NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
पाकिस्तान
देशद्रोह के मामले में परवेज मुशर्रफ को मौत की सजा
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को एक विशेष अदालत ने देशद्रोह के मामले में मंगलवार को मौत की सजा सुनाई। मुशर्रफ फिलहाल दुबई में रह रहे हैं।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
17 Dec 2019
parvez musharraf
Image courtesy: Social Media

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को यहां की एक विशेष अदालत ने देशद्रोह के मामले में मंगलवार को मौत की सजा सुनाई। मीडिया में आ रही खबरों में यह जानकारी दी गई।

पेशावर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश वकार अहमद सेठ की अध्यक्षता में विशेष अदालत की तीन सदस्यीय पीठ ने 76 वर्षीय मुशर्रफ को लंबे समय से चल रहे देशद्रोह के मामले में मौत की सजा सुनाई। यह मामला 2007 में संविधान को निलंबित करने और देश में आपातकाल लगाने का है जो कि एक दंडनीय अपराध है और इस मामले में उनके खिलाफ 2014 में आरोप तय किए गए थे।

पूर्व सैन्य प्रमुख मार्च 2016 में इलाज के लिए दुबई गए थे और सुरक्षा एवं सेहत का हवाला देकर तब से लौटे नहीं हैं। ‘डॉन’ समाचारपत्र की खबर के अनुसार विशेष अदालत ने 19 नवंबर को सुरक्षित रखा गया फैसला सुनाया है। विशेष अदालत की इस पीठ में न्यायमूर्ति सेठ, सिंध उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति नजर अकबर और लाहौर उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति शाहिद करीम भी शामिल थे।

आपको बता दें कि परवेज मुशर्रफ ने अक्टूबर 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ सैन्य विद्रोह कर पाकिस्तान की सत्ता अपने हाथ में ले ली थी। जून 2001 में उन्होंने सैन्य प्रमुख रहते हुए खुद को राष्ट्रपति घोषित कर दिया।

2002 में उन्होंने एक विवादास्पद जनमत संग्रह करवाया और पांच साल के लिए राष्ट्रपति बन गए। 2007 में परवेज मुशर्रफ ने फिर से राष्ट्रपति चुनाव जीता, मगर उनके चुनाव को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। इसके बाद परवेज मुशर्रफ ने देश में आपातकाल लागू कर दिया।

साथ ही, उन्होंने मुख्य न्यायाधीश जस्टिस इफ्तिखार चौधरी की जगह एक नया मुख्य न्यायाधीश नियुक्त कर दिया जिसने उनके चुनाव को वैध घोषित कर दिया। हालांकि अगले ही साल परवेज मुशर्रफ को राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देना पड़ा। उन्होंने यह कदम तब उठाया जब पाकिस्तान की दो मुख्य सत्ताधारी पार्टियों में उनके ख़िलाफ़ महाभियोग लाने पर सहमति बन गई।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)  

Pervez Musharraf
Pakistan
Treason case
death penalty

Related Stories

जम्मू-कश्मीर के भीतर आरक्षित सीटों का एक संक्षिप्त इतिहास

पाकिस्तान में बलूच छात्रों पर बढ़ता उत्पीड़न, बार-बार जबरिया अपहरण के विरोध में हुआ प्रदर्शन

रूस पर बाइडेन के युद्ध की एशियाई दोष रेखाएं

शहबाज़ शरीफ़ पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री निर्वाचित

कार्टून क्लिक: इमरान को हिन्दुस्तान पसंद है...

इमरान के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के लिए पाक संसद का सत्र शुरू

पकिस्तान: उच्चतम न्यायालय से झटके के बाद इमरान ने बुलाई कैबिनेट की मीटिंग

पाकिस्तान के राजनीतिक संकट का ख़म्याज़ा समय से पहले चुनाव कराये जाने से कहीं बड़ा होगा

पड़ताल दुनिया भर कीः पाक में सत्ता पलट, श्रीलंका में भीषण संकट, अमेरिका और IMF का खेल?

पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता के पीछे क्या कारण हैं?


बाकी खबरें

  • भाषा
    अदालत ने कहा जहांगीरपुरी हिंसा रोकने में दिल्ली पुलिस ‘पूरी तरह विफल’
    09 May 2022
    अदालत ने कहा कि 16 अप्रैल को हनुमान जयंती पर हुए घटनाक्रम और दंगे रोकने तथा कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने में स्थानीय प्रशासन की भूमिका की जांच किए जाने की आवश्यकता है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 3,207 नए मामले, 29 मरीज़ों की मौत 
    09 May 2022
    राज्यों में कोरोना जगह-जगह पर विस्पोट की तरह सामने आ रहा है | कोरोना ज़्यादातर शैक्षणिक संस्थानों में बच्चो को अपनी चपेट में ले रहा है |
  • Wheat
    सुबोध वर्मा
    क्या मोदी सरकार गेहूं संकट से निपट सकती है?
    09 May 2022
    मोदी युग में पहली बार गेहूं के उत्पादन में गिरावट आई है और ख़रीद घट गई है, जिससे गेहूं का स्टॉक कम हो गया है और खाद्यान्न आधारित योजनाओं पर इसका असर पड़ रहा है।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: एक निशान, अलग-अलग विधान, फिर भी नया इंडिया महान!
    09 May 2022
    क्या मोदी जी के राज में बग्गाओं की आज़ादी ही आज़ादी है, मेवाणियों की आज़ादी अपराध है? क्या देश में बग्गाओं के लिए अलग का़ानून है और मेवाणियों के लिए अलग क़ानून?
  • एम. के. भद्रकुमार
    सऊदी अरब के साथ अमेरिका की ज़ोर-ज़बरदस्ती की कूटनीति
    09 May 2022
    सीआईए प्रमुख का फ़ोन कॉल प्रिंस मोहम्मद के साथ मैत्रीपूर्ण बातचीत के लिए तो नहीं ही होगी, क्योंकि सऊदी चीन के बीआरआई का अहम साथी है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License