NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कानून
राजनीति
तय समय से एक दिन पहले ही समाप्त हुआ संसद का शीतकालीन सत्र
शीत सत्र के दौरान भी दोनों सदनों में सरकार की मनमानी और विपक्ष का विरोध लगातार देखने को मिला। सरकार ने जहां तीन कृषि क़ानून बिना चर्चा के ही वापस ले लिए वहीं कई और अहम विधेयक बिना चर्चा के ही पास कर दिए।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
22 Dec 2021
संसद का शीतकालीन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
फाइल फोटो

नयी दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र एक दिन पहले ही समाप्त कर दिया गया है। आज बुधवार को लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों की बैठक निर्धारित समय से एक दिन पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। इस दौरान भी सरकार की मनमानी और विपक्ष का विरोध लगातार देखने को मिला।

सरकार ने जहां तीन कृषि क़ानून बिना चर्चा के ही वापस ले लिए वहीं कई और अहम विधेयक बिना चर्चा के ही पास कर दिए। दोनों सदनों के अध्यक्षों, लोकसभा के स्पीकर और राज्यसभा के सभापति ने हालांकि सदन के कामकाज पर असंतोष जताते हुए अप्रसन्नता जताई है, लेकिन विपक्ष की असहमति और आपत्ति को दोनों सदनों में जगह नहीं दी गई। जिसके चलते पूरे शीतकालीन सत्र के दौरान दोनों सदनों में गतिरोध बना रहा।

समाचार एजेंसी भाषा से जारी ख़बर के अनुसार लोकसभा में शीतकालीन सत्र के दौरान कुल 18 बैठकें हुईं और सदन का कार्य निष्पादन 82 प्रतिशत रहा, वहीं व्यवधान के कारण 18 घंटे 48 मिनट का समय व्यर्थ गया।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, ‘‘यह सत्र 29 नवंबर से शुरू हुआ और इस दौरान कुल 18 बैठकें हुई जो 83 घंटे 12 मिनट तक चलीं।’’

उन्होंने बताया कि सत्र के आरंभ में सदन के तीन सदस्यों ने 29 और 30 नवंबर को शपथ ली। बिरला ने कहा कि इस सत्र में महत्वपूर्ण वित्तीय और विधायी कार्य निपटाये गए और इस दौरान 12 सरकारी विधेयक पेश किये गए और 9 विधेयक पारित हुए।

बिरला ने कहा कि इस दौरान सदन का कार्य निष्पादन 82 प्रतिशत रहा और व्यवधान के कारण 18 घंटे 48 मिनट का समय व्यर्थ गया।

उन्होंने कहा, ‘‘सभा का कार्य निष्पादन आशा के अनुरूप नहीं रह पाया।’’

उन्होंने कहा कि 2 दिसंबर को सभा का कार्य निष्पादन 204 प्रतिशत रहा।

शीतकालीन सत्र निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 29 नवंबर से 23 दिसंबर तक चलना था लेकिन इसे एक दिन पहले 22 दिसंबर को अनिश्चित काल के लिये स्थगित कर दिया गया।

सत्र के दौरान कृषि विधि निरसन विधेयक 2021, राष्ट्रीय औषध शिक्षा अनुसंधान संस्थान संशोधन विधेयक 2021, केंद्रीय सतर्कता आयोग संशोधन विधेयक 2021, दिल्ली विशेष पुलिस स्थापन संशोधन विधेयक 2021 और निर्वाचन विधि संशोधन विधेयक 2021 जैसे महत्वपूर्ण विधेयक पेश किये गए। 20 दिसंबर को वर्ष 2021-22 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों के दूसरे बैच पर चर्चा हुई।

सत्र के दौरान 91 तारांकित प्रश्नों के उत्तर दिये गए और 20 दिसंबर को 20 तारांकित प्रश्नों की सूची को कवर किया गया। शून्यकाल के दौरान लोक महत्व के 563 मामलों को सदस्यों ने उठाया। कोविड-19 वैश्विक महामारी और जलवायु परिवर्तन के विषय पर अल्पकालिक चर्चा भी हुई।

इस दौरान सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी समेत केंद्रीय मंत्री और विपक्ष के दलों के नेता मौजूद थे।

लोकसभा अध्यक्ष बिरला के वक्तव्य के बाद राष्ट्रगीत वंदे मातरम की धुन बजाई गई और सदन की कार्यवाही को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया।

राज्यसभा की कार्यवाही भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

राज्यसभा की कार्यवाही भी निर्धारित तिथि से एक दिन पहले ही बुधवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई और सभापति एम वेंकैया नायडू ने इस शीतकालीन सत्र के दौरान सदन के कामकाज पर चिंता और अप्रसन्नता जतायी।

सदन की पूर्वाह्न 11 बजे कार्यवाही आरंभ होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक अखबार की खबर का हवाला देकर अयोध्या से संबंधित एक मुद्दा उठाने की कोशिश की।

खड़गे ने कहा कि यह महत्वपूर्ण मुद्दा है लिहाजा उन्हें उठाने की अनुमति दी जानी चाहिए। इस पर सभापति ने खड़गे से कहा कि मुद्दे को उठाने के लिए उन्हें नोटिस देना चाहिए था।

