NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
पाकिस्तान
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने कुलभूषण जाधव को अपील का अधिकार देने के लिए विधेयक पारित किया
विधेयक पारित होने के बाद, कानून मंत्री फरोग नसीम ने कहा कि अगर उन्होंने विधेयक पारित नहीं किया होता तो भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद चला जाता और आईसीजे में पाकिस्तान के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू कर देता।
भाषा
11 Jun 2021
Kulbhushan Jadhav

इस्लामाबाद: पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने सरकार समर्थित एक विधेयक पारित किया है जो सजायाफ्ता भारतीय कैदी कुलभूषण जाधव को अपील का अधिकार देगा। मीडिया में आई एक खबर में यह जानकारी सामने आई है।

‘डॉन’ समाचार-पत्र ने खबर दी कि नेशनल असेंबली ने अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (समीक्षा एवं पुनर्विचार) विधेयक, 2020 को बृहस्पतिवार को पारित किया जिसका लक्ष्य कथित भारतीय जासूस जाधव को अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) के फैसले के अनुरूप राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराना है।

भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी, 51 वर्षीय जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी एवं आतंकवाद के आरोपों में अप्रैल 2017 को दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई थी। भारत ने जाधव को राजनयिक पहुंच न देने और मौत की सजा को चुनौती देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ आईसीजे का रुख किया था।

द हेग स्थित आईसीजे ने जुलाई 2019 में फैसला दिया कि पाकिस्तान को जाधव को दोषी ठहराने और सजा सुनाने संबंधी फैसले की ‘‘प्रभावी समीक्षा एवं पुनर्विचार” करना चाहिए और बिना किसी देरी के भारत को जाधव के लिए राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराने देने का भी अवसर देना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने अपने 2019 के फैसले में पाकिस्तान को, जाधव को दी गई सजा के खिलाफ अपील करने के लिए उचित मंच उपलब्ध कराने को कहा था।

विधेयक पारित होने के बाद, कानून मंत्री फरोग नसीम ने कहा कि अगर उन्होंने विधेयक पारित नहीं किया होता तो भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद चला जाता और आईसीजे में पाकिस्तान के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू कर देता। नसीम ने कहा कि विधेयक आईसीजे के फैसले के मद्देनजर पारित किया गया है। उन्होंने कहा कि विधेयक पारित कर उन्होंने दुनिया को साबित कर दिया कि पाकिस्तान एक “जिम्मेदार राष्ट्र” है।

नेशनल असेंबली ने चुनाव (सुधार) विधेयक समेत 20 अन्य विधेयक भी पारित किए।

विपक्षी सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया और तीन बार कोरम (कार्यवाही के दौरान उपस्थित सदस्यों की तय से कम संख्या) की कमी की ओर इशारा किया लेकिन हर बार सदन के अध्यक्ष ने सदन में पर्याप्त संख्या घोषित की और काम-काज जारी रखा जिससे विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया।

विपक्षी सदस्य अध्यक्ष के आसन के सामने आ गए और नारेबाजी की।

सरकार के कदम की आलोचना करते हुए पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के सांसद एहसान इकबाल ने कहा कि इस कदम ने जाधव को राहत देने के लिए विधेयक को भारी विधायी एजेंडा में शामिल किया। इकबाल ने कहा कि यह व्यक्ति विशेष विधेयक था और जाधव का नाम विधेयक के उद्देश्यों और कारणों के विवरण में शामिल था। उन्होंने कहा कि जब देश का कानून उच्च न्यायालयों को सैन्य अदालतों द्वारा सुनाई गई सजा की समीक्षा का प्रावधान करता है तो इस विधेयक को लाने की क्या जरूरत थी।

जाधव के मामले में आईसीजे के फैसले के तुरंत बाद पिछले साल मई में सरकार ने अध्यादेश लाकर कानून को पहले ही अमल में ला दिया था।

