NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
असांजे के प्रत्यर्पण के ख़िलाफ़ अर्जी उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंता पैदा करती है
रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने ब्रिटिश सरकार से असांजे की सुनवाई में प्रेस की आज़ादी और मानवाधिकारों का सम्मान करने का आह्वान किया है और अमेरिकी राष्ट्रपति के अनुरोध का अनुपालन नहीं करने को कहा है।
पीपल्स डिस्पैच
28 Aug 2020
असांजे

रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (आरएसएफ) ने विकिलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे के मामले में यूएस प्रशासन द्वारा जारी प्रत्यर्पण कार्रवाई का "दृढ़ता से विरोध" किया है। यूनाइटेड किंगडम के अधिकारियों को प्रस्तुत की जाने वाली एक अर्जी में आरएसएफ ने सरकार से मांग की है कि वह प्रत्यर्पण की अमेरिकी मांगों का अनुपालन न करे। 100,000 से अधिक हस्ताक्षर होने की उम्मीद करने वाली इस अर्जी को 7 सितंबर को निर्धारित असांजे की अगली प्रत्यर्पण सुनवाई के दिन प्रस्तुत की जाएगी।

इस अर्जी में यह भी कहा गया है कि असांजे के ख़िलाफ़ कार्यवाही "सभी पत्रकारों के लिए एक ख़तरनाक मिसाल हो सकती है।" यह कहा गया है कि डोनल्ड ट्रम्प के अमेरिकी प्रशासन द्वारा एस्पियोनेज एक्ट के तहत असांजे पर मुकदमा चलाने के लिए आगे बढ़ाना लीक हुए दस्तावेजों के प्रकाशन के लिए "बदले" की कार्रवाई है जिसने अमेरिकी वार क्राइम (युद्ध अपराधों) का खुलासा किया था। इस याचिका में यह भी कहा गया है कि इन दस्तावेज़ों का प्रकाशन जिसे चेल्सी मैनिंग द्वारा लीक किया गया था वह "स्पष्ट रूप से सार्वजनिक हित में था और जासूसी का काम नहीं था।"

“हर दिन, समाचार संस्थानें सार्वजनिक हित की सेवा के लिए वर्गीकृत सूचनाओं को जारी करते हैं और प्रकाशित करते हैं। याचिका में कहा गया है कि अगर असांजे का क़ानूनी अभियोग जारी रहता है तो खोजी पत्रकारिता और प्रेस की आज़ादी का उत्पीड़न होगा। इसने सरकार से "अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और पत्रकारिता की रक्षा के सिद्धांतों को प्राथमिकता देने के लिए भी कहा है।"

इस याचिका में असांजे की बिगड़ती सेहत का हवाला दिया गया है और असांजे के मामले से निपटने के लिए ब्रिटिश सरकार से "ब्रिटेन के क़ानून और देश के अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दायित्वों के अनुसार कार्य" करने का अनुरोध किया गया। आरएसएफ ने संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत निल्स मेल्ज़र की रिपोर्ट का हवाला दिया जिसमें असांजे की स्थिति को अपमानजनक व्यवहार और यहां तक कि मनोवैज्ञानिक यातना भी कहा गया है।

असांजे वर्तमान में ट्रम्प प्रशासन के अनुरोध पर प्रत्यर्पण मुक़दमे का सामना कर रहे हैं। अगर प्रत्यर्पित किया गया तो उन पर 18 आरोपों में मुक़दमा चला सकता है जिनमें से 17 को एस्पियोनेज एक्ट के तहत चलेगा जिसमें 175 साल की अधिकतम जेल की सजा हो सकती है। असांजे को हाल ही में अमेरिका द्वारा अपने मौजूदा आरोपों के दायरे का विस्तार करने के बाद अन्य दूसरे अभियोगों और एक अन्य प्रत्यर्पण मुक़दमे का सामना करना पड़ सकता है।

