NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
उच्चतम न्यायालय में नौ नए न्यायाधीश नियुक्त, न्यायमूर्ति नागरत्ना 2027 में बन सकती है पहली महिला प्रधान न्यायाधीश
उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की अधिकतम संख्या 34 हो सकती है और इस समय शीर्ष अदालत में 10 पद रिक्त हैं। आगामी दिनों में नए न्यायाधीशों के शपथ ग्रहण करने के बाद शीर्ष अदालत में केवल एक रिक्त पद रह जाएगा।
भाषा
26 Aug 2021
उच्चतम न्यायालय में नौ नए न्यायाधीश नियुक्त, न्यायमूर्ति नागरत्ना 2027 में बन सकती है पहली महिला प्रधान न्यायाधीश

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय में तीन महिलाओं समेत नौ नए न्यायाधीशों को बृहस्पतिवार को नियुक्त किया गया और इसी के साथ न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना के सितंबर, 2027 में पहली महिला प्रधान न्यायाशीध (सीजेआई) बनने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनके नियुक्ति पत्रों पर हस्ताक्षर किए। उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की अधिकतम संख्या 34 हो सकती है और इस समय शीर्ष अदालत में 10 पद रिक्त हैं। आगामी दिनों में नए न्यायाधीशों के शपथ ग्रहण करने के बाद शीर्ष अदालत में केवल एक रिक्त पद रह जाएगा।

सूत्रों ने बताया कि नए न्यायाधीशों की नियुक्ति के संबंध में विधि मंत्रालय जल्द ही औपचारिक अधिसूचना जारी करेगा।

न्यायालय के कॉलेजियम ने एक अभूतपूर्व निर्णय के तहत तीन महिला न्यायाधीशों को उच्चतम न्यायालय में नियुक्त करने की पिछले सप्ताह सिफारिश की थी। कर्नाटक उच्च न्यायालय की तीसरी सबसे वरिष्ठतम न्यायाधीश नागरत्ना के अलावा गुजरात उच्च न्यायालय की पांचवीं सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश बेला एम त्रिवेदी और तेलंगाना उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश हिमा कोहली को भी उच्चतम न्यायालय में नियुक्त किया गया है।

न्यायमूर्ति कोहली 62 वर्ष की आयु होने पर एक सितंबर को सेवानिवृत्त होने वाली थीं क्योंकि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश 62 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होते हैं, लेकिन उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति के लिए आयु 65 वर्ष है।

तीन महिला न्यायाधीशों के अलावा केरल उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सी टी रवि कुमार और मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एम एम सुंदरेश को भी शीर्ष अदालत में नियुक्त किया गया है।

वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पी एस नरसिम्हा ऐसे छठे वकील हैं, जिन्हें बार से सीधे न्यायालय में नियुक्ति मिली है। न्यायमूर्ति कोहली के अलावा विभिन्न उच्च न्यायालयों के जिन मुख्य न्यायाधीशों को उच्चतम न्यायालय में पदोन्नत किया गया है, उनमें न्यायमूर्ति अभय श्रीनिवास ओका (कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश), न्यायमूर्ति विक्रम नाथ (गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश) और न्यायमूर्ति जितेंद्र कुमार माहेश्वरी (सिक्किम उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश) शामिल हैं।

न्यायमूर्ति नागरत्ना का जन्म 30 अक्टूबर, 1962 को हुआ था और वह पूर्व प्रधान न्यायाधीश ई एस वेंकटरमैया की बेटी हैं। उन्होंने 28 अक्टूबर, 1987 को बेंगलुरु में वकील के रूप में पंजीकरण कराया था और संविधान, वाणिज्य, बीमार एवं सेवा के क्षेत्रों में वकालत की। उन्हें 18 फरवरी, 2008 को कर्नाटक उच्च न्यायालय की अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया और 17 फरवरी, 2010 को स्थायी न्यायाधीश बनाया गया।

उच्चतम न्यायालय की न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल 29 अक्टूबर, 2027 तक होगा और 23 सितंबर, 2027 के बाद पहली महिला प्रधान न्यायाधीश बनने के बाद वह सीजेआई के रूप में संभवत: एक महीने से अधिक समय तक कार्यभार संभालेंगी।