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने सदन अध्यक्ष से सदस्यों को विधेयक का अध्ययन करने के लिए कुछ वक्त देने को कहा। उन्होंने, पहले अध्यादेश के माध्यम से विधेयक लाने और फिर विधेयक पारित कर जाधव को राहत देने के लिए सरकार की आलोचना की।

कानून मंत्री नसीम ने कहा कि वह विपक्ष का आचरण देख कर स्तब्ध रह गए और ऐसा लगता है कि विपक्ष ने आईसीजे का फैसला नहीं पढ़ा। उनके अनुसार, आईसीजे ने साफ कहा है कि पाकिस्तान जाधव को, फैसले की समीक्षा का उनका अधिकार देने के लिए एक प्रभावी कानून बनाए।

kulbhushan jadhav
Pakistan
Pakistan’s National Assembly

Related Stories

जम्मू-कश्मीर के भीतर आरक्षित सीटों का एक संक्षिप्त इतिहास

पाकिस्तान में बलूच छात्रों पर बढ़ता उत्पीड़न, बार-बार जबरिया अपहरण के विरोध में हुआ प्रदर्शन

रूस पर बाइडेन के युद्ध की एशियाई दोष रेखाएं

शहबाज़ शरीफ़ पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री निर्वाचित

कार्टून क्लिक: इमरान को हिन्दुस्तान पसंद है...

इमरान के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के लिए पाक संसद का सत्र शुरू

पकिस्तान: उच्चतम न्यायालय से झटके के बाद इमरान ने बुलाई कैबिनेट की मीटिंग

पाकिस्तान के राजनीतिक संकट का ख़म्याज़ा समय से पहले चुनाव कराये जाने से कहीं बड़ा होगा

पड़ताल दुनिया भर कीः पाक में सत्ता पलट, श्रीलंका में भीषण संकट, अमेरिका और IMF का खेल?

पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता के पीछे क्या कारण हैं?


बाकी खबरें

  • general strike
    न्यूज़क्लिक टीम
    क्यों है 28-29 मार्च को पूरे देश में हड़ताल?
    27 Mar 2022
    भारत के औद्योगिक श्रमिक, कर्मचारी, किसान और खेतिहर मज़दूर ‘लोग बचाओ, देश बचाओ’ के नारे के साथ 28-29 मार्च 2022 को दो दिवसीय आम हड़ताल करेंगे। इसका मतलब यह है कि न सिर्फ देश के विशाल विनिर्माण क्षेत्र…
  • Bhagat Singh
    न्यूज़क्लिक टीम
    शहीद भगत सिंह के इतिहास पर एस. इरफ़ान हबीब
    27 Mar 2022
    'इतिहास के पन्ने मेरी नज़र से' के इस एपिसोड में नीलांजन ने बात की है इतिहासकार एस. इरफ़ान हबीब से भगत सिंह के इतिहास पर।
  • Raghav Chadha
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: पंजाब में राघव चड्ढा की भूमिका से लेकर सोनिया गांधी की चुनौतियों तक..
    27 Mar 2022
    हर हफ़्ते की प्रमुख ख़बरों को लेकर एकबार फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन…
  • jaunpur violence against dalits
    विजय विनीत
    उत्तर प्रदेश: योगी के "रामराज्य" में पुलिस पर थाने में दलित औरतों और बच्चियों को निर्वस्त्र कर पीटेने का आरोप
    27 Mar 2022
    आरोप है कि बदलापुर थाने में औरतों और बच्चियों को पीटने से पहले सीसीटीवी कैमरे बंद कर दिए गए। पहले उनके कपड़े उतरवाए गए और फिर बेरहमी से पीटा गया। औरतों और लड़कियों ने पुलिस पर यह भी आरोप लगाया कि वे…
  • सोनिया यादव
    अपने ही देश में नस्लभेद अपनों को पराया बना देता है!
    27 Mar 2022
    भारत का संविधान सभी को धर्म, जाति, भाषा, वेशभूषा से परे बिना किसी भेदभाव के एक समान होने की बात करता है, लेकिन नस्लीय भेद इस अनेकता में एकता की भावना को कलंकित करता है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License