महातिर और अनवर गुटों के बीच आंतरिक विभाजन से लंबे समय से ग्रसित सरकार के गठबंधन पकातन हरपन ने इस इस्तीफे के बाद स्पष्ट किया है।
महातिर (दाएं) और अनवर इब्राहिम (बाएं) सत्ता परिवर्तन के सवाल पर आमने सामने रहे।
मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर बिन मोहम्मद ने देश के निर्वाचित सम्राट यांग डी-परतुआन को अपना इस्तीफा सौंप दिया। महातिर के इस्तीफे से सत्तारूढ़ पकातन हरपन गठबंधन का खुलासा हुआ है जो 94 वर्षीय महातिर के सत्ता में न रहने की इच्छा और अपने सहयोगी और उत्तराधिकारी अनवर इब्राहिम के लिए रास्ता बनाने को लेकर टकराव झेलता रहा है।
माना जाता है कि महातिर ने इस इस्तीफे के साथ उन्होंने अपनी पार्टी मलेशिया यूनाइटेड इंडीजीनस पार्टी या बरसातू के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही बरसातू के पास दीवान रकयात में 26 सीटें हैं इसने भी अनवर की पीपल्स पार्टी के 11 सदस्यों के साथ गठबंधन से हाथ खींच लिया है जिससे सरकार का संसद में बहुमत कम हो गया है।
महातिर और अनवर दोनों यूनाइटेड मलायस नेशनल ऑर्गनाइजेन या यूएमएनओ और बारिसन नेशनल गठबंधन के नेता थे जिसने मलेशिया पर बिना दखल के छह दशकों से अधिक समय तक शासन किया। महाथिर ने 22 साल तक यूएमएनओ के प्रधानमंत्री के रूप में भी सेवा दिया। यूएमएनओ के नेता नजीब रजाक से असहमतियों को लेकर इन दोनों ने बगावत की और आखिरकार पकातन हरपन या ’अलायंस फॉर होप’ नामक गठबंधन बनाया। अन्य छोटे दलों के समर्थन से इस गठबंधन ने 2018 का आम चुनाव जीता।
तब अनवर यौन हिंसा के आरोप में जेल में सजा काट रहे थे। उन्होंने इस आरोप को लेकर कहा था कि राजनीति से प्रेरित है। इन आरोपों के चलते वे शाही माफी के बिना प्रधानमंत्री का पद लेने के योग्य नहीं थे। गठबंधन में यह तय हुआ था कि महातिर प्रधानमंत्री बनेंगे और अनवर के लिए शाही माफी को लेकर कार्य करेंगे जिसके बाद अनवर को प्रधानमंत्री पद संभालना है।
साभार : पीपल्स डिस्पैच