NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
अमेरिका
यूएस द्वारा रक्षा पर किए गए ख़र्च का क़रीब आधा निजी कंपनियों को मिलाः कॉस्ट ऑफ़ वॉर प्रोजेक्ट
ब्राउन यूनिवर्सिटी के अध्ययन में कहा गया है कि रक्षा क्षेत्र में लाभ पर काम करने वाले निजी कंपनियों को शामिल करने की नीति ने संभावित राजनयिक समाधानों के प्रयासों को कमज़ोर कर दिया है।
पीपल्स डिस्पैच
14 Sep 2021
यूएस द्वारा रक्षा पर किए गए ख़र्च का क़रीब आधा निजी कंपनियों को मिलाः कॉस्ट ऑफ़ वॉर प्रोजेक्ट

11 सितंबर 2001 के आतंकवादी हमलों के बाद शुरू हुए आतंक के खिलाफ अमेरिकी वैश्विक युद्ध के बीस वर्षों के मुख्य लाभार्थी कॉर्पोरेट निजी कंपनियां थीं। सोमवार 13 सितंबर को ब्राउन यूनिवर्सिटी के कॉस्ट ऑफ वॉर प्रोजेक्ट द्वारा प्रकाशित एक नए अध्ययन के अनुसार, युद्ध की शुरुआत के बाद से पेंटागन द्वारा खर्च किए गए लगभग 14 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर में से लगभग आधा अमेरिका में निजी रक्षा ठेकेदारों के पास गया।

इस अध्ययन में कहा गया है, "अब तक बड़े और छोटे कॉरपोरेशन 9/11 के बाद सैन्य खर्च में वृद्धि के सबसे बड़े लाभार्थी रहे हैं"। इसके अनुसार, 14 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का लगभग एक चौथाई हिस्सा सिर्फ पांच प्रमुख कॉरपोरेशनों को गया जिनमें लॉकहीड मार्टिन, बोइंग, जनरल डायनेमिक्स, रेथियॉन और नॉरथ्रॉप गुम्मन शामिल हैं।

कॉस्ट ऑफ वार स्टडी का कहना है कि "9/11 के बाद की अवधि में निजी ठेकेदारों पर पेंटागन की बढ़ती निर्भरता ने जवाबदेही, पारदर्शिता और प्रभावशीलता के कई प्रश्न उठाए हैं"। इस रिपोर्ट में इस बात को उजागर किया गया है कि युद्ध को लाभ का स्रोत बनाने से कूटनीति और शांतिपूर्ण समाधान कमजोर हुए हैं और इससे अमेरिकी समाज का सैन्यीकरण भी हुआ है।

निजी कंपनियों द्वारा उन अनुबंधों को प्राप्त करने में शामिल संपर्क के पैमाने के एक उदाहरण के रूप में ये अध्ययन बताता है कि निजी निगमों ने केवल पिछले पांच वर्षों में 700 से अधिक लॉबिस्टों को रोजगार देने के लिए केवल लॉबिंग पर पिछले बीस वर्षों में 2.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक खर्च किए हैं। अमेरिकी कांग्रेस के दोनों सदनों की कुल क्षमता सिर्फ 535 है।

इस अध्ययन में कहा गया है कि 11 सितंबर के हमलों के बाद, अमेरिकी रक्षा बजट में 2010 में 800 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई। इस अध्ययन में कहा गया है कि इस उछाल के कारण निजी कंपनियों द्वारा हासिल किए गए मुनाफे के स्तर का आकलन सिर्फ एक अनुमान से किया जा सकता है। इसके अनुसार, लॉकहीड मार्टिन को 2020 के वित्तीय वर्ष में 75 बिलियन अमेरिकी डॉलर का अनुबंध मिला जो कि राज्य विभागों की अंतर्राष्ट्रीय विकास एजेंसी के उसी वर्ष के 44 बिलियन अमेरिकी डॉलर के कुल बजट से लगभग डेढ़ गुना अधिक है।

US
America
Terrorism
9/11 attack

Related Stories

और फिर अचानक कोई साम्राज्य नहीं बचा था

90 दिनों के युद्ध के बाद का क्या हैं यूक्रेन के हालात

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आईपीईएफ़ पर दूसरे देशों को साथ लाना कठिन कार्य होगा

यूक्रेन युद्ध से पैदा हुई खाद्य असुरक्षा से बढ़ रही वार्ता की ज़रूरत

यूक्रेन में संघर्ष के चलते यूरोप में राजनीतिक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव 

क्या दुनिया डॉलर की ग़ुलाम है?

छात्रों के ऋण को रद्द करना नस्लीय न्याय की दरकार है

यूक्रेन में छिड़े युद्ध और रूस पर लगे प्रतिबंध का मूल्यांकन

पड़ताल दुनिया भर कीः पाक में सत्ता पलट, श्रीलंका में भीषण संकट, अमेरिका और IMF का खेल?

बाइडेन ने फैलाए यूक्रेन की सीमा की ओर अपने पंख


बाकी खबरें

  • सौरभ शर्मा
    'नथिंग विल बी फॉरगॉटन' : जामिया छात्रों के संघर्ष की बात करती किताब
    09 May 2022
    वह जिनमें निराशा भर गई है, उनके लिए इस नई किताब ने उम्मीद जगाने का काम किया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी विवाद में नया मोड़, वादी राखी सिंह वापस लेने जा रही हैं केस, जानिए क्यों?  
    09 May 2022
    राखी सिंह विश्व वैदिक सनातन संघ से जुड़ी हैं। वह अपनी याचिका वापस लेने की तैयारी में है। इसको लेकर उन्होंने अर्जी डाल दी है, जिसे लेकर हड़कंप है। इसके अलावा कमिश्नर बदलने की याचिका पर सिविल जज (…
  • itihas ke panne
    न्यूज़क्लिक ब्यूरो
    क्या हिंदी को लेकर हठ देश की विविधता के विपरीत है ?
    08 May 2022
    पिछले महीने देश के गृह मंत्री अमित शाह ने बयान दिया कि अलग प्रदेशों के लोगों को भी एक दूसरे से हिंदी में बात करनी चाहिए। इसके बाद देश में हिंदी को लेकर विवाद फिर एक बार सामने आ गया है। कई विपक्ष के…
  • farmers
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग
    08 May 2022
    किसान संगठनों ने 9 मई को प्रदेशभर में सिवनी हत्याकांड और इसके साथ ही एमएसपी को लेकर अभियान शुरू करने का आह्वान किया।
  • kavita
    न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : माँओं के नाम कविताएं
    08 May 2022
    मदर्स डे के मौक़े पर हम पेश कर रहे हैं माँओं के नाम और माँओं की जानिब से लिखी कविताएं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License