NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
मज़दूर-किसान
साहित्य-संस्कृति
भारत
इतवार की कविता: लखीमपुर के शहीद किसानों का मर्सिया
अदनान कफ़ील दरवेश हमारे समय के महत्वपूर्ण युवा कवि हैं। लखीमपुर खीरी के किसान हत्याकांड से विचलित होकर उन्होंने यह कविता लिखी है। कविता व्यंग्यात्मक शैली में कही गई है। वाकई, शायद जब कोई घटना भीतर तक विचलित कर देती है तो फिर शोक और रोष अलावा एक अलग किस्म का व्यंग्य पैदा होता है, जो हमारे गुस्से, हमारी बेबसी को एक नए आयाम के साथ पेश करता हुआ व्यवस्था पर नए सवाल खड़े करता है।
न्यूज़क्लिक डेस्क
10 Oct 2021
Lakhimpur massacre

लखीमपुर के शहीद किसानों का मर्सिया

 

जिस कार से टक्कर हुई वो कोई कार नहीं; हवा थी

जिन निर्भीक और मासूम किसानों की पगड़ियाँ

उछल कर धूल में गिरीं

वो मसख़रे के हाथ की सफ़ाई थी, अभिनय था

जो लोग गाड़ी के नीचे कुचल कर मार दिए गए

वे नकली पुतले थे

यह सब जिसपर वावेला है

वो लोकतंत्र की कला थी

संत की कल्पना थी

कोई गोली नहीं चली

यह तो किसी शास्त्रीय नृत्य का अंग था

तबले की थाप थी

जिसे आप समझ नहीं पाए

 

आप कलाहीन लोग

इसपर कोई कैसे उत्तेजित हो सकता है !

जबकि किसी कवि की कविता थी यह

या किसी लेखक की कथा का सूत्र वाक्य

या किसी नाटक का कलात्मक दृश्य

यह तो बस मृत्यु का सौंदर्य था

जो सड़क पर बिखर गया

लाल लहू नहीं, यह लाल रंग था

जो न जाने क्यूँ

अँधेरे के बाद भी रिस्ता रहा

सड़कों पर

ज़ेहनों पर

और हमारे दिलों पर...

 

- अदनान कफ़ील दरवेश

दिल्ली

Sunday Poem
Hindi poem
Lakhimpur Kheri
Lakhimpur massacre

Related Stories

एसकेएम की केंद्र को चेतावनी : 31 जनवरी तक वादें पूरे नहीं हुए तो 1 फरवरी से ‘मिशन उत्तर प्रदेश’

लखीमपुर कांड की पूरी कहानी: नहीं छुप सका किसानों को रौंदने का सच- ''ये हत्या की साज़िश थी'’

कृषि कानूनों की वापसी का कारण सिर्फ़ विधानसभा चुनाव नहीं

लखनऊ में किसान महापंचायत: किसानों को पीएम की बातों पर भरोसा नहीं, एमएसपी की गारंटी की मांग

मोदी को ‘माया मिली न राम’ : किसानों को भरोसा नहीं, कॉरपोरेट लॉबी में साख संकट में

लखनऊ में महापंचायत: लखीमपुर मामले में न्याय और एमएसपी की गारंटी की मांग बुलंद कर रहे किसान

इतवार की कविता : 'आसमान में धान जमेगा!'

किसान आंदोलन: 14 नवंबर को पूरनपुर में लखीमपुर न्याय महापंचायत

लखीमपुर खीरी कांड के बाद हरियाणा में प्रदर्शनकारी महिला किसानों को ट्रक ने कुचला, तीन की मौत

किसान आंदोलन को उसके उन "शुभचिंतकों" से बचाना होगा जो संघ-भाजपा की भाषा बोल रहे हैं 


बाकी खबरें

  • भाषा
    बच्चों की गुमशुदगी के मामले बढ़े, गैर-सरकारी संगठनों ने सतर्कता बढ़ाने की मांग की
    28 May 2022
    राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 में भारत में 59,262 बच्चे लापता हुए थे, जबकि पिछले वर्षों में खोए 48,972 बच्चों का पता नहीं लगाया जा सका था, जिससे देश…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: मैंने कोई (ऐसा) काम नहीं किया जिससे...
    28 May 2022
    नोटबंदी, जीएसटी, कोविड, लॉकडाउन से लेकर अब तक महंगाई, बेरोज़गारी, सांप्रदायिकता की मार झेल रहे देश के प्रधानमंत्री का दावा है कि उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे सिर झुक जाए...तो इसे ऐसा पढ़ा…
  • सौरभ कुमार
    छत्तीसगढ़ के ज़िला अस्पताल में बेड, स्टाफ और पीने के पानी तक की किल्लत
    28 May 2022
    कांकेर अस्पताल का ओपीडी भारी तादाद में आने वाले मरीजों को संभालने में असमर्थ है, उनमें से अनेक तो बरामदे-गलियारों में ही लेट कर इलाज कराने पर मजबूर होना पड़ता है।
  • सतीश भारतीय
    कड़ी मेहनत से तेंदूपत्ता तोड़ने के बावजूद नहीं मिलता वाजिब दाम!  
    28 May 2022
    मध्यप्रदेश में मजदूर वर्ग का "तेंदूपत्ता" एक मौसमी रोजगार है। जिसमें मजदूर दिन-रात कड़ी मेहनत करके दो वक्त पेट तो भर सकते हैं लेकिन मुनाफ़ा नहीं कमा सकते। क्योंकि सरकार की जिन तेंदुपत्ता रोजगार संबंधी…
  • अजय कुमार, रवि कौशल
    'KG से लेकर PG तक फ़्री पढ़ाई' : विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं की सभा में उठी मांग
    28 May 2022
    नई शिक्षा नीति के ख़िलाफ़ देशभर में आंदोलन करने की रणनीति पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सैकड़ों विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं ने 27 मई को बैठक की।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License