NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
अमेरिका
15 डॉलर के लिए संघर्ष: सम्मानजनक मज़दूरी के लिए अमेरिका में कर्मचारियों की हड़ताल
ये हड़ताल ऐसे समय में हुआ है जब डेमोक्रेट सांसद फेडेरल मिनिमम वेज में बढ़ोतरी करने की कोशिश कर रहे हैं जिसमें 2009 के बाद से कोई बदलाव नहीं हुआ है।
पीपल्स डिस्पैच
18 Feb 2021
15 डॉलर के लिए संघर्ष: सम्मानजनक मज़दूरी के लिए अमेरिका में कर्मचारियों का हड़ताल

प्रति घंटे 15 डॉलर तक फेडेरल मिनिमम वेज बढ़ाने के लिए देशव्यापी हड़ताल में अमेरिका के प्रमुख शहरों में कर्मचारी शामिल हो रहे हैं। ये हड़ताल ऐसे समय में हो रहा है जब जो बाइडन प्रशासन एक बजट बिल पेश करने की कोशिश कर रहा है जिसमें बेहद चर्चित 1.9 ट्रिलियन डॉलर के महामारी राहत योजना और 15 डॉलर न्यूनतम वेतन वृद्धि शामिल है।

इस हड़ताल का नेतृत्व मुख्य रूप से मैकडॉनल्ड्स, वेंडीज और बर्गर किंग जैसे फास्ट फूड चेन में काम करने वाले कर्मचारियों द्वारा किया गया है जिन्हें आठ घंटे के काम के लिए 7-9 डॉलर प्रति घंटे के बीच भुगतान किया जाता है। इन फास्ट फूड कर्मियों के साथ अन्य फ्रंटलाइन वर्कर जैसे नर्स और होम केयर वर्कर भी जुड़ गए और अन्य क्षेत्रों के कर्मियों से भी समर्थन मिला।

अन्य प्रमुख शहरों शिकागो, न्यूयॉर्क सिटी, चार्ल्सटन, मियामी, ह्यूस्टन और सैन जोसे जैसे अधिकांश शहरों में कर्मचारियों द्वारा प्रदर्शन और धरने की सूचना है। कर्मचारियों को ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन और जातिवाद-विरोधी संघर्ष को श्रद्धांजलि देते हुए भी देखा गया क्योंकि विशेष रूप से फास्ट फूड और कम आय वाले अन्य कर्मचारियों का एक बड़ा हिस्सा अफ्रीकी-अमेरिकी और अश्वेत है।

डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद "बजट रिकॉन्सिलिएशन" वोट के माध्यम से राहत योजना को आगे बढ़ाने की योजना बना रहे हैं जो आम बजट योजना के लिए 60 वोट की आवश्यकता को दरकिनार कर देगा और 51 के साधारण बहुमत से पारित किया जा सकता है जो कि डेमोक्रेट्स के पास है। भले ही राष्ट्रपति बाइडन की पार्टी के कई सहयोगियों और सांसदों ने वेतन वृद्धि पर जोर दिया हो लेकिन राष्ट्रपति ने स्वयं रिकॉन्सिलिएशन वोट के माध्यम से बजट पारित करने के लिए बहुत ज्यादा भरोसा नहीं दिखाया है।

15 डॉलर के लिए लड़ाई के अभियान को अमेरिका में न्यूनतम मजदूरी के स्तर में वृद्धि के लिए संघर्ष के क्रम में साल 2012 में इसके लागू होने के बाद से कम आय वाले कर्मियों द्वारा चलाया जा रहा है। आखिरी बार 2009 में फेडरल मिनिमम वेज में बढ़ोतरी की गई थी और प्रति घंटे 7.25 अमेरिकी डॉलर रहा। अधिकांश राज्यों ने अपने न्यूनतम वेतन कानूनों को बदलाव किया है ताकि या तो उन्हें संघीय स्तर तक लाया जा सके या इससे ऊपर किया जा सके।

America
Workers Strike
Nationwide Protest in US

Related Stories

और फिर अचानक कोई साम्राज्य नहीं बचा था

लुधियाना: PRTC के संविदा कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू

क्या दुनिया डॉलर की ग़ुलाम है?

यूक्रेन में छिड़े युद्ध और रूस पर लगे प्रतिबंध का मूल्यांकन

दिल्ली: बर्ख़ास्त किए गए आंगनवाड़ी कर्मियों की बहाली के लिए सीटू की यूनियन ने किया प्रदर्शन

पड़ताल दुनिया भर कीः पाक में सत्ता पलट, श्रीलंका में भीषण संकट, अमेरिका और IMF का खेल?

देशव्यापी हड़ताल को मिला कलाकारों का समर्थन, इप्टा ने दिखाया सरकारी 'मकड़जाल'

स्कीम वर्कर्स संसद मार्च: लड़ाई मूलभूत अधिकारों के लिए है

लखनऊ में नागरिक प्रदर्शन: रूस युद्ध रोके और नेटो-अमेरिका अपनी दख़लअंदाज़ी बंद करें

यूक्रेन पर रूस के हमले से जुड़ा अहम घटनाक्रम


बाकी खबरें

  • सरोजिनी बिष्ट
    विधानसभा घेरने की तैयारी में उत्तर प्रदेश की आशाएं, जानिये क्या हैं इनके मुद्दे? 
    17 May 2022
    ये आशायें लखनऊ में "उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन- (AICCTU, ऐक्टू) के बैनर तले एकत्रित हुईं थीं।
  • जितेन्द्र कुमार
    बिहार में विकास की जाति क्या है? क्या ख़ास जातियों वाले ज़िलों में ही किया जा रहा विकास? 
    17 May 2022
    बिहार में एक कहावत बड़ी प्रसिद्ध है, इसे लगभग हर बार चुनाव के समय दुहराया जाता है: ‘रोम पोप का, मधेपुरा गोप का और दरभंगा ठोप का’ (मतलब रोम में पोप का वर्चस्व है, मधेपुरा में यादवों का वर्चस्व है और…
  • असद रिज़वी
    लखनऊः नफ़रत के ख़िलाफ़ प्रेम और सद्भावना का महिलाएं दे रहीं संदेश
    17 May 2022
    एडवा से जुड़ी महिलाएं घर-घर जाकर सांप्रदायिकता और नफ़रत से दूर रहने की लोगों से अपील कर रही हैं।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 43 फ़ीसदी से ज़्यादा नए मामले दिल्ली एनसीआर से सामने आए 
    17 May 2022
    देश में क़रीब एक महीने बाद कोरोना के 2 हज़ार से कम यानी 1,569 नए मामले सामने आए हैं | इसमें से 43 फीसदी से ज्यादा यानी 663 मामले दिल्ली एनसीआर से सामने आए हैं। 
  • एम. के. भद्रकुमार
    श्रीलंका की मौजूदा स्थिति ख़तरे से भरी
    17 May 2022
    यहां ख़तरा इस बात को लेकर है कि जिस तरह के राजनीतिक परिदृश्य सामने आ रहे हैं, उनसे आर्थिक बहाली की संभावनाएं कमज़ोर होंगी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License