NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
फ़िलिस्तीनी नागरिकों ने क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक की अवैध इज़रायली बस्ती में पोम्पिओ के दौरे का विरोध किया
फ़िलिस्तीन में ट्रम्प प्रशासन की इज़रायल समर्थक नीतियों को आगे बढ़ाते हुए पोम्पिओ की ये यात्रा संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा "अवैध" बताई गई इन बस्तियों की अमेरिकी राजनयिक की पहली यात्रा होगी।
पीपल्स डिस्पैच
19 Nov 2020
फ़िलिस्तीनी नागरिकों ने क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक की अवैध इज़रायली बस्ती में पोम्पिओ के दौरे का विरोध किया

अवैध इजरायली बस्ती में यूएस सेक्रेट्री ऑफ स्टेट माइक पोम्पिओ की होने वाली यात्रा के विरोध में बुधवार को क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक में रामल्ला के पास अल-बिरेह शहर में सैकड़ों फिलिस्तीनी इकट्ठा हुए। क़ब्ज़ा करने वाली इज़रायली सेना ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस छोड़े और बलों का प्रयोग किया जिसमें कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए।

पोम्पिओ के 1981 में रामल्ला शहर के पास जबल अल-तवील नामक पहाड़ी पर बनी एक अवैध इजरायली बस्ती सागोत वाइनरी का दौरा करने की उम्मीद है। उनकी यह यात्रा अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और संयुक्त राष्ट्र द्वारा अवैध मानी जाने वाली इज़रायल की बस्तियों के भीतर अमेरिकी राजनयिक की पहली यात्रा होगी।

फिलिस्तीनियों ने फिलिस्तीन और अवैध बस्तियों पर इजरायल के कब्जे की निंदा करते हुए पोम्पिओ के दौरे से पूर्व इकट्ठा होकर झंडे लहराते हुए नारे लगाए। वे हाथों में तख्ती भी लिए हुए थे जिसमें पोम्पिओ को इज़राइली युद्ध अपराधों में साझीदार लिखा था और उन्हें वापस जाने के नारे लिखे हुए थे।

फिलिस्तीनी समाचार एजेंसी डब्ल्यूएएफए के अनुसार इज़रायल द्वारा छोड़े गए आंसू गैस के गोले से कम से कम चार प्रदर्शनकारियों के दम घुटने लगे। फतह के उपाध्यक्ष महमूद अल-अलउल सहित कई फिलिस्तीनी नेताओं ने इस विरोध प्रदर्शन में भाग लिया और सभा को संबोधित किया। उन्होंने इज़रायल को लेकर भेदभाव के लिए अमेरिकी प्रशासन को दोषी ठहराया और कहा कि डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन अपने कट्टर इजरायल समर्थक निर्णयों के कारण इजरायल के कब्जे और इसके औपनिवेशिक बस्तियों को मज़बूत करने में मदद कर रहा है।

ट्रम्प प्रशासन के अधीन अमेरिका ने फिलिस्तीन-इज़रायल संघर्ष को लेकर कई नीतिगत संधि को तोड़ दिया है जिसमें येरूशेलम को "इजरायल की अविभाजित राजधानी" के रूप में मान्यता और तेल अवीव से अपने दूतावास को स्थानांतरित करना शामिल है। पिछले साल पोम्पिओ ने घोषणा की थी कि अमेरिका अब इजरायल की बस्तियों को अवैध नहीं मानेगा। सागोट की उनकी यात्रा को क़ब्ज़ा किए गए फिलिस्तीनी भूमि पर बनी अवैध बस्तियों को वैध करने के लिए एक प्रतीकात्मक संकेत के रूप में देखा जाता है।

Palestine
Israel
West Bank
Donand Trump
America

Related Stories

और फिर अचानक कोई साम्राज्य नहीं बचा था

फ़िनलैंड-स्वीडन का नेटो भर्ती का सपना हुआ फेल, फ़िलिस्तीनी पत्रकार शीरीन की शहादत के मायने

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

क्या दुनिया डॉलर की ग़ुलाम है?

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात

इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

यूक्रेन में छिड़े युद्ध और रूस पर लगे प्रतिबंध का मूल्यांकन

पड़ताल दुनिया भर कीः पाक में सत्ता पलट, श्रीलंका में भीषण संकट, अमेरिका और IMF का खेल?

लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया


बाकी खबरें

  • bulldozer
    न्यूज़क्लिक टीम
    दिल्ली: बुलडोज़र राजनीति के ख़िलाफ़ वामदलों का जनता मार्च
    11 May 2022
    देश के मुसलमानों, गरीबों, दलितों पर चल रहे सरकारी बुल्डोज़र और सरकार की तानाशाही के खिलाफ राजधानी दिल्ली में तमाम वाम दलों के साथ-साथ युवाओं, महिलाओं और संघर्षशील संगठनों ने उपराज्यपाल अनिल बैजल के…
  • qutub minar
    न्यूज़क्लिक टीम
    अब क़ुतुब मीनार, ताज महल से हासिल होंगे वोट? मुग़ल दिलाएंगे रोज़गार?
    11 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में आज वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा सवाल पूछ रहे हैं कि देश में कभी क़ुतुब मीनार के नाम पर कभी ताज महल के नाम पर विवाद खड़ा करके, सरकार देश को किस दिशा में धकेल रही…
  • sedition
    विकास भदौरिया
    राजद्रोह पर सुप्रीम कोर्ट: घोर अंधकार में रौशनी की किरण
    11 May 2022
    सुप्रीम कोर्ट का आज का आदेश और न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ का हाल का बयान, जिसमें उन्होंने कहा था कि नागरिकों के असंतोष या उत्पीड़न को दबाने के लिए आपराधिक क़ानून का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए, एक आशा…
  • RAVIKANT CASE
    असद रिज़वी
    लखनऊ विश्वविद्यालय: दलित प्रोफ़ेसर के ख़िलाफ़ मुक़दमा, हमलावरों पर कोई कार्रवाई नहीं!
    11 May 2022
    प्रोफ़ेसर रविकांत चंदन हमले की FIR लिखाने के लिए पुलिस के आला-अफ़सरों के पास दौड़ रहे हैं, लेकिन आरोपी छात्रों के विरुद्ध अभी तक न तो पुलिस की ओर से क़ानूनी कार्रवाई हुई है और न ही विवि प्रशासन की ओर…
  • jaysurya
    विवेक शर्मा
    श्रीलंका संकट : आम जनता के साथ खड़े हुए खिलाड़ी, सरकार और उसके समर्थकों की मुखर आलोचना
    11 May 2022
    श्रीलंका में ख़राब हालात के बीच अब वहां के खिलाड़ियों ने भी सरकार और सरकार के समर्थकों की कड़ी निंदा की है और जवाब मांगा है। क्रिकेट जगत के कई दिग्गज अपनी-अपनी तरह से आम जनता के साथ एकजुटता और सरकार…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License