NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
पाकिस्तान
पकिस्तान: उच्चतम न्यायालय से झटके के बाद इमरान ने बुलाई कैबिनेट की मीटिंग
उच्चतम न्यायालय के इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी के विवादास्पद फैसले को रद्द करने के बाद, इमरान ने आज यानी शुक्रवार दोपहर 2 बजे कैबिनेट की मीटिंग बुलाई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मीटिंग के बाद शाम को वे एक बार फिर देश को संबोधित करेंगे।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
08 Apr 2022
imran khan

इस्लामाबाद: उच्चतम न्यायालय के इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी के विवादास्पद फैसले को रद्द करने के बाद, इमरान ने आज यानी शुक्रवार दोपहर 2 बजे कैबिनेट की मीटिंग बुलाई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मीटिंग के बाद शाम को वे एक बार फिर देश को संबोधित करेंगे। खबरों की मानें तो इमरान खान अपने संबोधन में इस्तीफे का ऐलान कर सकते हैं।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को बृहस्पतिवार को तब झटका लगा जब देश के उच्चतम न्यायालय ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी के विवादास्पद फैसले को रद्द कर दिया। साथ ही शीर्ष अदालत ने यह कहते हुए नेशनल असेंबली को बहाल करने का आदेश दिया कि संसद भंग करने और चुनाव कराने का प्रधानमंत्री का कदम ‘‘असंवैधानिक’’ था।

प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा, ‘‘उपाध्यक्ष का फैसला संविधान और कानून के विपरीत था और इसका कोई कानूनी प्रभाव नहीं था और इसे रद्द किया जाता है।’’

न्यायमूर्ति बंदियाल ने कहा, ‘‘उपाध्यक्ष ने तीन अप्रैल को एक फैसला सुनाया था। 28 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव पर अनुमति दी गई थी। अध्यक्ष के फैसले को असंवैधानिक घोषित किया जाता है।’’

अदालत ने प्रधानमंत्री खान द्वारा राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को नेशनल असेंबली भंग करने की सलाह को भी ‘असंवैधानिक’ घोषित किया।

पीठ में न्यायमूर्ति इजाजुल अहसन, न्यायमूर्ति मोहम्मद अली मजहर मियांखेल, न्यायमूर्ति मुनीब अख्तर और न्यायमूर्ति जमाल खान मंडोखेल भी शामिल थे। पीठ ने प्रधानमंत्री खान और उनके कैबिनेट को तीन अप्रैल की स्थिति के अनुसार उनके पदों पर बहाल कर दिया।

शीर्ष अदालत ने स्पीकर को 9 अप्रैल को सुबह 10 बजे नेशनल असेंबली का सत्र बुलाने का आदेश दिया ताकि अविश्वास प्रस्ताव पर मतविभाजन किया जा सके। अदालत ने आदेश दिया कि यदि अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाता है तो नये प्रधानमंत्री का चुनाव कराया जाए।

प्रधानमंत्री खान को सत्ता से हटाने के लिए विपक्षी दलों को 342 सदस्यीय सदन में 172 सदस्यों की आवश्यकता है और पहले से ही उन्होंने जरूरत से ज्यादा संख्या बल दिखाया है। अब खान के सामने पाकिस्तान के इतिहास में पहला ऐसा प्रधानमंत्री होने की संभावना है, जिन्हें अविश्वास प्रस्ताव से बाहर कर दिया जाएगा।

क्रिकेटर से नेता बने 69 वर्षीय खान 'नया पाकिस्तान' बनाने के वादे के साथ 2018 में सत्ता में आए थे, लेकिन जरूरी वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रण में रखने की बुनियादी समस्या को दूर करने में बुरी तरह विफल रहे। नेशनल असेंबली का वर्तमान कार्यकाल अगस्त, 2023 में समाप्त होना था।

कोई भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर सका है। शीर्ष अदालत के फैसले से पहले उच्चतम न्यायालय के अंदर और आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी।

खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी से जुड़े सूरी ने तीन अप्रैल को खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। सूरी ने दावा किया था कि यह सरकार को गिराने के लिए ‘‘विदेशी साजिश’’ से जुड़ा है और इसलिए यह विचार के योग्य नहीं है।
अविश्वास प्रस्ताव खारिज किये जाने के कुछ देर बाद, राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने प्रधानमंत्री खान की सलाह पर नेशनल असेंबली को भंग कर दिया था।

अदालत ने सूरी के इस कदम के कुछ घंटे बाद स्वत: संज्ञान लिया था। अदालत ने लगातार पांच दिन की सुनवाई के बाद दोपहर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता शहबाज शरीफ ने कहा कि अदालत ने ‘‘निश्चित रूप से लोगों की अपेक्षाओं को पूरा किया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अदालत ने इस फैसले से अपनी प्रतिष्ठा और स्वतंत्रता को मजबूत किया है। अदालत ने संसद और उसके सम्मान को भी मजबूत किया है।’’

पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय का फैसला लोकतंत्र और संविधान की जीत है।

उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान के संस्थानों और उसके संविधान की रक्षा की गई है। अल्लाह की इच्छा, अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया अब पूरी हो जाएगी और हम चुनावी सुधार करेंगे और स्वच्छ एवं पारदर्शी चुनाव की ओर बढ़ेंगे।’’

जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए इसे न्याय और संविधान की जीत बताया। उन्होंने कहा, ‘‘कल को धन्यवाद दिवस के रूप में मनाया जाएगा।’’

फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने फैसले को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताते हुए खेद और निराशा व्यक्त की। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘इस दुर्भाग्यपूर्ण फैसले ने पाकिस्तान में राजनीतिक संकट को बढ़ा दिया है। तत्काल चुनाव देश में स्थिरता ला सकते थे। दुर्भाग्य से, लोगों के महत्व को नजरअंदाज कर दिया गया है। देखते हैं कि चीजें अब कैसे आगे बढ़ती हैं।’’

इससे पहले न्यायमूर्ति बंदियाल ने संसद में अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के संबंध में उपाध्यक्ष के विवादास्पद फैसले को असंवैधानिक घोषित कर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान सवाल यह है कि अब आगे क्या होगा।’’

उन्होंने कहा कि उपाध्यक्ष का फैसला प्रथम दृष्टया अनुच्छेद 95 का उल्लंघन है।

जटिल मामले में पैरवी करने के लिए विभिन्न वकील अदालत में पेश हुए। उपाध्यक्ष सूरी की ओर से नईम बोखारी पेश हुए, प्रधानमंत्री खान के लिए इम्तियाज सिद्दीकी, राष्ट्रपति अल्वी की ओर से अली जफर पेश हुए और अटॉर्नी जनरल खालिद जावेद खान सरकार की ओर से पेश हुए।

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की ओर से बाबर अवान, पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के लिए रज़ा रब्बानी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ के लिए मखदूम अली खान पेश हुए।

ख़ान बार-बार आरोप लगा रहे थे कि उनके खिलाफ साज़िश विदेश से रची जा रही है।

विभिन्न पक्षों की ओर से पेश प्रमुख वकीलों के अलावा, अदालत ने शहबाज शरीफ को भी बुलाया था। अदालत ने उनसे नेशनल असेंबली को भंग किये जाने और चुनाव घोषित किये जाने के कारण अनिश्चितता के मद्देनजर आगे के रास्ते पर उनका विचार पूछा।

शहबाज ने कहा कि देशद्रोही करार दिए जाने के बाद विपक्षी नेता कैसे चुनाव में हिस्सा ले सकते हैं। उन्होंने फैसला अदालत पर छोड़ दिया, लेकिन आग्रह किया कि कानून के शासन का पालन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘देशद्रोही कहे जाने के बाद हम अपने परिवारों का भी सामना नहीं कर सकते।’’

शहबाज का इशारा उपाध्यक्ष के उस फैसले की ओर था कि अविश्वास प्रस्ताव को तथाकथित ‘विदेशी साजिश’ से जुड़ा है। अदालत ने बिलावल को भी सुना, जिन्होंने चुनाव में जाने से पहले चुनाव कानूनों में जरूरी सुधार लाने का वादा किया।

इसे भी पढ़ें: पाकिस्तान के राजनीतिक संकट का ख़म्याज़ा समय से पहले चुनाव कराये जाने से कहीं बड़ा होगा

पाकिस्तान के विपक्षी दलों ने देश के उच्चतम न्यायालय के इस फैसले का स्वागत किया है। पाकिस्तानियों के एक लोकतंत्र समर्थक संगठन, साउथ एशियन्स अगेंस्ट टेररिज्म एंड फॉर ह्यूमन राइट्स (साथ) ने कहा कि पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने पाकिस्तान के संविधान को बरकरार रखते हुए इतिहास में अपना नाम सही के साथ दर्ज कराया है।

संगठन ने कहा कि शीर्ष अदालत का यह फैसला एक सकारात्मक कदम है, साथ ही यह भी जरूरी है कि लोगों के ऐसे बच निकलने की प्रथा भी खत्म हो।

‘साथ’ में सांसद अफरासियाब खट्टक, सांसद मोहसिन डावर, पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी और कामरान शफी, ‘डेली टाइम्स’ के पूर्व संपादक रशीद रहमान, स्तंभकार मोहम्मद तकी, पत्रकार ताहा सिद्दीकी, गुल बुखारी तथा मारवी सिरमद और कार्यकर्ता गुलालई इस्माइल, ताहिरा जबीन, शहजाद इरफान और फरहान कागजी शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि इमरान खान के कार्यकाल में, ‘‘ संविधान, अर्थव्यवस्था, विदेशी मामलों और शासन को कम महत्व दिया गया।’’

उन्होंने कहा कि विपक्ष को लगातार निशाना बनाया गया। असंतुष्ट पत्रकारों, राजनेताओं, राजनयिकों और बुद्धिजीवियों ने अपने कुछ सहयोगियों के उत्पीड़न का भी हवाला दिया। इनमें से कुछ डर के कारण निर्वासन में रहते हैं।

