NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
प्रणब मुखर्जी के बेटे ने पिता के संस्मरण का प्रकाशन रोकने को कहा, बेटी ने किया विरोध
पूर्व सांसद अभिजीत ने यह भी कहा कि उन्होंने पुस्तक 'द प्रेसिडेंशियल ईयर्स' का प्रकाशन रोकने के लिए ‘रूपा प्रकाशन’ को पत्र लिखा है, जो इसका प्रकाशन कर रही थी।
भाषा
15 Dec 2020
प्रणब मुखर्जी

नयी दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पुत्र अभिजीत मुखर्जी ने अपने पिता के संस्मरण का हवाला देकर मीडिया में आई कुछ बातों को ‘प्रेरित’ करार देते हुए मंगलवार को प्रकाशक से आग्रह किया कि वह उनकी लिखित सहमति तक प्रकाशन बंद करे। हालांकि, मुखर्जी की पुत्री शर्मिष्ठा ने अपने भाई के बयान का विरोध करते हुए कहा कि ‘सस्ते प्रचार’ के लिए पुस्तक का प्रकाशन रोकने का प्रयास नहीं होना चाहिए।

पूर्व सांसद अभिजीत ने यह भी कहा कि उन्होंने पुस्तक 'द प्रेसिडेंशियल ईयर्स' का प्रकाशन रोकने के लिए ‘रूपा प्रकाशन’ को पत्र लिखा है, जो इसका प्रकाशन कर रही थी।

अभिजीत ने ‘रूपा प्रकाशन’ और इसके प्रबंध निदेशक कपिश मेहरा को टैग करते हुए ट्वीट किया, ‘‘संस्मरण के लेखक के पुत्र होने के कारण मैं आप लोगों से आग्रह करता हूं कि इस पुस्तक और मेरी सहमति के बिना मीडिया के कुछ हिस्सों में आए पुस्तक के प्रेरित अंशों का प्रकाशन बंद करिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पिता इस दुनिया में नहीं हैं। ऐसे में उनका पुत्र होने के कारण मैं पुस्तक की सामग्री का अध्ययन करना चाहता हूं क्योंकि मेरा मानना है कि अगर मेरे पिता जीवित होते तो वह भी ऐसा ही करते।’’

पूर्व कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘ऐसे में मैं आप लोगों से आग्रह करता हूं कि जब तक मैं इसका अध्ययन नहीं कर लेता, तब तक आप लोग मेरी लिखित सहमति के बिना इस पुस्तक का प्रकाशन तत्काल रोकिए। मैं इस बारे में आप लोगों को पहले ही विस्तृत पत्र भेज चुका हूं।’’

अभिजीत के इस ट्वीट पर मेहरा और उनके प्रकाशन की तरफ से फिलहाल कोई जवाब नहीं आया।

अपने भाई के ट्वीट का जवाब देते हुए कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा, ‘‘मैं संस्मरण के लेखक की पुत्री के तौर पर अपने भाई अभिजीत मुखर्जी से आग्रह करती हूं कि वह पिता द्वारा लिखी गई अंतिम पुस्तक के प्रकाशन में अनावश्यक अवरोध पैदा नहीं करें। वह (मुखर्जी) बीमार होने से पहले ही इसे पूरा लिख चुके थे।

उन्होंने यह भी कहा, ‘‘ पुस्तक के साथ मेरे पिता के हाथों से लिखा हुआ नोट और टिप्पणियां हैं जिनका पूरी सख्ती से अनुसरण किया गया है। उनके द्वारा व्यक्त किए गए विचार उनके अपने हैं और किसी को सस्ते प्रचार के लिए इसे प्रकाशित कराने से रोकने का प्रयास नहीं करना चाहिए। यह हमारे दिवंगत पिता के लिए सबसे बड़ा अन्याय होगा।’’

दरअसल, प्रकाशन की ओर से मीडिया में जारी पुस्तक के अंशों के मुताबिक, इसमें मुखर्जी ने राष्ट्रपति के तौर अपने अनुभवों और कांग्रेस के नेतृत्व में संदर्भ कई बातों का उल्लेख किया है।

सार्वजनिक हुए अंशों के अनुसार, इसमें मुखर्जी ने लिखा है कि उनके राष्ट्रपति बनने के बाद कांग्रेस राजनीतिक दिशा से भटक गई और कुछ पार्टी सदस्यों का यह मानना था कि अगर 2004 में वह प्रधानमंत्री बनते तो 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए करारी हार वाली नौबत नहीं आती।

मुखर्जी अपने निधन से पहले संस्मरण 'द प्रेसिडेंशियल ईयर्स' को लिख चुके थे। रूपा प्रकाशन द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक जनवरी, 2021 से पाठकों के लिए उपलब्ध होने वाली थी।

मुखर्जी का कोरोना वायरस संक्रमण के बाद हुई स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं के करण गत 31 जुलाई को 84 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था।

Pranab Mukharjee
Abhijit Mukherjee
The Presidential Years Book

Related Stories

प्रणब मुखर्जी: जिन्होंने राष्ट्रपति और जनता के बीच की दूरी को कम करने के लिए 'महामहिम' संबोधन हटाया

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी कोरोना पॉजिटिव

प्रणब दा ! क्या आरएसएस अपनी भारत विरोधी हिन्दू राष्ट्रवादी विचारधारा को त्याग सकता है?


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल
    02 Jun 2022
    साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद भी एलजीबीटी कम्युनिटी के लोग देश में भेदभाव का सामना करते हैं, उन्हें एॉब्नार्मल माना जाता है। ऐसे में एक लेस्बियन कपल को एक साथ रहने की अनुमति…
  • समृद्धि साकुनिया
    कैसे चक्रवात 'असानी' ने बरपाया कहर और सालाना बाढ़ ने क्यों तबाह किया असम को
    02 Jun 2022
    'असानी' चक्रवात आने की संभावना आगामी मानसून में बतायी जा रही थी। लेकिन चक्रवात की वजह से खतरनाक किस्म की बाढ़ मानसून से पहले ही आ गयी। तकरीबन पांच लाख इस बाढ़ के शिकार बने। इनमें हरेक पांचवां पीड़ित एक…
  • बिजयानी मिश्रा
    2019 में हुआ हैदराबाद का एनकाउंटर और पुलिसिया ताक़त की मनमानी
    02 Jun 2022
    पुलिस एनकाउंटरों को रोकने के लिए हमें पुलिस द्वारा किए जाने वाले व्यवहार में बदलाव लाना होगा। इस तरह की हत्याएं न्याय और समता के अधिकार को ख़त्म कर सकती हैं और इनसे आपात ढंग से निपटने की ज़रूरत है।
  • रवि शंकर दुबे
    गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?
    02 Jun 2022
    गुजरात में पाटीदार समाज के बड़े नेता हार्दिक पटेल ने भाजपा का दामन थाम लिया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले चुनावों में पाटीदार किसका साथ देते हैं।
  • सरोजिनी बिष्ट
    उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा
    02 Jun 2022
    "अब हमें नियुक्ति दो या मुक्ति दो " ऐसा कहने वाले ये आरक्षित वर्ग के वे 6800 अभ्यर्थी हैं जिनका नाम शिक्षक चयन सूची में आ चुका है, बस अब जरूरी है तो इतना कि इन्हे जिला अवंटित कर इनकी नियुक्ति कर दी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License