NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
'महिलाओं की मुक्ति के बिना, कोई मातृभूमि आज़ाद नहीं है'
हजारों फिलिस्तीनी महिलाओं ने पितृसत्ता और औपनिवेशिक हिंसा के ख़िलाफ़ फिलिस्तीन के विभिन्न कस्बों और शहरों में भारी तादाद में एकजुट होकर मार्च निकाला।
पीपुल्स डिस्पैच
03 Oct 2019
Translated by महेश कुमार
“There is no Free Homeland
महिलाओं पर हो रही व्यापक हिंसा के खिलाफ हजारों महिलाएँ  फिलिस्तीन में जुटी। रामल्लाह में सैंकड़ों की भीड़ को उमड़ते देखा गया।फोटो: शरीफ मोसा

गुरुवार 26 सितंबर को फिलीस्तीन की हजारों महिलाओं और प्रवासी फिलिस्तिनियों ने लैंगिक हिंसा को खारिज करने की मांग को लेकर सड़कों पर मार्च किया  और फिलिस्तीन की मुक्ति के लिए सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक लड़ाई में महिलाओं की मुक्ति को मुख्य बिंदु बनाने की घोषणा की।

इस आंदोलन के लिए लामबंदी का आहवान Tal3at, (अरबी में اتالعات) द्वारा किया गया था, जिसका हिंदी तर्जुमा "सड़कों पर निकलो" है। यह फिलिस्तीनी महिलाओं का एक संगठित समूह है। इन्होंने 21 वर्षीय इसरा ग़रीब की क्रूर ह्त्या का विरोध किया था,जिनकी हत्या उनके परिवार के सदस्यों ने इसलिए कर दी थी क्योंकि वह महिला थी।

लाखों महिलाओं ने इस कार्यवाई को फिलिस्तीनी शहरों और कस्बों जैसे कि दक्षिण में गाजा पट्टी, रामल्लाह, जिश, यरुशलम, हाइफ़ा, तैयबे, टीबा, जाफ़ा, नज़ारेथ, अर्राबा में अंज़ाम दिया।  वहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेरूत, लेबनान और बर्लिन, जर्मनी आदी में इस प्रदर्शन को आयोजित किया गया।

येरुशलम में रैली पर पुलिस दमन हुआ, लेकिन यह हमला प्रदर्शनकारियों की हिम्मत को नहीं हरा पाया, और उन्होंने इसका मुक़ाबला करते हुए मार्च निकाला।

सफल लामबंदी के बाद, Tal3at ने सभी शहरों और कस्बों में महिलाओं और इससे जुड़े समुदायों द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए एक बयान जारी किया, जिसमें आंदोलन के इस पल को आजादी की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में पहचाना गया है, जिसके जरीए ही दोनो की यानी फिलिस्तीन की मातृभूमि और महिलाओं की वास्तविक स्वतंत्रता संभव है।

"हम आज एक साथ आगे बढ़ने और लड़ने और एक-दुसरे का समर्थन करने के लिए घरों से बाहर निकले हैं ताकि  हिंसा की कहानियों को हाशिए पर डाला जा सके। जिन्हें हम दैनिक जीवन में अनुभव करते हैं ... हम एक नारे के तहत सड़कों पर आए हैं – "महिलाओं की मुक्ति के बिना, कोई मातृभूमि आज़ाद नहीं होती है”, हमने मातृभूमि की मुक्ति की अवधारणा को फिर से परिभाषित किया है, और इस बात पर जोर दिया है कि हमें न्याय, गौरव और स्वतंत्रता दिए बिना राष्ट्रीय मुक्ति बेमानी है।

आंदोलन का यह दिन हिंसा की वास्तविकता का प्रतिबिंब था जो हम हर दिन अपने जीवन और अपने शरीर पर झेलते हैं। इन प्रदर्शनों में हमें कई बार पुरुषों और औपनिवेशिक दमन का सामना करना पड़ा; हम पीड़ित महिलाओं की रक्षा करने में विफल रहने वाले चिकित्सा संस्थानों की ओर मुड़े, और हमने राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में महिलाओं के खिलाफ "प्रबुद्ध" हिंसा और उत्पीड़न के खिलाफ आवाज़ उठाई। हम इजरायल के कब्जे वाली पुलिस से भी भिड़ गए। ऐसा करते हुए, हम इन दमनकारी शक्तियों के साथ टकराना जारी रखेंगे, और हम महिलाओं को सशक्त बनाने,  उन्हें समाज में सुरक्षित माहौल बनाने  और उनके सशक्तिकरण के लिए बेजोड़ काम करेंगे ताकि समाज में हिंसा और भ्रष्टाचार कीं गहरी जड़ों को मिटाया जा सके। ”
नीचे कुछ लामबंदियों के फोटो और वीडियो दिए गए हैं:
रामल्लहा  