हाल ही में दुनिया भर के 169 न्यायाधीशों, क़ानूनी पेशेवरों, विद्वानों और संगठनों के एक समूह ने यूके के प्रधानमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों को भी इसी तरह की याचिका दी थी जिसमें असांजे के ख़िलाफ़ अत्याचार और अपमानजनक व्यवहार, उनके प्रत्यर्पण की संभावित अवैधता, प्रतिवादी के रूप में उनके अधिकारों का उल्लंघन और प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला की चिंताओं को उठाया गया था।

Julian Assange
Reporters Without Borders
United States administration
wikileaks

Related Stories

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

ब्रिटेन की कोर्ट ने जूलियन असांज के अमेरिका प्रत्यर्पण की अनुमति दी

ज़ोर पकड़ती  रिहाई की मांग के बीच जूलियन असांज नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित

पत्रकारिता एवं जन-आंदोलनों के पक्ष में विकीलीक्स का अतुलनीय योगदान 

RSF ने कश्मीर प्रेस क्लब को बंद करने की जम्मू-कश्मीर प्रशासन की कार्रवाई की निंदा की

वे उन्हें मार रहे हैं : असांज की 'स्लो डेथ' खसोगी की याद दिलाती है

जूलियन असांज का न्यायिक अपहरण

मानवाधिकार दिवस पर ब्रिटेन के कोर्ट ने जूलियन असांज के अमेरिका प्रत्यर्पण को मंज़ूरी दी

क्यों जूलियन असांज पर अमानवीय मुक़दमा हम सबके लिए अन्याय है

असांजे मामले के एक प्रमुख गवाह ने झूठ बोलने की बात स्वीकार की


बाकी खबरें

  • मुकुल सरल
    ज्ञानवापी प्रकरण: एक भारतीय नागरिक के सवाल
    17 May 2022
    भारतीय नागरिक के तौर पर मेरे कुछ सवाल हैं जो मैं अपने ही देश के अन्य नागरिकों के साथ साझा करना चाहता हूं। इन सवालों को हमें अपने हुक्मरानों से भी पूछना चाहिए।
  • ट्राईकोंटिनेंटल : सामाजिक शोध संस्थान
    कोविड-19 महामारी स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में दुनिया का नज़रिया नहीं बदल पाई
    17 May 2022
    कोविड-19 महामारी लोगों को एक साथ ला सकती थी। यह महामारी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबल्यूएचओ) जैसे वैश्विक संस्थानों को मज़बूत कर सकती थी और सार्वजनिक कार्रवाई (पब्लिक ऐक्शन) में नया विश्वास जगा सकती थी…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    धनकुबेरों के हाथों में अख़बार और टीवी चैनल, वैकल्पिक मीडिया का गला घोंटती सरकार! 
    17 May 2022
    “सत्ता से सहमत होने के लिए बहुत से लोग हैं यदि पत्रकार भी ऐसा करने लगें तो जनता की समस्याओं और पीड़ा को स्वर कौन देगा?“
  • ukraine
    सी. सरतचंद
    यूक्रेन में संघर्ष के चलते यूरोप में राजनीतिक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव 
    16 May 2022
    यूरोपीय संघ के भीतर रुसी तेल के आयात पर प्रतिबंध लगाने के हालिया प्रयास का कई सदस्य देशों के द्वारा कड़ा विरोध किया गया, जिसमें हंगरी प्रमुख था। इसी प्रकार, ग्रीस में स्थित शिपिंग कंपनियों ने यूरोपीय…
  • khoj khabar
    न्यूज़क्लिक टीम
    नफ़रती Tool-Kit : ज्ञानवापी विवाद से लेकर कर्नाटक में बजरंगी हथियार ट्रेनिंग तक
    16 May 2022
    खोज ख़बर में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने बताया कि किस तरह से नफ़रती Tool-Kit काम कर रही है। उन्होंने ज्ञानवापी विवाद से लेकर कर्नाटक में बजरंगी शौर्य ट्रेनिंग में हथियारों से लैस उन्माद पर सवाल उठाए…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License