NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के प्रचंड खेमे ने उन्हें संसदीय दल का नेता चुना
प्रधानमंत्री ओली ने रविवार को संसद भंग करने का प्रस्ताव भेजा और राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने इसे मंजूर कर लिया। पार्टी में लंबे समय से प्रचंड और ओली के खेमे के बीच गतिरोध चल रहा था।
भाषा
23 Dec 2020
नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के प्रचंड खेमे ने उन्हें संसदीय दल का नेता चुना

काठमांडू: नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ को प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के स्थान पर बुधवार को संसदीय दल का नेता चुना गया।

‘माय रिपब्लिका’ अखबार के मुताबिक वरिष्ठ नेता माधव कुमार नेपाल ने संसद भवन में प्रचंड (66) के नेतृत्व वाले खेमे के संसदीय दल की बैठक के दौरान प्रचंड के नाम का प्रस्ताव रखा। इससे पहले केंद्रीय कमेटी ने वरिष्ठ नेता माधव कुमार नेपाल को पार्टी का दूसरा अध्यक्ष चुना। प्रचंड पार्टी के पहले अध्यक्ष हैं।

पार्टी के प्रचंड खेमे की केंद्रीय कमेटी ने मंगलवार को बैठक कर ओली (68) को अध्यक्ष पद से हटा दिया और प्रतिनिधि सभा को असंवैधानिक रूप से भंग करने के लिए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का फैसला किया।

प्रचंड ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता भंग की गयी प्रतिनिधि सभा को बहाल करने और नयी सरकार के गठन की है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी लोकतांत्रिक ताकतों और राजनीतिक दलों को एकजुट करूंगा ताकि राजनीतिक व्यवस्था सही से काम करे और संसद का काम सुचारू रूप से चले।’’

संसदीय दल का नेता चुनने के लिए प्रचंड ने सांसदों का शुक्रिया अदा किया और कहा कि चुनौतीपूर्ण समय में उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गयी है।

इससे पहले, उच्चतम न्यायालय ने संसद भंग करने के प्रधानमंत्री ओली के फैसले के खिलाफ दायर सभी याचिकाओं को बुधवार को संविधान पीठ के पास भेज दिया।

प्रधान न्यायाधीश चोलेंद्र एसजे बी राणा की एकल पीठ ने प्रतिनिधि सभा को भंग करने के खिलाफ दायर 12 अलग-अलग याचिकाओं पर आरंभिक सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।

संविधान पीठ याचिकाओं पर शुक्रवार को सुनवाई शुरू करेगी। पीठ की अध्यक्षता प्रधान न्यायाधीश राणा करेंगे तथा चार अन्य न्यायाधीशों का वह चुनाव करेंगे।

याचिकाकर्ताओं ने फैसले के खिलाफ अंतरिम आदेश का भी अनुरोध किया लेकिन शीर्ष अदालत ने ऐसा कोई आदेश जारी करने से इनकार कर दिया।

अखबार के मुताबिक ‘प्रचंड’ के नेतृत्व वाले खेमे के नेताओं ने निर्वाचन आयोग का रूख कर कहा है कि पार्टी में उनके पास दो तिहाई बहुमत है इसलिए चुनाव आयोग द्वारा उन्हें आधिकारिक तौर पर मान्यता देनी चाहिए।

पार्टी की स्थायी कमेटी के सदस्य लीलामणि पोखरेल के हवाले से अखबार ने कहा, ‘‘हम यहां यह साबित करने आए हैं कि नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी पर हमारा हक है।’’

पोखरेल ने कहा कि उनके खेमे को बहुमत हासिल है और पार्टी की केंद्रीय समिति के 315 सदस्यों के दस्तखत हैं। चुनाव आयोग से आधिकारिक तौर पर मान्यता के लिए खेमे को पार्टी के भीतर बहुमत, सदस्यों के हस्ताक्षर, उनके विवरण जमा करने होंगे।

प्रधानमंत्री ओली ने रविवार को संसद भंग करने का प्रस्ताव भेजा और राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने इसे मंजूर कर लिया। पार्टी में लंबे समय से प्रचंड और ओली के खेमे के बीच गतिरोध चल रहा था।

Pushpa Kamal Dahal
K. P. Sharma Oli
Bidya Devi Bhandari
Nepal Communist Party

Related Stories

नेपाल: राष्ट्रपति विद्या देवी ने कहा- उच्चतम न्यायालय नहीं पलट सकता उनका फ़ैसला


बाकी खबरें

  • संदीपन तालुकदार
    वैज्ञानिकों ने कहा- धरती के 44% हिस्से को बायोडायवर्सिटी और इकोसिस्टम के की सुरक्षा के लिए संरक्षण की आवश्यकता है
    04 Jun 2022
    यह अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया भर की सरकारें जैव विविधता संरक्षण के लिए अपने  लक्ष्य निर्धारित करना शुरू कर चुकी हैं, जो विशेषज्ञों को लगता है कि अगले दशक के लिए एजेंडा बनाएगा।
  • सोनिया यादव
    हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?
    04 Jun 2022
    17 साल की नाबालिग़ से कथित गैंगरेप का मामला हाई-प्रोफ़ाइल होने की वजह से प्रदेश में एक राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ : दो सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दिया
    04 Jun 2022
    राज्य में बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। दो दिन पहले इन कर्मियों के महासंघ की ओर से मांग न मानने पर सामूहिक इस्तीफ़े का ऐलान किया गया था।
  • bulldozer politics
    न्यूज़क्लिक टीम
    वे डरते हैं...तमाम गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज और बुलडोज़र के बावजूद!
    04 Jun 2022
    बुलडोज़र क्या है? सत्ता का यंत्र… ताक़त का नशा, जो कुचल देता है ग़रीबों के आशियाने... और यह कोई यह ऐरा-गैरा बुलडोज़र नहीं यह हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र है, इस्लामोफ़ोबिया के मंत्र से यह चलता है……
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’
    04 Jun 2022
    यूं तो आरएसएस पौधे नहीं ‘शाखा’ लगाता है, लेकिन उसके छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक करोड़ पौधे लगाने का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License