वेस्ट बैंक के रामल्ला में सैकड़ों लोगों ने मार्च किया।
 RAMALLAH
 
फोटो : शरीफ़ मोसा

RAMALLAH

फोटो : शरीफ़ मोसा

RAFAH
दर्जनों ने नए गाजा पट्टी के दक्षिण में रफाह में रैली की।
 rafah 1
रफा, गाज़ा में रैली  
 rafah
 रफा, गाज़ा में रैली

rafah

 रफा, गाज़ा में रैली

RAFAH

 रफा, गाज़ा में रैली

हाईफा  

अर्राबा
ARABAA

अर्राबा में दर्जनों ने हिस्सा लिया

ARABAA
 अर्राबा में दर्जनों ने हिस्सा लिया

जिश
जिश में, प्रदर्शनकारियों ने उस औरत की तस्वीर हाथों में ली हुई थी जिसकी हत्या औरत होने के लिए कर दी गई थी।
 ZIS
जिश में महिलाओं ने उन महिलाओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए जुते को एक प्रतीक के रूप में प्रदर्शित किया जिनकी हत्या कर दी गई है।

 JAISS
यह प्रदर्शन कहता है कि, "जूते रह जाते हैं और महिला को मार दिया जाता है"
जिश कस्बे में प्रदर्शनकारी
नज़रेथ
 NAZARETH

नज़रेथ

NAZRETH

जेरुसलम

इजरायल की पुलिस ने जेरूसलम में विरोध प्रदर्शन का दमन किया इसके बावजूद महिलाओं ने मार्च निकाला।
बैरुत

बैरुत

इजरायल की पुलिस ने जेरूसलम में आंदोलन का दमन किया लेकिन महिलाओं ने फिर भी मार्च निकाला।
लेबनान के बेरुत में सैकड़ों फिलिस्तीनी महिलाएं और कार्यकर्ता एकजुट हुए।
 BEIRUT
बैरुत, लेबनन
BEIRUT

बैरुत, लेबनन

BEIRUT

बैरुत, लेबनन

बर्लिन,

जर्मनी में दर्जनों जुटे।

GERMANY

 
बर्लिन, जर्मनी  

(साभार - पीपल डिस्पैच )

Femicide Feminism
Gender based violence
gender justice
Historic Palestine
Israa Gharib
Palestinian liberation
Palestinian resistance
Tal3at

Related Stories

दलित और आदिवासी महिलाओं के सम्मान से जुड़े सवाल

महिला दिवस विशेष : लड़ना होगा महिला अधिकारों और विश्व शांति के लिए

उत्तर प्रदेश में पिछड़े वर्गों के ‘विद्रोह’ की जड़ें योगी राज की जीवंत वास्तविकता में छिपी हैं

"लोकतंत्र यानी संवाद, बहस और चर्चा..."

प्रेरक पहलः बीएचयू में दलित महिला प्रोफेसर ने हटवाया लैंगिक नाइंसाफ़ी का ठप्पा

कोरोना और कॉलेज छात्राओं की घर वापसी

राजस्थान के एक अफसर ने महिलाओं से स्वेच्छा से भूमि अधिकार छोड़ने को कहा

महिला-सुरक्षा का मुद्दा सिर्फ राजनीतिक चर्चा क्यों बनकर रह जाता है?

एक ट्रांसजेंडर महिला की मौत और लिंग पुनर्निधारण सर्जरी में सुधार करने की जरूरत

महमूद दरवेश : गलील से दुनिया तक का सफ़र


बाकी खबरें

  • संदीपन तालुकदार
    वैज्ञानिकों ने कहा- धरती के 44% हिस्से को बायोडायवर्सिटी और इकोसिस्टम के की सुरक्षा के लिए संरक्षण की आवश्यकता है
    04 Jun 2022
    यह अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया भर की सरकारें जैव विविधता संरक्षण के लिए अपने  लक्ष्य निर्धारित करना शुरू कर चुकी हैं, जो विशेषज्ञों को लगता है कि अगले दशक के लिए एजेंडा बनाएगा।
  • सोनिया यादव
    हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?
    04 Jun 2022
    17 साल की नाबालिग़ से कथित गैंगरेप का मामला हाई-प्रोफ़ाइल होने की वजह से प्रदेश में एक राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ : दो सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दिया
    04 Jun 2022
    राज्य में बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। दो दिन पहले इन कर्मियों के महासंघ की ओर से मांग न मानने पर सामूहिक इस्तीफ़े का ऐलान किया गया था।
  • bulldozer politics
    न्यूज़क्लिक टीम
    वे डरते हैं...तमाम गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज और बुलडोज़र के बावजूद!
    04 Jun 2022
    बुलडोज़र क्या है? सत्ता का यंत्र… ताक़त का नशा, जो कुचल देता है ग़रीबों के आशियाने... और यह कोई यह ऐरा-गैरा बुलडोज़र नहीं यह हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र है, इस्लामोफ़ोबिया के मंत्र से यह चलता है……
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’
    04 Jun 2022
    यूं तो आरएसएस पौधे नहीं ‘शाखा’ लगाता है, लेकिन उसके छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक करोड़ पौधे लगाने का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License