न्यायमूर्ति कोहली का जन्म दो सितंबर, 1959 को दिल्ली में हुआ। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर से एलएलबी की डिग्री ली और वह 1999-2004 तक दिल्ली उच्च न्यायालय में नयी दिल्ली नगर परिषद की स्थायी वकील और कानूनी सलाहकार थीं। उन्हें 29 मई, 2006 को दिल्ली उच्च न्यायालय की अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया और उन्होंने 29 अगस्त, 2007 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में शपथ ली और वह बाद में सात जनवरी, 2021 को तेलंगाना उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश बनीं।

न्यायमूर्ति त्रिवेदी का जन्म 10 जून 1960 को हुआ। वह नौ फरवरी, 2016 से गुजरात उच्च न्यायालय की न्यायाधीश हैं और न्यायिक सेवा श्रेणी से संबंधित हैं।

छह अक्टूबर 1989 को उच्चतम न्यायालय की न्यायाधीश बनीं फातिमा बीवी के अलावा अब तक शीर्ष अदालत में सात और महिला न्यायाधीशों की नियुक्ति की जा चुकी है। इन महिला न्यायाधीशों में न्यायमूर्ति सुजाता वसंत मनोहर, न्यायमूर्ति रूमा पाल, न्यायमूर्ति ज्ञान सुधा मिश्रा, न्यायमूर्ति रंजना देसाई, न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी शामिल हैं।

Supreme Court
CJI
B. V. Nagarathna

Related Stories

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल

मायके और ससुराल दोनों घरों में महिलाओं को रहने का पूरा अधिकार

जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?

विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

मलियाना कांडः 72 मौतें, क्रूर व्यवस्था से न्याय की आस हारते 35 साल

क्या ज्ञानवापी के बाद ख़त्म हो जाएगा मंदिर-मस्जिद का विवाद?


बाकी खबरें

  • एम. के. भद्रकुमार
    पुतिन की अमेरिका को यूक्रेन से पीछे हटने की चेतावनी
    29 Apr 2022
    बाइडेन प्रशासन का भू-राजनीतिक एजेंडा सैन्य संघर्ष को लम्बा खींचना, रूस को सैन्य और कूटनीतिक लिहाज़ से कमज़ोर करना और यूरोप को अमेरिकी नेतृत्व पर बहुत ज़्यादा निर्भर बना देना है।
  • अजय गुदावर्ती
    भारत में धर्म और नवउदारवादी व्यक्तिवाद का संयुक्त प्रभाव
    28 Apr 2022
    नवउदारवादी हिंदुत्व धर्म और बाजार के प्रति उन्मुख है, जो व्यक्तिवादी आत्मानुभूति पर जोर दे रहा है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    जहाँगीरपुरी हिंसा : "हिंदुस्तान के भाईचारे पर बुलडोज़र" के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन
    28 Apr 2022
    वाम दलों ने धरने में सांप्रदायिकता के ख़िलाफ़ व जनता की एकता, जीवन और जीविका की रक्षा में संघर्ष को तेज़ करने के संकल्प को भी दोहराया।
  • protest
    न्यूज़क्लिक टीम
    दिल्ली: सांप्रदायिक और बुलडोजर राजनीति के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन
    28 Apr 2022
    वाम दलों ने आरएसएस-भाजपा पर लगातार विभाजनकारी सांप्रदायिक राजनीति का आरोप लगाया है और इसके खिलाफ़ आज(गुरुवार) जंतर मंतर पर संयुक्त रूप से धरना- प्रदर्शन किया। जिसमे मे दिल्ली भर से सैकड़ों…
  • ज़ाकिर अली त्यागी
    मेरठ : जागरण की अनुमति ना मिलने पर BJP नेताओं ने इंस्पेक्टर को दी चुनौती, कहा बिना अनुमति करेंगे जागरण
    28 Apr 2022
    1987 में नरसंहार का दंश झेल चुके हाशिमपुरा का  माहौल ख़राब करने की कोशिश कर रहे बीजेपी नेताओं-कार्यकर्ताओं के सामने प्रशासन सख़्त नज़र आया।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License