NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
रिपब्लिकन ने अमेरिकी सीनेट में मतदान के अधिकारों की रक्षा करने वाले बिल को रोका
पार्टी लाइनों के साथ वोट विभाजित होने के बाद प्रस्तावित बिल 'फॉर द पीपल एक्ट' सीनेट में जाने के लिए आवश्यक 60 वोट को प्राप्त नहीं कर सका, जिससे ये अनिश्चित काल के अधर में लटक गया।
पीपल्स डिस्पैच
24 Jun 2021
रिपब्लिकन ने अमेरिकी सीनेट में मतदान के अधिकारों की रक्षा करने वाले बिल को रोका

सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी से खास छूट के बावजूद अमेरिका में विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी ने सीनेट में एक प्रमुख मतदान अधिकार विधेयक को रोकने के लिए मतदान किया। मंगलवार 22 जून को अमेरिकी सीनेट 'फॉर द पीपल एक्ट' या S1 को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण मतदान को लेकर पार्टी लाइनों के साथ आधे-आध में बंटा हुआ था। इस बिल का उद्देश्य राज्य सरकारों द्वारा मतदान करने को सीमित करने के प्रयासों को समाप्त करना था।

100 सदस्यीय सदन में विधेयक को बहस के लिए पेश करने के लिए 60 मतों की आवश्यकता थी लेकिन सभी 50 रिपब्लिकन सीनेटरों ने इसके खिलाफ मतदान किया जिससे ये विधेयक अधर में लटक गया। 2020 के आम चुनाव के बाद से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और रिपब्लिकन पार्टी ने ऐसे कानूनों की वकालत की है जिसको लेकर नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं का दावा है कि यह मतदान करने को काफी सीमित कर देगा।

यदि यह पारित किया जाता है तो फॉर द पीपल एक्ट मानकीकृत संघीय चुनाव नियमों को स्थापित करता, संघीय चुनाव आयोग में सुधार करता, संघीय अनुमोदन के बिना राज्यों की क्षमता को सीमित करता (इस प्रकार अनुचित लाभ की नियत से निर्वाचन क्षेत्रों का निर्धारण को सीमित करता), सुधार अभियान वित्तपोषण प्रावधानों और कांग्रेस, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति और सर्वोच्च न्यायालय सहित प्रमुख संघीय पदों के लिए नए नैतिकता नियम तैयार करता।

इस साल मार्च में यूएस हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में पारित किए गए मूल बिल में से कई इन नियमों को सीनेट में कथित उदारवादी रिपब्लिकन से समर्थन हासिल करने के लिए संशोधित किया गया था। लेकिन ये बिल सीनेट में डेमोक्रेटिक पार्टी से पूर्ण समर्थन हासिल करने में भी विफल रहा और कई वरिष्ठ सीनेटरों जैसे जो मनचिन ने बिल के बारे में संदेह जाहिर किया।

नवंबर 2020 में चुनाव संपन्न होने के बाद से विभिन्न राज्य विधानसभाओं में करीब 400 बिल पेश किए गए हैं। रिपब्लिकन ने कहा है कि 2020 के चुनावों में होने वाली इस तरह की धोखाधड़ी के निराधार दावों के आधार पर आधारित मतदाता धोखाधड़ी और हेरफेर को रोकने के लिए ये उपाय आवश्यक हैं।

बैलट एक्सेस एडवोकेसी ग्रुप वोटिंग राइट्स लैब के अनुसार रिपब्लिकन पार्टी के नेतृत्व वाले 18 राज्यों ने 30 ऐसे कानून बनाए हैं और आने वाले महीनों में अन्य राज्य के इसी रुख का पालन करने की उम्मीद है। इस समूह ने कहा कि इन कानूनों से 36 मिलियन मतदाताओं या सभी पात्र मतदाताओं में से लगभग 15% के प्रभावित होने का अनुमान है।

America
Black Lives Matter
Democratic Party
US House

Related Stories

और फिर अचानक कोई साम्राज्य नहीं बचा था

जॉर्ज फ्लॉय्ड की मौत के 2 साल बाद क्या अमेरिका में कुछ बदलाव आया?

क्या दुनिया डॉलर की ग़ुलाम है?

गर्भपात प्रतिबंध पर सुप्रीम कोर्ट के लीक हुए ड्राफ़्ट से अमेरिका में आया भूचाल

यूक्रेन में छिड़े युद्ध और रूस पर लगे प्रतिबंध का मूल्यांकन

पड़ताल दुनिया भर कीः पाक में सत्ता पलट, श्रीलंका में भीषण संकट, अमेरिका और IMF का खेल?

प्रधानमंत्री ने गलत समझा : गांधी पर बनी किसी बायोपिक से ज़्यादा शानदार है उनका जीवन 

लखनऊ में नागरिक प्रदर्शन: रूस युद्ध रोके और नेटो-अमेरिका अपनी दख़लअंदाज़ी बंद करें

यूक्रेन पर रूस के हमले से जुड़ा अहम घटनाक्रम

यूक्रेन की बर्बादी का कारण रूस नहीं अमेरिका है!


बाकी खबरें

  • संदीपन तालुकदार
    वैज्ञानिकों ने कहा- धरती के 44% हिस्से को बायोडायवर्सिटी और इकोसिस्टम के की सुरक्षा के लिए संरक्षण की आवश्यकता है
    04 Jun 2022
    यह अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया भर की सरकारें जैव विविधता संरक्षण के लिए अपने  लक्ष्य निर्धारित करना शुरू कर चुकी हैं, जो विशेषज्ञों को लगता है कि अगले दशक के लिए एजेंडा बनाएगा।
  • सोनिया यादव
    हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?
    04 Jun 2022
    17 साल की नाबालिग़ से कथित गैंगरेप का मामला हाई-प्रोफ़ाइल होने की वजह से प्रदेश में एक राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ : दो सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दिया
    04 Jun 2022
    राज्य में बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। दो दिन पहले इन कर्मियों के महासंघ की ओर से मांग न मानने पर सामूहिक इस्तीफ़े का ऐलान किया गया था।
  • bulldozer politics
    न्यूज़क्लिक टीम
    वे डरते हैं...तमाम गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज और बुलडोज़र के बावजूद!
    04 Jun 2022
    बुलडोज़र क्या है? सत्ता का यंत्र… ताक़त का नशा, जो कुचल देता है ग़रीबों के आशियाने... और यह कोई यह ऐरा-गैरा बुलडोज़र नहीं यह हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र है, इस्लामोफ़ोबिया के मंत्र से यह चलता है……
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’
    04 Jun 2022
    यूं तो आरएसएस पौधे नहीं ‘शाखा’ लगाता है, लेकिन उसके छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक करोड़ पौधे लगाने का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License