NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
पुतिन की अमेरिका को यूक्रेन से पीछे हटने की चेतावनी
बाइडेन प्रशासन का भू-राजनीतिक एजेंडा सैन्य संघर्ष को लम्बा खींचना, रूस को सैन्य और कूटनीतिक लिहाज़ से कमज़ोर करना और यूरोप को अमेरिकी नेतृत्व पर बहुत ज़्यादा निर्भर बना देना है।
एम. के. भद्रकुमार
29 Apr 2022
Russia US
यूक्रेन सुरक्षा सलाहकार समूह की बैठक की अध्यक्षता करते हुए यूएस रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन (दायें से तीसरे), जर्मनी, 26 अप्रैल, 2022

यूक्रेन में दो महीनों से चल रहे युद्ध की पश्चिमी अवधारणा "लोकतंत्र बनाम निरंकुशता" की बयानबाज़ी से ओत-प्रोत रहा है, लेकिन इस स्थिति में विदेशमंत्री एंटनी ब्लिंकन और अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन के कीव दौरे के बाद सोमवार को पोलैंड में एक संवाददाता सम्मेलन में लॉयड ऑस्टिन की ओर से दिये गये उस बयान के साथ नाटकीय रूप से बदलाव आ गया है कि वाशिंगटन "रूस को कमज़ोर देखना चाहता है।"

न्यूयॉर्क टाइम्स में डेविड सेंगर ने इस बात का ज़िक़्र किया है कि ऑस्टिन " यूक्रेन के नियंत्रण को लेकर चल रही लड़ाई से उस संघर्ष में आये बदलाव को स्वीकार कर रहे थे, जो कि वाशिंगटन को सीधे मास्को के ख़िलाफ़ खड़ा कर देता है।" लेकिन वास्तव में यह कोई बदलाव नहीं है। वाशिंगटन पोस्ट में सेंगर के सहयोगी डेविड इग्नाटियस ने तीन महीने पहले लिखा था कि बाइडेन प्रशासन रूस को यूक्रेन में उलझाये रखने के लिए एक रोड मैप पर काम कर रहा है और रूस को इस तरह से फंसाया जायेगा कि रूस विश्व मंच पर बहुत ही मामूली शक्ति बनकर रह जाये।

कोई शक नहीं कि क्रेमलिन के लिए ऑस्टिन की यह टिप्पणी हैरत में डालने वाली नहीं होगी। जैसा कि हाल ही में सोमवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने क्रेमलिन में एक बैठक में दोहराया कि अमेरिका और उसके सहयोगियों ने "रूसी समाज को विभाजित करने और रूस को भीतर से तबाह करने" की कोशिश की है।

पुतिन ने बुधवार को इस मामले पर फिर से ध्यान दिलाते हुए कहा कि "ऐतिहासिक रूप से रूस को नियंत्रित करने के उद्देश्य से इस नीति पर चलते रहने वाली ताक़तों को उनके विचार में इतने स्वतंत्र और बड़े देश की ज़रूरत नहीं है, यहां तक कि बहुत बड़े देश की भी ज़रूरत नहीं है। उनका मानना है कि इसका वजूद ही उनके लिए ख़तरा है।”

हक़ीक़त तो यही है कि कई तजुर्बेकार पश्चिमी पर्यवेक्षकों का आकलन था कि क्रेमलिन प्रभावी रूप से अमेरिका के बिछाये उस जाल में फंस गया है, जिसका मक़सद पुतिन के शासन को कमज़ोर करना है। ज़रा 26 मार्च के चूक भरे बयान को याद कीजिए,जिसे सिर्फ़ चूक नहीं माना जा सकता,जिसमें राष्ट्रपति बाइडेन ने वारसॉ में बोलते हुए बिना तैयारी और अलिखित टिप्पणी में कह दिया था, "भगवान के लिए, यह आदमी (पुतिन) सत्ता में नहीं रह सकता।"

इसके बावजूद, ऑस्टिन की टिप्पणी यह संकेत देती है कि भू-राजनीतिक स्थिति में एक ऐसा नाटकीय बदलाव आने जा रहा है, जिसके सकारात्मक या नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं। सोमवार को रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने पश्चिम देशों को चेतावनी दी कि रूस-यूक्रेन युद्ध में पश्चिम के शामिल रहने से तीसरे विश्व युद्ध के "गंभीर" और "वास्तविक" जोखिम हैं और "हमें इस बात कमतर करके नहीं आंकना चाहिए।"

यह तय माना जाना चाहिए कि यह संघर्ष धीरे-धीरे,मगर लगातार एक नये चरण में दाखिल होता जा रहा है। नाटो के नियमित सैन्य टुकड़ियों के विदेशी लड़ाके और सैनिक यूक्रेनी सेना की अग्रिम पंक्तियों की ताक़त को तेज़ी से मज़बूत किया जा रहा है।

