NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
शांति वार्ता के बीच काबुल में फिर आत्मघाती हमला
तालिबान ने अपने बयान में पहले कहा है कि ये विद्रोही समूह अमेरिका के साथ शांति वार्ता जारी रखने के प्रयास के मद्देनजर शहरी केंद्रों पर हमला नहीं करेगा।
पीपल्स डिस्पैच
11 Feb 2020
taliban attack

कतर में विद्रोही तालिबान और अमेरिकी अधिकारियों में चल रही बातचीत और शांति वार्ता के बीच एक बड़े हमले के जरिए अफगानिस्तान की राजधानी काबुल को 11 फरवरी को निशाना बनाया जिसमें कम से कम पांच लोग मारे गए। शहर में ये आत्मघाती हमला तीन महीने तक लगभग 'शांत' रहने के बाद हुआ है।

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, इन आत्मघाती हमलावरों ने मार्शल फ़ाहिम मिलिट्री अकादमी के गेट पर विस्फोट किया। इस अकादमी को रक्षा मंत्रालय चलाता है। दो नागरिकों के साथ अफगानिस्तान के तीन सैन्यकर्मियों ने इस विस्फोट में अपनी जान गंवा दी है जबकि इस विस्फोट में एक दर्जन अन्य लोग घायल हो गए हैं।

प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि ये विस्फोट इतना तेज़ था कि इसने उनके घरों को हिला दिया। एक निवासी ने एएफपी को बताया कि "विस्फोट के बाद हमने गोलियों की आवाज सुनी और एंबुलेंस को घटनास्थल पर आने जाने की आवाज सुनी।"

किसी भी विद्रोही समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। तालिबान ने अपने बयान में पहले कहा है कि ये विद्रोही समूह अमेरिका के साथ शांति वार्ता जारी रखने के प्रयास के मद्देनजर शहरी केंद्रों पर हमला नहीं करेगा। अमेरिका की अगुवाई में 2001 में देश पर नाटो के आक्रमण के समय से यह देश के बड़े हिस्सों में अमेरिका और अफगान सेना के साथ लड़ाई कर रहा है और नागरिक और सैन्य दोनों स्थानों पर कई हमले किए हैं।

पिछले हफ्ते अमेरिकी सचिव माइक पोम्पियो की टिप्पणी युद्ध को समाप्त करने के लिए इच्छा और क्षमता दोनों की कमी के लिए तालिबान पर आरोप लगाते हुए प्रतिक्रिया में प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने अमेरिकी सरकार पर शांति समझौते को विफल करने का आरोप लगाया।

क़तर के दोहा में साल भर से चली आ रही बातचीत के बावजूद अमेरिका और तालिबान के बीच शांति वार्ता में कई असफलताएं देखी गई हैं। ये असफलताएं तब सामने आईं जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने तालिबान पर हिंसा का आरोप लगाकर इस वार्ता को समाप्त कर दिया था। पिछले महीने वार्ता फिर से शुरू हुई। हालांकि, तालिबान ने राष्ट्रपति अशरफ गनी के नेतृत्व वाली सरकार के साथ शामिल होने से इनकार कर दिया है।

देश में 140000 से अधिक यूएस और लगभग 170000 नाटो सैनिक हैं।

साभार : पीपल्स डिस्पैच

Afganistan
TALIBAN
Taliban Attack
America
Mike Pompeo
Donand Trump

Related Stories

और फिर अचानक कोई साम्राज्य नहीं बचा था

भोजन की भारी क़िल्लत का सामना कर रहे दो करोड़ अफ़ग़ानी : आईपीसी

क्या दुनिया डॉलर की ग़ुलाम है?

तालिबान को सत्ता संभाले 200 से ज़्यादा दिन लेकिन लड़कियों को नहीं मिल पा रही शिक्षा

यूक्रेन में छिड़े युद्ध और रूस पर लगे प्रतिबंध का मूल्यांकन

पड़ताल दुनिया भर कीः पाक में सत्ता पलट, श्रीलंका में भीषण संकट, अमेरिका और IMF का खेल?

काबुल में आगे बढ़ने को लेकर चीन की कूटनीति

लखनऊ में नागरिक प्रदर्शन: रूस युद्ध रोके और नेटो-अमेरिका अपनी दख़लअंदाज़ी बंद करें

यूक्रेन पर रूस के हमले से जुड़ा अहम घटनाक्रम

यूक्रेन की बर्बादी का कारण रूस नहीं अमेरिका है!


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा
    27 May 2022
    सेक्स वर्कर्स को ज़्यादातर अपराधियों के रूप में देखा जाता है। समाज और पुलिस उनके साथ असंवेदशील व्यवहार करती है, उन्हें तिरस्कार तक का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से लाखों सेक्स…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    अब अजमेर शरीफ निशाने पर! खुदाई कब तक मोदी जी?
    27 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं हिंदुत्ववादी संगठन महाराणा प्रताप सेना के दावे की जिसमे उन्होंने कहा है कि अजमेर शरीफ भगवान शिव को समर्पित मंदिर…
  • पीपल्स डिस्पैच
    जॉर्ज फ्लॉय्ड की मौत के 2 साल बाद क्या अमेरिका में कुछ बदलाव आया?
    27 May 2022
    ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन में प्राप्त हुई, फिर गवाईं गईं चीज़ें बताती हैं कि पूंजीवाद और अमेरिकी समाज के ताने-बाने में कितनी गहराई से नस्लभेद घुसा हुआ है।
  • सौम्यदीप चटर्जी
    भारत में संसदीय लोकतंत्र का लगातार पतन
    27 May 2022
    चूंकि भारत ‘अमृत महोत्सव' के साथ स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का जश्न मना रहा है, ऐसे में एक निष्क्रिय संसद की स्पष्ट विडंबना को अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पूर्वोत्तर के 40% से अधिक छात्रों को महामारी के दौरान पढ़ाई के लिए गैजेट उपलब्ध नहीं रहा
    27 May 2022
    ये डिजिटल डिवाइड सबसे ज़्यादा असम, मणिपुर और मेघालय में रहा है, जहां 48 फ़ीसदी छात्रों के घर में कोई डिजिटल डिवाइस नहीं था। एनएएस 2021 का सर्वे तीसरी, पांचवीं, आठवीं व दसवीं कक्षा के लिए किया गया था।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License