नेशनल असेंबली के एक सदस्य अली वजीर, जो अभी जेल में हैं। उनके बारे में बात करते हुए ‘साथ’ ने एक बयान में कहा, ‘‘ पूरी तरह से झूठे आरोप के कारण वह नौ महीने से जेल में हैं, जिसके लिए कोई सबूत पेश नहीं किए गए और संविधान की भावना के खिलाफ जाते हुए जमानत देने से भी इनकार कर दिया गया। ’’

‘साथ’ ने उम्मीद जतायी कि पाकिस्तान अब निष्पक्ष एवं स्वतंत्र चुनाव कराएगा और नई सरकार बलूचिस्तान, खैबर-पख्तूनख्वा तथा गिलगित-बाल्टिस्तान में दमन के शिकार समुदायों पर तत्काल ध्यान देगी और उन्हें राहत देगी।

इसे भी पढ़ें: पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता के पीछे क्या कारण हैं?

वर्ष 2018 में ‘नया पाकिस्तान’ बनाने का वादा करके इमरान सत्ता में आये, लेकिन बेलगाम महंगाई पर नियंत्रण पाने में सरकार की विफलता ने विपक्ष को सरकार के खिलाफ एक मौका दे दिया। पाकिस्तान में अब तक कोई प्रधानमंत्री पांच साल का कार्यकाल नहीं पूरा कर सका है।

पाकिस्तान के अस्तित्व में आने के बाद से 32 वर्ष तो सेना ने सीधे तौर पर पर शासन किया है और तक़रीबन 8 वर्षों तक यहाँ की अवाम ने राष्ट्रपति शासन देखा है।

(भाषा इनपुट के साथ)

Pakistan
Imran Khan
Pakistan Supreme court
Pakistan Tehreek-e-Insaf

Related Stories

जम्मू-कश्मीर के भीतर आरक्षित सीटों का एक संक्षिप्त इतिहास

पाकिस्तान में बलूच छात्रों पर बढ़ता उत्पीड़न, बार-बार जबरिया अपहरण के विरोध में हुआ प्रदर्शन

रूस पर बाइडेन के युद्ध की एशियाई दोष रेखाएं

शहबाज़ शरीफ़ पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री निर्वाचित

कार्टून क्लिक: इमरान को हिन्दुस्तान पसंद है...

इमरान के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के लिए पाक संसद का सत्र शुरू

पाकिस्तान के राजनीतिक संकट का ख़म्याज़ा समय से पहले चुनाव कराये जाने से कहीं बड़ा होगा

पड़ताल दुनिया भर कीः पाक में सत्ता पलट, श्रीलंका में भीषण संकट, अमेरिका और IMF का खेल?

पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता के पीछे क्या कारण हैं?

इमरान खान के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव खारिज किए जाने पर सुनवाई करेगा उच्चतम न्यायालय


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली उच्च न्यायालय ने क़ुतुब मीनार परिसर के पास मस्जिद में नमाज़ रोकने के ख़िलाफ़ याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार किया
    06 Jun 2022
    वक्फ की ओर से प्रस्तुत अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि यह एक जीवंत मस्जिद है, जो कि एक राजपत्रित वक्फ संपत्ति भी है, जहां लोग नियमित रूप से नमाज अदा कर रहे थे। हालांकि, अचानक 15 मई को भारतीय पुरातत्व…
  • भाषा
    उत्तरकाशी हादसा: मध्य प्रदेश के 26 श्रद्धालुओं की मौत,  वायुसेना के विमान से पहुंचाए जाएंगे मृतकों के शव
    06 Jun 2022
    घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद शिवराज ने कहा कि मृतकों के शव जल्दी उनके घर पहुंचाने के लिए उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से वायुसेना का विमान उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था, जो स्वीकार कर लिया…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    आजमगढ़ उप-चुनाव: भाजपा के निरहुआ के सामने होंगे धर्मेंद्र यादव
    06 Jun 2022
    23 जून को उपचुनाव होने हैं, ऐसे में तमाम नामों की अटकलों के बाद समाजवादी पार्टी ने धर्मेंद्र यादव पर फाइनल मुहर लगा दी है। वहीं धर्मेंद्र के सामने भोजपुरी सुपरस्टार भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं।
  • भाषा
    ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉनसन ‘पार्टीगेट’ मामले को लेकर अविश्वास प्रस्ताव का करेंगे सामना
    06 Jun 2022
    समिति द्वारा प्राप्त अविश्वास संबंधी पत्रों के प्रभारी सर ग्राहम ब्रैडी ने बताया कि ‘टोरी’ संसदीय दल के 54 सांसद (15 प्रतिशत) इसकी मांग कर रहे हैं और सोमवार शाम ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में इसे रखा जाएगा।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 
    06 Jun 2022
    देश में कोरोना के मामलों में आज क़रीब 6 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है और क़रीब ढाई महीने बाद एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 25 हज़ार से ज़्यादा 25,782 हो गयी है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License