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राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
'महिलाओं की मुक्ति के बिना, कोई मातृभूमि आज़ाद नहीं है'
हजारों फिलिस्तीनी महिलाओं ने पितृसत्ता और औपनिवेशिक हिंसा के ख़िलाफ़ फिलिस्तीन के विभिन्न कस्बों और शहरों में भारी तादाद में एकजुट होकर मार्च निकाला।
पीपुल्स डिस्पैच
03 Oct 2019
Translated by महेश कुमार
“There is no Free Homeland
महिलाओं पर हो रही व्यापक हिंसा के खिलाफ हजारों महिलाएँ  फिलिस्तीन में जुटी। रामल्लाह में सैंकड़ों की भीड़ को उमड़ते देखा गया।फोटो: शरीफ मोसा

गुरुवार 26 सितंबर को फिलीस्तीन की हजारों महिलाओं और प्रवासी फिलिस्तिनियों ने लैंगिक हिंसा को खारिज करने की मांग को लेकर सड़कों पर मार्च किया  और फिलिस्तीन की मुक्ति के लिए सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक लड़ाई में महिलाओं की मुक्ति को मुख्य बिंदु बनाने की घोषणा की।

इस आंदोलन के लिए लामबंदी का आहवान Tal3at, (अरबी में اتالعات) द्वारा किया गया था, जिसका हिंदी तर्जुमा "सड़कों पर निकलो" है। यह फिलिस्तीनी महिलाओं का एक संगठित समूह है। इन्होंने 21 वर्षीय इसरा ग़रीब की क्रूर ह्त्या का विरोध किया था,जिनकी हत्या उनके परिवार के सदस्यों ने इसलिए कर दी थी क्योंकि वह महिला थी।

लाखों महिलाओं ने इस कार्यवाई को फिलिस्तीनी शहरों और कस्बों जैसे कि दक्षिण में गाजा पट्टी, रामल्लाह, जिश, यरुशलम, हाइफ़ा, तैयबे, टीबा, जाफ़ा, नज़ारेथ, अर्राबा में अंज़ाम दिया।  वहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेरूत, लेबनान और बर्लिन, जर्मनी आदी में इस प्रदर्शन को आयोजित किया गया।

येरुशलम में रैली पर पुलिस दमन हुआ, लेकिन यह हमला प्रदर्शनकारियों की हिम्मत को नहीं हरा पाया, और उन्होंने इसका मुक़ाबला करते हुए मार्च निकाला।

सफल लामबंदी के बाद, Tal3at ने सभी शहरों और कस्बों में महिलाओं और इससे जुड़े समुदायों द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए एक बयान जारी किया, जिसमें आंदोलन के इस पल को आजादी की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में पहचाना गया है, जिसके जरीए ही दोनो की यानी फिलिस्तीन की मातृभूमि और महिलाओं की वास्तविक स्वतंत्रता संभव है।

"हम आज एक साथ आगे बढ़ने और लड़ने और एक-दुसरे का समर्थन करने के लिए घरों से बाहर निकले हैं ताकि  हिंसा की कहानियों को हाशिए पर डाला जा सके। जिन्हें हम दैनिक जीवन में अनुभव करते हैं ... हम एक नारे के तहत सड़कों पर आए हैं – "महिलाओं की मुक्ति के बिना, कोई मातृभूमि आज़ाद नहीं होती है”, हमने मातृभूमि की मुक्ति की अवधारणा को फिर से परिभाषित किया है, और इस बात पर जोर दिया है कि हमें न्याय, गौरव और स्वतंत्रता दिए बिना राष्ट्रीय मुक्ति बेमानी है।

आंदोलन का यह दिन हिंसा की वास्तविकता का प्रतिबिंब था जो हम हर दिन अपने जीवन और अपने शरीर पर झेलते हैं। इन प्रदर्शनों में हमें कई बार पुरुषों और औपनिवेशिक दमन का सामना करना पड़ा; हम पीड़ित महिलाओं की रक्षा करने में विफल रहने वाले चिकित्सा संस्थानों की ओर मुड़े, और हमने राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में महिलाओं के खिलाफ "प्रबुद्ध" हिंसा और उत्पीड़न के खिलाफ आवाज़ उठाई। हम इजरायल के कब्जे वाली पुलिस से भी भिड़ गए। ऐसा करते हुए, हम इन दमनकारी शक्तियों के साथ टकराना जारी रखेंगे, और हम महिलाओं को सशक्त बनाने,  उन्हें समाज में सुरक्षित माहौल बनाने  और उनके सशक्तिकरण के लिए बेजोड़ काम करेंगे ताकि समाज में हिंसा और भ्रष्टाचार कीं गहरी जड़ों को मिटाया जा सके। ”
नीचे कुछ लामबंदियों के फोटो और वीडियो दिए गए हैं:
रामल्लहा  

वेस्ट बैंक के रामल्ला में सैकड़ों लोगों ने मार्च किया।
 RAMALLAH
 
फोटो : शरीफ़ मोसा

RAMALLAH

फोटो : शरीफ़ मोसा

RAFAH
दर्जनों ने नए गाजा पट्टी के दक्षिण में रफाह में रैली की।
 rafah 1
रफा, गाज़ा में रैली  
 rafah
 रफा, गाज़ा में रैली

rafah

 रफा, गाज़ा में रैली

RAFAH

 रफा, गाज़ा में रैली

हाईफा  

अर्राबा
ARABAA

अर्राबा में दर्जनों ने हिस्सा लिया

ARABAA
 अर्राबा में दर्जनों ने हिस्सा लिया

जिश
जिश में, प्रदर्शनकारियों ने उस औरत की तस्वीर हाथों में ली हुई थी जिसकी हत्या औरत होने के लिए कर दी गई थी।
 ZIS
जिश में महिलाओं ने उन महिलाओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए जुते को एक प्रतीक के रूप में प्रदर्शित किया जिनकी हत्या कर दी गई है।

 JAISS
यह प्रदर्शन कहता है कि, "जूते रह जाते हैं और महिला को मार दिया जाता है"
जिश कस्बे में प्रदर्शनकारी
नज़रेथ
 NAZARETH

नज़रेथ

NAZRETH

जेरुसलम

इजरायल की पुलिस ने जेरूसलम में विरोध प्रदर्शन का दमन किया इसके बावजूद महिलाओं ने मार्च निकाला।
बैरुत

बैरुत

इजरायल की पुलिस ने जेरूसलम में आंदोलन का दमन किया लेकिन महिलाओं ने फिर भी मार्च निकाला।
लेबनान के बेरुत में सैकड़ों फिलिस्तीनी महिलाएं और कार्यकर्ता एकजुट हुए।
 BEIRUT
बैरुत, लेबनन
BEIRUT

बैरुत, लेबनन

BEIRUT

बैरुत, लेबनन

बर्लिन,

जर्मनी में दर्जनों जुटे।

GERMANY

 
बर्लिन, जर्मनी  

(साभार - पीपल डिस्पैच )

Femicide Feminism
Gender based violence
gender justice
Historic Palestine
Israa Gharib
Palestinian liberation
Palestinian resistance
Tal3at

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