ऐसे में जो कुछ दिखाया जा रहा है,उसे भी समझने की ज़रूरत है। मारियुपोल का रूसी सेना के हाथ में आ जाने के तुरंत बाद ऑस्टिन इस युद्ध का सिंहनाद कर पाते हैं। नाटो देशों के कुछ हज़ार यूक्रेनी राष्ट्रवादी और कुछ सौ सैन्यकर्मी शहर के अज़ोवस्तल परिसर में उस भूमिगत भंवरजाल में फंस गये हैं, जिसे रूसी सेना ने बंद कर दिया है। यह अमेरिका की प्रतिष्ठा के लिहाज़ से एक ज़बरदस्त झटका है।

रूसी विशेष अभियान अपने ट्रैक पर है।उधर यूके के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के शब्द चित्र को उधार लेते हुए कहा जाये,तो यूक्रेनी सेना को "पीसकर" मटियामेट कर दिया गया है। सोमवार को रूसी उच्च स्तर के सटीक निशाना लगाने वाले मिसाइलों ने पश्चिमी यूक्रेन में कम से कम छह रेलवे सब-स्टेशनों-क्रास्नोए, ज़्डोलबुनोव, ज़मेरिंका, बर्दिचेव, कोवेल, कोरोस्टेन को तबाह करते हुए रेलवे सुविधाओं को भी नष्ट कर दिया, जो कि डोनबास क्षेत्र में यूक्रेनी सेना के लिए पश्चिमी हथियारों की आपूर्ति के हिसाब से प्रमुख ट्रांसशिपमेंट पॉइंट थे। यूक्रेन के कई पश्चिमी क्षेत्रों में रेल संचार प्रभावी रूप से अवरुद्ध हो गया है।

पूर्वी क्षेत्रों से आ रही रिपोर्टें बताती हैं कि यूक्रेनी सेना को भारी नुक़सान हो रहा है। रूसी सेना ने क्रेमेनया शहर पर कब्ज़ा कर लिया है और उस लाइमन शहर की ओर बढ़ रहे हैं, जो उन्हें पूर्व से स्लाव्यास्क की तरफ़ जाने वाली एक सीधी सड़क पर नियंत्रण करने में सहूलियत देगा।

ऑस्टिन की बहुप्रचारित बयानबाज़ी के बावजूद यूक्रेन के जीतने का कोई संकेत नहीं दिखा रहा है, बल्कि वहां ख़ून बह रहा है, और यूक्रेनी सरकार के तहत आने वाले वास्तविक नियंत्रण क्षेत्रे लगातार सिकुड़ते जा रहे हैं। अमेरिकी अधिकारी इस बात को स्वीकार करते हैं कि पेंटागन में उन हथियारों को ट्रैक करने की क्षमता नहीं है, जिन्हें इस युद्ध में इस्तेनमाल किया जा रहा है। फिर भी, बाइडेन प्रशासन ने अब तक यूक्रेन पर तक़रीबन 4 बिलियन डॉलर ख़र्च कर दिये हैं। ऐसे में कई बातें कही-सुनी जा रही है। अमेरिकी आपूर्ति के वास्तविक लाभार्थी कौन हैं ? यूक्रेन में भ्रष्टाचार का स्तर एक सैन्य टुकड़ी है। 

चाहे जो कुछ भी कहा जा रहा हो,मगर सचाई तो यही है कि यूक्रेनी लड़ाकू टुकड़ियों को भारी मात्रा में भारी हथियारों को पहुंचा पाने में कई हफ़्ते या कई महीने लग जायेंगे, लेकिन इस बीच डोनबास की लड़ाई लगभग पूरी तरह से ज़मीन पर मौजूदा ताक़त के आधार पर ही लड़ी जायेगी। इस हफ़्ते अमेरिकी सेना के एक पूर्व कर्नल और बहुत सारे मीडिया संस्थाओं में बतौर टिप्पणीकार आने वाले डैनियल डेविस ने एक विस्तृत विश्लेषण में निष्कर्ष निकालते हुए कहा है, "पश्चिमी देशों की सरकारों को हथियारों के लिए एक सुसंगत योजना के साथ तैयार होने, हथियारों को भेजने और किट को एक समय सीमा में उसे उस गंतव्य तक पहुंचाने में समय लगेगा, जो कीव के सैनिकों को रूस के ख़िलाफ़ संतुलन बनाने की क्षमता प्रदान कर सके।”  

लब्बोलुआब यही है कि बाइडेन प्रशासन का भू-राजनीतिक एजेंडा इस सैन्य संघर्ष को लम्बा खींचना है, जो रूस को सैन्य और कूटनीतिक रूप से कमजोर करने के अलावा, यूरोप को युद्ध के मैदान में बदल देगा और आने वाले बहुत लंबे समय के लिए इस महाद्वीप को अमेरिकी नेतृत्व पर बहुत ज़्यादा निर्भर बना देगा। बाइडेन के लिए तो यह युद्ध एक चुनावी साल में अमेरिकी राजनीति में ज़रूरी चीज़ों से ध्यान हटाने के लिहाज़ से एक उपयोगी उन्माद है।

