NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
रालोद ने अपने तीन नेताओं को छह वर्ष के लिए निलंबित किया
रालोद के अध्यक्ष जयंत चौधरी के निर्देश पर प्रदेश की अनुशासन समिति के अध्यक्ष धर्मवीर सिंह बालियान ने मथुरा के तीन नेताओं को एक दिन पहले एक होटल में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान ‘अनुशासनहीनता’ करने का दोषी मानते हुए छह वर्ष के लिए निलंबित कर दिया है।
भाषा
13 Jul 2021
रालोद ने अपने तीन नेताओं को छह वर्ष के लिए निलंबित किया

मथुरा: राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) की उत्तर प्रदेश इकाई ने तीन नेताओं को ‘अनुशासनहीनता’ में लिप्त पाये जाने के बाद छह वर्ष के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया है। प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र सिंह ने यहां यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि रालोद के अध्यक्ष जयंत चौधरी के निर्देश पर प्रदेश की अनुशासन समिति के अध्यक्ष धर्मवीर सिंह बालियान ने मथुरा के तीन नेताओं को एक दिन पहले एक होटल में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान ‘अनुशासनहीनता’ करने का दोषी मानते हुए छह वर्ष के लिए निलंबित कर दिया है।

उन्होंने बताया कि पार्टी की सोमवार को आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान पार्टी के तीन नेताओं द्वारा आपसी विवाद को सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करने, आपस में भिड़ने तथा मना करने पर भी अनुशासनहीनता जारी रखने पर पार्टी की अनुशासन समिति ने उन्हें निलम्बित कर कारण बताओ नोटिस जारी किये और पूछा कि क्यों न उन्हें उनके इस व्यवहार के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया जाए।

सिंह ने बताया कि निलंबित नेताओं में पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष रामवीर सिंह भरंगर, बच्चन पहलवान और चौधरी देवराज सिंह शामिल हैं।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इन तीनों नेताओं के सार्वजनिक झगड़े के वीडियो वायरल हो जाने के बाद पार्टी नेतृत्व को असहज स्थिति का सामना करना पड़ रहा था और इस कारण पार्टी ने भविष्य में ऐसे व्यवहार की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए कड़ी कार्रवाई कर सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को अनुशासन में रहने का संदेश देने का प्रयास किया है।

RLD
Jayant Chaudhary

Related Stories

रालोद के सम्मेलन में जाति जनगणना कराने, सामाजिक न्याय आयोग के गठन की मांग

आज़म के परिवार से जयंत की मुलाकात के क्या मायने निकाले जाएं?

विधानसभा चुनाव: एक ख़ास विचारधारा के ‘मानसिक कब्ज़े’ की पुष्टि करते परिणाम 

यूपीः किसान आंदोलन और गठबंधन के गढ़ में भी भाजपा को महज़ 18 सीटों का हुआ नुक़सान

यूपी चुनाव : पूर्वांचल में हर दांव रहा नाकाम, न गठबंधन-न गोलबंदी आया काम !

यूपी चुनाव: सियासी दलों के लिए क्यों ज़रूरी हो गए हैं बाहुबली और माफ़िया?

ग्राउंड रिपोर्टः जाट-मुस्लिम गठजोड़ बना चुंबक, बिगड़ रहा भाजपा का खेल, मुखर हुईं मुस्लिम आवाज़ें

सरकार सिर्फ़ गर्मी, चर्बी और बदले की बात करती है - राकेश टिकैत

यूपी चुनाव: क्या पश्चिमी यूपी कर सकता है भाजपा का गणित ख़राब?

यूपी चुनाव: नहीं चल पा रहा ध्रुवीकरण का कार्ड


बाकी खबरें

  • भाषा
    कांग्रेस की ‘‘महंगाई मैराथन’’ : विजेताओं को पेट्रोल, सोयाबीन तेल और नींबू दिए गए
    30 Apr 2022
    “दौड़ के विजेताओं को ये अनूठे पुरस्कार इसलिए दिए गए ताकि कमरतोड़ महंगाई को लेकर जनता की पीड़ा सत्तारूढ़ भाजपा के नेताओं तक पहुंच सके”।
  • भाषा
    मप्र : बोर्ड परीक्षा में असफल होने के बाद दो छात्राओं ने ख़ुदकुशी की
    30 Apr 2022
    मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा का परिणाम शुक्रवार को घोषित किया गया था।
  • भाषा
    पटियाला में मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहीं, तीन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का तबादला
    30 Apr 2022
    पटियाला में काली माता मंदिर के बाहर शुक्रवार को दो समूहों के बीच झड़प के दौरान एक-दूसरे पर पथराव किया गया और स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए पुलिस को हवा में गोलियां चलानी पड़ी।
  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    बर्बादी बेहाली मे भी दंगा दमन का हथकंडा!
    30 Apr 2022
    महंगाई, बेरोजगारी और सामाजिक विभाजन जैसे मसले अपने मुल्क की स्थायी समस्या हो गये हैं. ऐसे गहन संकट में अयोध्या जैसी नगरी को दंगा-फसाद में झोकने की साजिश खतरे का बड़ा संकेत है. बहुसंख्यक समुदाय के ऐसे…
  • राजा मुज़फ़्फ़र भट
    जम्मू-कश्मीर: बढ़ रहे हैं जबरन भूमि अधिग्रहण के मामले, नहीं मिल रहा उचित मुआवज़ा
    30 Apr 2022
    जम्मू कश्मीर में आम लोग नौकरशाहों के रहमोकरम पर जी रहे हैं। ग्राम स्तर तक के पंचायत प्रतिनिधियों से लेकर जिला विकास परिषद सदस्य अपने अधिकारों का निर्वहन कर पाने में असमर्थ हैं क्योंकि उन्हें…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License