रीब 39 करोड़ लोग दुनियाभर में डेंगू की चपेट में आते हैं। हालांकि यह हमेशा जानलेवा नहीं होता, लेकिन कुछ मामलों में डेंगू बेहद चिंताजनक हो जाता है। ज़रूरी है कि डेंगू की वैक्सीन में चारों सेरोटाइप के ख़िलाफ़ प्रतिरोधक क्षमता हो।

TAK 300
Dengvaxia
Dengue Vaccine
Serotype

Related Stories

मथुरा में डेंगू से मरती जनता, और बांसुरी बजाते योगी!


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पटना : जीएनएम विरोध को लेकर दो नर्सों का तबादला, हॉस्टल ख़ाली करने के आदेश
    06 May 2022
    तीन वर्षीय जीएनएम डिप्लोमा कोर्स में वर्तमान में 198 छात्राएं हैं। उनका कहना है कि पीएमसीएच कैंपस में विभिन्न विभागों में और वार्डों में बड़े पैमाने पर क्लिनिकल प्रशिक्षण की सुविधा है।
  • विजय विनीत
    अब विवाद और तनाव का नया केंद्र ज्ञानवापी: कोर्ट कमिश्नर के नेतृत्व में मस्जिद का सर्वे और वीडियोग्राफी शुरू, आरएएफ तैनात
    06 May 2022
    सर्वे का काम तीन दिन चल सकता है। शाम पांच बजे के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद के एक किमी के दायरे को कानून व्यवस्था के लिहाज से खाली करा लिया गया। मौके पर दंगा नियंत्रक उपकरणों के साथ…
  • Press Freedom Index
    न्यूज़क्लिक टीम
    Press Freedom Index में 150वें नंबर पर भारत,अब तक का सबसे निचला स्तर
    06 May 2022
    World Press Freedom Index को किस तरह से पढ़ा जाना चाहिए? डिजिटल की दुनिया में अभिव्यक्ति की स्वत्नत्रता के प्लेटफॉर्म बढे है तो क्या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भी बढ़ी है? आबादी के लिहाज़ से दुनिया के…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    मोदी-शाह राज में तीन राज्यों की पुलिस आपस मे भिड़ी!
    06 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में अभिसार बात कर रहे हैं तेजिंदर पाल सिंह बग्गा के गिरफ़्तारी और पूरे मामले की।
  • भाषा
    चुनावी वादे पूरे नहीं करने की नाकामी को छिपाने के लिए शाह सीएए का मुद्दा उठा रहे हैं: माकपा
    06 May 2022
    माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि शाह का यह कहना कि सीएए को पश्चिम बंगाल में लागू किया जाएगा, इस तथ्य को छिपाने का एक प्रयास है कि 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले इस मुद्दे पर…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License