ऑस्टिन ने सोमवार को जर्मनी में अमेरिकी सैनिक अड्डे पर अमेरिका के सहयोगियों के एक सम्मेलन की मेज़बानी की थी, जिसमें यूक्रेन की आत्मरक्षा पर एक मासिक संपर्क समूह बनाने को लेकर "लंबी दौड़ के लिए यूक्रेन की सेना को मज़बूत करने की कोशिशों" का समन्वय किया गया। इसमें "राज़ी होने वालों के गठबंधन" का अशुभ रूप दिखता है। यहां तक कि इसमें इस्राइल को भी शामिल किया गया था। लेकिन, अमेरिका यूक्रेन में विशेष अभियान के पीछे के उद्देश्यों को पूरी तरह से साकार करने के सिलसिले में रूस के फ़ौलादी संकल्प को कम करके आंका जा रहा है। चाहे कुछ भी हो जाये,मॉस्को किसी रुकावट के रोके नहीं रुकेगा।

पुतिन ने कल कड़ी चेतावनी देते हुए कहा, "अगर कोई भी बाहरी ताक़त मौजूदा घटनाक्रम में हस्तक्षेप करने को लेकर आगे बढ़ती है, तो उन्हें पता होना चाहिए कि वे वास्तव में रूस के लिए रणनीतिक खतरे पैदा करेंगे, जो हमारे लिए अस्वीकार्य हैं, और उन्हें पता होना चाहिए कि जवाबी हमलों की हमारी प्रतिक्रिया तत्काल होगी, त्वरित होगी।”

ऐसा कहते हुए पुतिन के दिमाग़ में साफ़ था कि कि रूस के पास जो सैन्य क्षमतायें हैं, उसकी बराबरी अमेरिका नहीं कर सकता। पुतिन ने चेताते हुए कहा, "हमारे पास ऐसा करने के लिए सभी तरह के अस्त्र-शस्त्र हैं, ऐसे-ऐसे अस्त्र-शस्त्र, जिनके होने का दावा इस समय कोई दूसरा नहीं कर सकता, लेकिन हमारे पास हैं,और हम ऐसा कहते हुए डींग नही हांक रहे। ज़रूरत पड़ने पर हम उनका इस्तेमाल करेंगे और मैं चाहूंगा कि हर कोई इसके बारे में जागरूक रहे। हमने इस सिलसिले में तमाम ज़रूरी फ़ैसले ले लिए हैं।”

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

Putin Warns US to Back off in Ukraine

RUSSIAN OPERATION IN UKRAINE
US-Russia

Related Stories

बाइडेन ने रूस के प्रति अपनी आक्रमकता को कम किया

बाइडेन के व्हाइट हाउस ने क्रेमलिन को दिया चकमा

बाइडेन को रूस से संबंध का पूर्वानुमान

बाइडेन - पुतिन शिखर सम्मेलन से क्या कुछ हासिल?

कई मोर्चों पर भड़कता अमेरिका-रूस तनाव

कद्दावर अमेरिकी सीनेटर ने पुतिन के ख़िलाफ़ मोदी को चेताया


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली उच्च न्यायालय ने क़ुतुब मीनार परिसर के पास मस्जिद में नमाज़ रोकने के ख़िलाफ़ याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार किया
    06 Jun 2022
    वक्फ की ओर से प्रस्तुत अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि यह एक जीवंत मस्जिद है, जो कि एक राजपत्रित वक्फ संपत्ति भी है, जहां लोग नियमित रूप से नमाज अदा कर रहे थे। हालांकि, अचानक 15 मई को भारतीय पुरातत्व…
  • भाषा
    उत्तरकाशी हादसा: मध्य प्रदेश के 26 श्रद्धालुओं की मौत,  वायुसेना के विमान से पहुंचाए जाएंगे मृतकों के शव
    06 Jun 2022
    घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद शिवराज ने कहा कि मृतकों के शव जल्दी उनके घर पहुंचाने के लिए उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से वायुसेना का विमान उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था, जो स्वीकार कर लिया…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    आजमगढ़ उप-चुनाव: भाजपा के निरहुआ के सामने होंगे धर्मेंद्र यादव
    06 Jun 2022
    23 जून को उपचुनाव होने हैं, ऐसे में तमाम नामों की अटकलों के बाद समाजवादी पार्टी ने धर्मेंद्र यादव पर फाइनल मुहर लगा दी है। वहीं धर्मेंद्र के सामने भोजपुरी सुपरस्टार भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं।
  • भाषा
    ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉनसन ‘पार्टीगेट’ मामले को लेकर अविश्वास प्रस्ताव का करेंगे सामना
    06 Jun 2022
    समिति द्वारा प्राप्त अविश्वास संबंधी पत्रों के प्रभारी सर ग्राहम ब्रैडी ने बताया कि ‘टोरी’ संसदीय दल के 54 सांसद (15 प्रतिशत) इसकी मांग कर रहे हैं और सोमवार शाम ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में इसे रखा जाएगा।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 
    06 Jun 2022
    देश में कोरोना के मामलों में आज क़रीब 6 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है और क़रीब ढाई महीने बाद एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 25 हज़ार से ज़्यादा 25,782 हो गयी है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License