NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
यूके सरकार के कमीशन द्वारा देश में प्रणालीगत नस्लवाद को नकारने की सामाजिक कार्यकर्ताओं ने निंदा की
पिछले साल अमेरिका में जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के बाद ब्रिटेन में इसी तरह के नस्लवाद को उजागर करते हुए ब्लैक लाइव्स मैटर्स (बीएलएम) मूवमेंट ने देश में कई विरोध प्रदर्शन किए।
पीपल्स डिस्पैच
01 Apr 2021
यूके सरकार के कमीशन द्वारा देश में प्रणालीगत नस्लवाद को नकारने की सामाजिक कार्यकर्ताओं ने निंदा की

बुधवार 31 मार्च को यूनाइटेड किंगडम में प्रणालीगत नस्लवाद के आरोप की जांच के लिए सरकार द्वारा गठित आयोग द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट को कई एक्टिविस्ट और मानवाधिकार समूहों ने व्हाइटवाश करार दिया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि यूके संस्थागत नस्लवाद वाला देश नहीं है।

एक्टिविस्ट के अनुसार इस रिपोर्ट ने यूके में विभिन्न जातीय और नस्लीय समुदायों के बीच स्वास्थ्य और अन्य आर्थिक क्षेत्रों में असमानताओं को कम करके बताया है। यद्यपि यह स्वीकार करता है कि यूके में कुछ अल्पसंख्यक समुदायों के साथ नस्लीय भेदभाव जारी है ऐसे में ये भेदभाव "जानबूझकर" या "प्रणालीगत" नहीं हैं।

अमेरिका में जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के बाद पिछले साल कई विरोध प्रदर्शनों के होने के बाद ब्रिटेन की कन्जर्वेटिव बोरिस जॉनसन सरकार ने नस्ल और जातीय विषमताओं पर आयोग का गठन किया था। ये विरोध प्रदर्शन जिसे ब्लैक लाइव्स मैटर्स (बीएलएम) मूवमेंट के रूप में जाना जाता है इसने प्रणालीगत नस्लीय भेदभाव को उजागर किया था और तत्काल निपटारे की मांग की थी। हालांकि ये रिपोर्ट जिसे पिछले साल पेश किया जाना था उसे COVID-19 के कारण पेश करने में देरी हुई। इस रिपोर्ट के अनुसार "हालांकि यूके अभी तक नस्लीय भेदभाव वाला देश नहीं है", यह दूसरे "श्वेत- बहुल आबादी वाले देशों” के लिए एक रोल मॉडल हो सकता है क्योंकि शिक्षा और अन्य आर्थिक क्षेत्रों में समानता लाने में इसकी उपलब्धियां हैं।

इस रिपोर्ट के निष्कर्षों को लेकर ट्विटर पर प्रतिक्रिया देते हुए कई एक्टिविस्ट इसे "व्हाइटवॉश" और "गैसलाइटिंग"का एक प्रयास बताया जहां सरकार देश में जातीय अल्पसंख्यकों के मौजूदा अनुभवों से इनकार करती है।

लेबर पार्टी के प्रमुख नेताओं में लंदन के मेयर सादिक खान और संसद सदस्य डियाने एबॉट ने इस रिपोर्ट को "समझने में कठिन" बताया साथ ही कहा कि यह एक ऐसी कवायद है जो नस्लीय भेदभाव को उचित ठहरा सकता है।

ब्रिटेन की सोशलिस्ट वर्कर्स पार्टी ने भी इस रिपोर्ट को जाति और वर्ग के आधार पर अश्वेत और जातीय अल्पसंख्यकों द्वारा सामना किए गए भेदभाव की सच्चाई को देखने में आयोग को विफल बताया।

इस रिपोर्ट के निष्कर्षों पर प्रतिक्रिया देते हुए यूके में बीएलएम मूवमेंट के एक प्रवक्ता ने अल जज़ीरा से कहा कि यह इस तथ्य को दर्शाता है कि देश में अभी भी अश्वेत ब्रिटेनवासी की आवाज नहीं सुनी जाती है।

UK
Uk Government
britain
Racism
social workers

Related Stories

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉनसन ‘पार्टीगेट’ मामले को लेकर अविश्वास प्रस्ताव का करेंगे सामना

छात्रों के ऋण को रद्द करना नस्लीय न्याय की दरकार है

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री इस महीने के अंत में भारत आ सकते हैं

प्रधानमंत्री ने गलत समझा : गांधी पर बनी किसी बायोपिक से ज़्यादा शानदार है उनका जीवन 

ब्रिटेन ने यूक्रेन को उड़ान प्रतिबंधित क्षेत्र बनाने के आह्वान को ख़ारिज किया

युद्ध के प्रचारक क्यों बनते रहे हैं पश्चिमी लोकतांत्रिक देश?

सरकारों द्वारा होने वाली आर्थिक हिंसा की तरह है बढ़ती असमानता- ऑक्सफ़ैम रिपोर्ट

दुनिया को गौर करना चाहिए कि बाइडेन की प्रेसीडेंसी ढलान पर है

नस्लवाद के आरोपों के बाद वॉन बीबीसी के शो से बाहर

क्यों जूलियन असांज पर अमानवीय मुक़दमा हम सबके लिए अन्याय है


बाकी खबरें

  • संदीपन तालुकदार
    वैज्ञानिकों ने कहा- धरती के 44% हिस्से को बायोडायवर्सिटी और इकोसिस्टम के की सुरक्षा के लिए संरक्षण की आवश्यकता है
    04 Jun 2022
    यह अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया भर की सरकारें जैव विविधता संरक्षण के लिए अपने  लक्ष्य निर्धारित करना शुरू कर चुकी हैं, जो विशेषज्ञों को लगता है कि अगले दशक के लिए एजेंडा बनाएगा।
  • सोनिया यादव
    हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?
    04 Jun 2022
    17 साल की नाबालिग़ से कथित गैंगरेप का मामला हाई-प्रोफ़ाइल होने की वजह से प्रदेश में एक राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ : दो सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दिया
    04 Jun 2022
    राज्य में बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। दो दिन पहले इन कर्मियों के महासंघ की ओर से मांग न मानने पर सामूहिक इस्तीफ़े का ऐलान किया गया था।
  • bulldozer politics
    न्यूज़क्लिक टीम
    वे डरते हैं...तमाम गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज और बुलडोज़र के बावजूद!
    04 Jun 2022
    बुलडोज़र क्या है? सत्ता का यंत्र… ताक़त का नशा, जो कुचल देता है ग़रीबों के आशियाने... और यह कोई यह ऐरा-गैरा बुलडोज़र नहीं यह हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र है, इस्लामोफ़ोबिया के मंत्र से यह चलता है……
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’
    04 Jun 2022
    यूं तो आरएसएस पौधे नहीं ‘शाखा’ लगाता है, लेकिन उसके छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक करोड़ पौधे लगाने का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License