NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
छात्र नेता अनीश ख़ान की हत्या का विरोध जारी, कोलकाता उच्च न्यायालय में उठी सुनवाई की मांग
एसएफ़आई ने अनीश ख़ान की मौत की निंदा करते हुए इसका ज़िम्मेदार तृणमूल कांग्रेस के गुंडों को बताया है। 
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
21 Feb 2022
 Anish Khan

कोलकाता के छात्र नेता अनीश ख़ान की शुक्रवार को हुई हत्या का शनिवार को जम कर विरोध हुआ जिसके बाद सोमवार को दिल्ली के बंगा भवन में भी स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने प्रदर्शन किया। एसएफआई के प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया।

इस बीच कलकत्ता उच्च न्यायालय में सोमवार को एक वकील ने हावड़ा जिले के अमटा में हुई छात्र नेता अनीश खान की हत्या के मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुई कार्रवाई करने की मौखिक अपील अदालत से की।

हत्या की घटना के विरोध में कोलकाता में व्यापक प्रदर्शन हुए थे और मामले की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराने की मांग उठी थी।

वकील के अनुरोध पर न्यायाधीश राजशेखर मंथा ने कहा कि वह अपराह्न दो बजे लिखित अर्जी के साथ पेश हों।

वकील ने यह मौखिक अपील न्यायमूर्ति मंथा के समक्ष की और खान की हत्या के दोषियों का पता लगाने के लिए अदालत से स्वत: संज्ञान लेते हुए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया।

गौरतलब है कि छात्र नेता के पिता ने शुक्रवार को कहा था कि उनके घर पर चार लोग पुलिस की वर्दी और सादे कपड़ों में आए थे और उन्होंने उनके बेटे को घर की तीसरी मंजिल से धक्का दे दिया था।

खान का परिवार मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहा है।

एसएफआई ने अनीश ख़ान की मौत का ज़िम्मेदार तृणमूल कांग्रेस के गुंडों को बताया है। एक प्रेस विज्ञप्ति में एसएफआई ने अपने नेता सुदीप्तो गुप्ता और सैफ़ुद्दीन मुल्ला का ज़िक्र करते हुए कहा है कि उन्हें टीएमसी के गुंडों ने मार दिया था।

ग़ौरतलब है कि अनीश ख़ान एन्टी सीएए-एनआरसी विरोध प्रदर्शन के दौरान काफ़ी सक्रिय थे। उसके बाद उन्होंने ममता बनर्जी सरकार की भी आलोचना की थी।

एसएफआई दिल्ली राज्य कमेटी के सुमित कटारिया ने कहा, "पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने पिछले 1 दशक ने तानाशाही और अपने विरोधियों के ख़िलाफ़ हिंसा की राजनीति कर रही है। ख़ास तौर पर मुसलमानों को लगातार इस हिंसा का शिकार बनाया जा रहा है।"

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

Anish Khan
Kolkata High Court

Related Stories

छात्र नेता अनीश खान की मौत के मामले की जांच करेगी एसआईटी: ममता बनर्जी

बंगाल में भी कोरोना विस्फोट, क्या चुनाव आयोग लेगा ज़िम्मेदारी?


बाकी खबरें

  • भाषा
    हड़ताल के कारण हरियाणा में सार्वजनिक बस सेवा ठप, पंजाब में बैंक सेवाएं प्रभावित
    28 Mar 2022
    हरियाणा में सोमवार को रोडवेज कर्मी देशव्यापी दो दिवसीय हड़ताल में शामिल हुए जिससे सार्वजनिक परिवहन सेवाएं बाधित हुईं। केंद्र की कथित गलत नीतियों के विरुद्ध केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के एक संयुक्त मंच ने…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: “काश! हमारे यहां भी हिंदू-मुस्लिम कार्ड चल जाता”
    28 Mar 2022
    पाकिस्तान एक मुस्लिम बहुल और इस्लामिक देश है। अब संकट में फंसे इमरान ख़ान के सामने यही मुश्किल है कि वे अपनी कुर्सी बचाने के लिए कौन से कार्ड का इस्तेमाल करें। व्यंग्य में कहें तो इमरान यही सोच रहे…
  • भाषा
    केरल में दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल के तहत लगभग सभी संस्थान बंद रहे
    28 Mar 2022
    राज्य द्वारा संचालित केरल राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) की बसें सड़कों से नदारत रहीं, जबकि टैक्सी, ऑटो-रिक्शा और निजी बसें भी राज्यभर में नजर नहीं आईं। ट्रक और लॉरी सहित वाणिज्यिक वाहनों के…
  • शिव इंदर सिंह
    विश्लेषण: आम आदमी पार्टी की पंजाब जीत के मायने और आगे की चुनौतियां
    28 Mar 2022
    सत्ता हासिल करने के बाद आम आदमी पार्टी के लिए आगे की राह आसन नहीं है। पंजाब के लोग नई बनी सरकार से काम को ज़मीन पर होते हुए देखना चाहेंगे।
  • सुहित के सेन
    बीरभूम नरसंहार ने तृणमूल की ख़ामियों को किया उजागर 
    28 Mar 2022
    रामपुरहाट की हिंसा ममता बनर्जी की शासन शैली की ख़ामियों को दर्शाती है। यह घटना उनके धर्मनिरपेक्ष राजनीति की चैंपियन होने के दावे को भी कमज़ोर करती है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License