NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
तमिलनाडु की सियासी जंग: द्रमुक ने की विधानसभा उम्मीदवारों की सूची जारी
द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने चुनाव के लिए सभी 173 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। द्रमुक ने इस बार कांग्रेस, वाम, एमडीएमके, वीसीके तथा अन्य छोटे दलों के साथ समझौता भी किया है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
12 Mar 2021
तमिलनाडु की सियासी जंग: द्रमुक ने की विधानसभा उम्मीदवारों की सूची जारी

चेन्नई: तमिलनाडु विधानसभा के लिए छह अप्रैल को होने वाले चुनाव में द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन एक बार फिर शहर के कोलाथुर सीट से सियासी किस्मत आजमाएंगे, वहीं उनके पुत्र उदयनिधि महानगर में चेपक-त्रिपलिकाने से चुनावी मैदान में पहली बार उतरेंगे।

स्टालिन ने चुनाव के लिए सभी 173 उम्मीदवारों की सूची जारी की। वरिष्ठ नेताओं दुरई मुरुगन, के एन नेहरू, के पोनमुडी और एमआरके पनीरसेल्वम समेत ज्यादातर मौजूदा विधायक फिर से चुनावी मुकाबले में अपना जोर आजमाएंगे।

चेन्नई के द्रमुक मुख्यालय ‘अन्ना अरिवालयम’ में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए स्टालिन ने कहा कि वह 15 मार्च को नामांकन पत्र दाखिल करेंगे।

द्रमुक राज्य में वर्ष 2011 से सत्ता से बाहर है। लेकिन साल 2019 के लोकसभा चुनाव में द्रमुक का प्रदर्शन काफी बेहतर रहा था। राज्य की 39 संसदीय सीटों में से 38 संसदीय सीट द्रमुक के खाते में गई थी। महज एक सीट पर अन्नाद्रमुक खुद को बचा पाए थी। पिछले साल भर से द्रमुक विधानसभा चुनावों के लिए जमकर प्रचार प्रसार कर रही है। 

तमिलनाडु के आगामी चुनावों पर राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि आजादी के बाद से लेकर अब तक तमिलनाडु की राजनीति में द्रविड़ राजनीति ही हावी रही है। अभी भी कांग्रेस और भाजपा जैसी पार्टियों का यहां पर कोई बोलबाला नहीं है। क्षेत्रीय पार्टियों के साथ गठबंधन कर खुद को रणक्षेत्र में रख सकती हैं। अन्नाद्रमुक पिछले 10 साल से राज्य में सत्ता संभाले हुए हैं। इसलिए अन्नाद्रमुक के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी भी है। इसके अलावा अन्नाद्रमुक जे जयललिता के देहांत के बाद अपनी पार्टी के अंदरूनी लड़ाइयों से भी जूझ रही है।

द्रमुक ने कांग्रेस, वाम, एमडीएमके, वीसीके तथा अन्य छोटे दलों के साथ समझौता किया है और विधानसभा की कुल 234 सीटों में से इनके लिए 61 सीटें छोड़ी है।

tamil nadu
M. K. Stalin
Dravida Munnetra Kazhagam
Congress
left
MDMK
VCK

Related Stories

हार्दिक पटेल भाजपा में शामिल, कहा प्रधानमंत्री का छोटा सिपाही बनकर काम करूंगा

राज्यसभा सांसद बनने के लिए मीडिया टाइकून बन रहे हैं मोहरा!

ED के निशाने पर सोनिया-राहुल, राज्यसभा चुनावों से ऐन पहले क्यों!

ईडी ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी को धन शोधन के मामले में तलब किया

राज्यसभा चुनाव: टिकट बंटवारे में दिग्गजों की ‘तपस्या’ ज़ाया, क़रीबियों पर विश्वास

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

केरल उप-चुनाव: एलडीएफ़ की नज़र 100वीं सीट पर, यूडीएफ़ के लिए चुनौती 

कांग्रेस के चिंतन शिविर का क्या असर रहा? 3 मुख्य नेताओं ने छोड़ा पार्टी का साथ

‘आप’ के मंत्री को बर्ख़ास्त करने से पंजाब में मचा हड़कंप

15 राज्यों की 57 सीटों पर राज्यसभा चुनाव; कैसे चुने जाते हैं सांसद, यहां समझिए...


बाकी खबरें

  • निखिल करिअप्पा
    कर्नाटक : कच्चे माल की बढ़ती क़ीमतों से प्लास्टिक उत्पादक इकाईयों को करना पड़ रहा है दिक़्क़तों का सामना
    02 May 2022
    गलाकाट प्रतियोगिता और कच्चे माल की क़ीमतों में बढ़ोत्तरी ने लघु औद्योगिक इकाईयों को बहुत ज़्यादा दबाव में डाल दिया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बिजली संकट को लेकर आंदोलनों का दौर शुरू
    02 May 2022
    पूरा देश इन दिनों बिजली संकट से जूझ रहा है। कोयले की प्रचुर मात्रा होने के बावजूद भी पावर प्लांट में कोयले की कमी बनी हुई है। इसे लेकर देश के कई इलाके में विरोध शुरू हो गए हैं।  
  • सतीश भारतीय
    मध्यप्रदेश के कुछ इलाकों में सैलून वाले आज भी नहीं काटते दलितों के बाल!
    02 May 2022
    भारतीय संविधान का अनुच्छेद 14 भारत के हर नागरिक को समानता का दर्जा देता है। मगर हक़ीक़त यह है कि आजादी के 75 वर्ष बाद भी दलित आवाम असमानताओं में जीने को विवश है। आज भी ऊंची जाति ने दलित समाज को सिर के…
  • पीपल्स डिस्पैच
    "एएलबीए मूल रूप से साम्राज्यवाद विरोधी है": सच्चा लोरेंटी
    02 May 2022
    एएलबीए मूवमेंट्स की तीसरी कंटिनेंटल असेंबली के दौरान संबद्ध मंचों ने एकता स्थापित करने और साम्राज्यवाद व पूंजीवाद के ख़िलाफ़ एक साथ लड़ने की अहमियत के बारे में चर्चा की।
  • राजु कुमार
    6 से 9 जून तक भोपाल में होगी 17वीं अखिल भारतीय जन विज्ञान कांग्रेस
    02 May 2022
    “भारत का विचार : वैज्ञानिक स्वभाव, आत्मनिर्भरता और विकास“ के साथ-साथ देश की वर्तमान चुनौतियों पर मंथन एवं संवाद के लिए 600 से अधिक जन विज्ञान कार्यकर्ता एवं वैज्ञानिक शिरकत करेंगे।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License