इसके बाद उन्होंने कहा कि संसद का शीतकालीन सत्र आज पूरा हो रहा है। सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किए जाने से पहले अपने पारंपरिक संबोधन में नायडू ने कहा सदस्यों से सामूहिक रूप से चिंतन करने और सत्र को लेकर आत्मनिरीक्षण करने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा, "सदन का शीतकालीन सत्र आज समाप्त हो रहा है। मुझे आपको यह बताते हुए खुशी नहीं महसूस हो रही कि सदन ने अपनी क्षमता से काफी कम काम किया। मैंने आप सभी से सामूहिक और व्यक्तिगत रूप से आत्मचिंतन करने का आग्रह किया कि क्या यह सत्र भिन्न और बेहतर हो सकता था। मैं इस सत्र को लेकर विस्तार से नहीं बोलना चाहता क्योंकि यह मुझे आलोचनात्मक दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित करेगा।’’

राज्यसभा सचिवालय से मिली जानकारी के अनुसार संपन्न हुए शीतकालीन सत्र की 18 बैठकों के दौरान राज्यसभा की उत्पादकता 47.90 प्रतिशत रही और कुल निर्धारित बैठक समय 95 घंटे छह मिनट में से सदन केवल 45 घंटे 34 मिनट ही कार्य कर सका।

सदन में हंगामे, व्यवधानों और स्थगन के कारण कुल 49 घंटे 32 मिनट का समय नष्ट हुआ जो कुल उपलब्ध समय का 52.08 प्रतिशत है। सत्र के दौरान प्रश्नकाल बुरी तरह प्रभावित हुआ और कुल प्रश्नकाल का 60.60 प्रतिशत व्यवधानों के कारण नष्ट हो गया। प्रश्नकाल 18 में से सात बैठकों में शुरू ही नहीं हो सका।

राज्यसभा में शीतकालीन सत्र के दौरान 10 विधेयक पारित हुए जबकि विनियोग विधेयक पर आज होने वाली चर्चा पूरी नहीं हुयी। विनियोग विधेयक सहित सरकारी विधेयकों पर कुल 21 घंटे सात मिनट चर्चा हुयी जो सदन के कामकाज के समय का 46.50 प्रतिशत होता है।

शीतकालीन सत्र के दौरान शून्यकाल के लिए उपलब्ध कुल समय का केवल 30 प्रतिशत समय का ही उपयोग हो सका और 18 बैठकों के दौरान लोक महत्व के केवल 82 मुद्दे ही उठाए गए वहीं विशेष उल्लेख के जरिए 64 मुद्दे उठाए गए।

संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर को शुरू हुआ था और यह 23 दिसंबर को समाप्त होना था। लेकिन एक दिन पहले ही उच्च सदन की बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।

ज्ञात हो कि संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन राज्यसभा में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को, मानसून सत्र के दौरान ‘‘अशोभनीय आचरण’’ करने के कारण, इस सत्र की शेष अवधि के लिए उच्च सदन से निलंबित कर दिया गया था।

विपक्ष इन सदस्यों का निलंबन वापस लेने की मांग करता रहा जबकि सरकार अड़ी रही कि जब तक निलंबित सदस्य माफी नहीं मांगेंगे तब तक उनका निलंबन रद्द नहीं किया जाएगा। इसी वजह से सदन में सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध बना रहा और कार्यवाही बार-बार बाधित होती रही।

Sansad march
loksabha
Rajya Sabha

Related Stories

टाइमलाइन : संसद के शीतकालीन सत्र में क्या कुछ हुआ, विपक्षी सांसदों को क्यों रहना पड़ा संसद से बाहर?

रमी ऑनलाइन पर रार 

ओबीसी से जुड़े विधेयक का सभी दलों ने किया समर्थन, 50 फ़ीसद आरक्षण की सीमा हटाने की भी मांग  

राजनीति: अगले साल राज्यसभा में भाजपा और एनडीए की ताकत घट जाएगी!

एक विश्लेषण:  क्या आप जानते हैं क्या हैं वे चार लेबर कोड्स जिन्हें सरकार 44 कानूनों की जगह लागू कर रही है


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ः 60 दिनों से हड़ताल कर रहे 15 हज़ार मनरेगा कर्मी इस्तीफ़ा देने को तैयार
    03 Jun 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले क़रीब 15 हज़ार मनरेगा कर्मी पिछले 60 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं फिर भी सरकार उनकी मांग को सुन नहीं रही है।
  • ऋचा चिंतन
    वृद्धावस्था पेंशन: राशि में ठहराव की स्थिति एवं लैंगिक आधार पर भेद
    03 Jun 2022
    2007 से केंद्र सरकार की ओर से बुजुर्गों को प्रतिदिन के हिसाब से मात्र 7 रूपये से लेकर 16 रूपये दिए जा रहे हैं।
  • भाषा
    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में दर्ज की रिकार्ड जीत
    03 Jun 2022
    चंपावत जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री को 13 चक्रों में हुई मतगणना में कुल 57,268 मत मिले और उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाल़ कांग्रेस समेत सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो…
  • अखिलेश अखिल
    मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 
    03 Jun 2022
    बिहार सरकार की ओर से जाति आधारित जनगणना के एलान के बाद अब भाजपा भले बैकफुट पर दिख रही हो, लेकिन नीतीश का ये एलान उसकी कमंडल राजनीति पर लगाम का डर भी दर्शा रही है।
  • लाल बहादुर सिंह
    गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया
    03 Jun 2022
    मोदी सरकार पिछले 8 साल से भारतीय राज और समाज में जिन बड़े और ख़तरनाक बदलावों के रास्ते पर चल रही है, उसके आईने में ही NEP-2020 की बड़ी बड़ी घोषणाओं के पीछे छुपे सच को decode किया जाना चाहिए।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License