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भारत
राजनीति
संविधान और जनविरोधी रास्ते पर चल रही है शिवराज सरकार : माकपा
माकपा के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने कहा है कि विधानसभा सभा सत्र में भी साबित हो गया है कि यह सरकार किस प्रकार विधायकों के भी अभिव्यक्ति के अधिकार का हनन कर रही है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
29 Dec 2021
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2014 के आरक्षण के आधार पर पंचायत चुनावों की घोषणा कर शिवराज सरकार ने संविधान विरोधी कदम उठाया था, जिसे सर्वोच्च न्यायलय और विधानसभा के हस्तक्षेप के बाद उसे वापस लेने पर मज़बूर होना पड़ा है। इसपर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा चुनावों पर प्रत्याशियों का जो करोड़ों रुपए खर्च हुआ है, उसके लिए भी भाजपा ही जिम्मेदार है।

माकपा के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि इस पूरे घटनाक्रम में पहले भाजपा का मनुवादी और फिर जनविरोधी चेहरा बेनक़ाब हुआ है। नगर निकाय चुनावों क़ो भी आगे सरका कर और अप्रत्यक्ष प्रणाली और गैर दलीय आधार पर चुनाव करवाने का निर्णय कर अपने कहे से ही पीछे हट रही है और तिकड़मबाजी और सत्ता के सहारे कब्जा करने की कोशिश कर रही है, जिसे मिलकर नाकाम करना होगा।

जसविंदर सिंह ने कहा है कि विधानसभा सभा सत्र में भी साबित हो गया है कि यह सरकार किस प्रकार विधायकों के भी अभिव्यक्ति के अधिकार का हनन कर रही है। वर्ष 2020 में  शिवराज सरकार ने 113 मिनट में बिना बहस के 33 बिल पास करवाकर संसदीय लोकतंत्र का मज़ाक़ उड़ाया था और इस वर्ष 62 घंटे में 41 कानून बिना बहस के पारित करवाकर एक बार फिर विधानसभा क़ो ही हास्यास्पद बना दिया है। जबकि इन कानूनों में कई तो जनविरोधी और धर्मनिरपेक्ष ढांचे के लिए खतरनाक कानून हैं।

 

माकपा नेता ने कहा है कि भाजपा सरकार का मज़दूर विरोधी चेहरा इससे ही उजागर हो जाता है कि निर्माण मज़दूरों के कल्याण का 416.33 करोड़ रूपये का भुगतान बिजली कम्पनियों क़ो कर इस सरकार ने बता दिया है कि इस सरकार क़ो मज़दूरों से ज्यादा चिंता बिजली कम्पनीयों की तिजोरियां भरने की है।


जसविंदर सिंह ने कहा है कि किसानों की लूट क़ो लेकर तो सरकार ने विधानसभा में ही भ्रामक बयान दिए हैं, ज़ब प्रदेश क़ो 20 लाख मीट्रिक टन खाद की आवश्यकता है, तब सरकार कभी कहती है की पर्याप्त खाद है, कभी कहती है कि 16 लाख मीट्रिक टन और कभी 11 लाख मीट्रिक टन की बात करती है। जबकि किसानों को लगातार परेशानी हो रही है।
माकपा नेता ने कहा है इन सभी मुद्दों पर पार्टी प्रदेशव्यापी आंदोलन की चर्चा 16 से 18 जनवरी तक होने वाले राज्य सम्मेलन में करेगी।

 


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