NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
श्री लंका
श्रीलंका के विश्वविद्यालय में हिंसा के ख़िलाफ़ विरोध सरकार के निजीकरण के एजेंडे को उजागर करता है
छात्र नेताओं को डर है कि विश्वविद्यालयों में हिंसा देश में शिक्षा प्रणाली के निजीकरण की बड़ी योजना का अगुआ है।
पीपल्स डिस्पैच
17 Jan 2020
Sri Lankan students demonstration

सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आने के बाद श्रीलंका के कोलंबो विश्वविद्यालय के छात्र विश्वविद्यालय प्रबंधन के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस वीडियो में एक छात्र को विश्विद्यालय परिसर के अंदर एक समूह द्वारा 15 जनवरी को बुरी तरह से पीटते हुए देखा गया था। बोरेला के पास हुए इस हमले के बाद बारह छात्रों को पुलिस ने गिरफ्तार किया और कोलंबो के मुख्य मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया। बाद में उन्हें ज़मानत पर रिहा कर दिया गया। कोलंबो नेशनल अस्पताल के अधिकारियों के मुताबिक़ घायल छात्र को छुट्टी दे दी गई है।

प्रदर्शनकारी छात्रों का दावा है कि वे विश्वविद्यालय के भीतर बढ़ते टकराव से भयभीत हैं और उन्होंने छात्रों से मार पीट करने वालों के ख़़िलाफ़ सख्त कार्रवाई की मांग की है। इस ताज़ा हमले को लेकर छात्र के विरोध प्रदर्शन से पहले छात्र संघ द्वारा बार-बार रैगिंग और उत्पीड़न की शिकायतें की जाती रही हैं लेकिन प्रबंधन ने ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए कोई ध्यान नहीं दिया है।

वामपंथी-झुकाव वाले फ्रंटलाइन सोशलिस्ट पार्टी सहित कई एक्टिविस्ट ने छात्र संघों को विकल्प दिए हैं। इन विकल्पों में विश्वविद्यालय तंत्र के खिलाफ एकजुट मोर्चा बनाना और उन मुद्दों के लिए लड़ाई जारी रखना जो छात्रों को विश्वविद्यालयों के अंदर सामना करना पड़ रहा है शामिल हैं। इसमें वर्तमान श्रीलंकाई सरकार की देश में शिक्षा प्रणाली के निजीकरण की योजनाएं शामिल हैं। इसके परिणामस्वरूप छात्र संघों को भंग करना होगा।

फ्रंटलाइन सोशलिस्ट पार्टी के सदस्य दुमिन्दा नागमुवा के अनुसार छात्रों के बीच टकराव रैगिंग के मुद्दे से अधिक प्रतीत होता है। उन्होंने गुरुवार को डेली मिरर को बताया, “इंटर यूनिवर्सिटी स्टूडेंट फेडरेशन ने कुछ राजनीतिक विचारधाराओं का भंडाफोड़ करने के लिए एक क्रांतिकारी रुख अपनाया है और इसलिए इसे एक अनैतिक संगठन के रूप में चित्रित किया जा रहा है। रैगिंग एक आदिम संस्कृति का एक उदाहरण है जिसमें हम रहते हैं। हालांकि, इस सरकार ने कहा है कि वह संघ पर हमला करने के साधन के रूप में शिक्षा प्रणाली के निजीकरण के रास्ते को अपनाएगी। लेकिन हम अच्छी तरह से जानते हैं कि वे मुख्य न्यायाधीशों, वरिष्ठ वकीलों को कैसे नियंत्रित रखते हैं और कार्यपालिका और विधानमंडल के बीच गड़बड़ पैदा कर देते हैं। यह एक शक्ति संघर्ष है।”

पिछले हफ्ते महापोला छात्रवृत्ति कोष में वृद्धि की मांग को लेकर इंटर-यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स फेडरेशन से जुड़े छात्र कोलंबो में राष्ट्रपति सचिवालय के बाहर इकट्ठा हुए थे। हालांकि, उच्च शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा उनकी मांगों को पूरा किए जाने का आश्वासन दिए जाने के बाद यह विरोध शांतिपूर्ण तरीक़े से समाप्त हो गया।

साभार: पीपल्स डिस्पैच

Srilanka
Student Protests
Protest against violence
privatization
Social Media
Colambo University

Related Stories

रूस-यूक्रैन संघर्षः जंग ही चाहते हैं जंगखोर और श्रीलंका में विरोध हुआ धारदार

श्रीलंका का संकट सभी दक्षिण एशियाई देशों के लिए चेतावनी

पड़ताल दुनिया भर कीः पाक में सत्ता पलट, श्रीलंका में भीषण संकट, अमेरिका और IMF का खेल?

श्रीलंका में आपातकाल! भारत के लिए सबक !

इस साल यूपी को ज़्यादा बिजली की ज़रूरत

रेलवे में 3 लाख हैं रिक्तियां और भर्तियों पर लगा है ब्रेक

भारतीय रेल के निजीकरण का तमाशा

निजी ट्रेनें चलने से पहले पार्किंग और किराए में छूट जैसी समस्याएं बढ़ने लगी हैं!

रामदेव विरोधी लिंक हटाने के आदेश के ख़िलाफ़ सोशल मीडिया की याचिका पर सुनवाई से न्यायाधीश ने खुद को अलग किया

यूपी चुनाव: पिछले 5 साल के वे मुद्दे, जो योगी सरकार को पलट सकते हैं! 


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    वर्ष 2030 तक हार्ट अटैक से सबसे ज़्यादा मौत भारत में होगी
    23 May 2022
    "युवाओं तथा मध्य आयु वर्ग के लोगों में हृदय संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं जो चिंताजनक है। हर चौथा व्यक्ति हृदय संबंधी रोग से पीड़ित होगा।"
  • आज का कार्टून
    “मित्रों! बच्चों से मेरा बचपन का नाता है, क्योंकि बचपन में मैं भी बच्चा था”
    23 May 2022
    अपने विदेशी यात्राओं या कहें कि विदेशी फ़ोटो-शूट दौरों के दौरान प्रधानमंत्री जी नेताओं के साथ, किसी ना किसी बच्चे को भी पकड़ लेते हैं।
  • students
    रवि शंकर दुबे
    बच्चों को कौन बता रहा है दलित और सवर्ण में अंतर?
    23 May 2022
    उत्तराखंड में एक बार फिर सवर्ण छात्रों द्वारा दलित महिला के हाथ से बने भोजन का बहिष्कार किया गया।
  • media
    कुश अंबेडकरवादी
    ज़ोरों से हांफ रहा है भारतीय मीडिया। वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में पहुंचा 150वें नंबर पर
    23 May 2022
    भारतीय मीडिया का स्तर लगातार नीचे गिर रहा है, वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में 150वें नंबर पर पहुंच गया है।
  • सत्येन्द्र सार्थक
    श्रम क़ानूनों और सरकारी योजनाओं से बेहद दूर हैं निर्माण मज़दूर
    23 May 2022
    निर्माण मज़दूर राजेश्वर अपना अनुभव बताते हुए कहते हैं “दिल्ली के राजू पार्क कॉलोनी में मैंने 6-7 महीने तक काम किया था। मालिक ने पूरे पैसे नहीं दिए और धमकी देकर बोला ‘जो करना है कर ले पैसे नहीं दूँगा…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License