NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
साहित्य-संस्कृति
भारत
राजनीति
इतवार की कविता : साहिर लुधियानवी की नज़्म 26 जनवरी
भारत के 71वें गणतंत्र दिवस पर हम आपके साथ साझा कर रहे हैं साहिर लुधियानवी की नज़्म '26 जनवरी'।
न्यूज़क्लिक डेस्क
26 Jan 2020
republic day

26 जनवरी/साहिर लुधियानवी

 

आओ कि आज ग़ौर करें इस सवाल पर

देखे थे हम ने जो वो हसीं ख़्वाब क्या हुए

दौलत बढ़ी तो मुल्क में अफ़्लास क्यूँ बढ़ा

ख़ुश-हाली-ए-अवाम के अस्बाब क्या हुए

जो अपने साथ साथ चले कू-ए-दार तक

वो दोस्त वो रफ़ीक़ वो अहबाब क्या हुए

क्या मोल लग रहा है शहीदों के ख़ून का

मरते थे जिन पे हम वो सज़ा-याब क्या हुए

बे-कस बरहनगी को कफ़न तक नहीं नसीब

वो व'अदा-हा-ए-अतलस-ओ-किम-ख़्वाब क्या हुए

जम्हूरियत-नवाज़ बशर-दोस्त अम्न-ख़्वाह

ख़ुद को जो ख़ुद दिए थे वो अलक़ाब क्या हुए

मज़हब का रोग आज भी क्यूँ ला-इलाज है

वो नुस्ख़ा-हा-ए-नादिर-ओ-नायाब क्या हुए

हर कूचा शोला-ज़ार है हर शहर क़त्ल-गाह

यक-जहती-ए-हयात के आदाब क्या हुए

सहरा-ए-तीरगी में भटकती है ज़िंदगी

उभरे थे जो उफ़ुक़ पे वो महताब क्या हुए

मुजरिम हूँ मैं अगर तो गुनहगार तुम भी हो

ऐ रहबरना-ए-क़ौम ख़ता-कार तुम भी हो

 

इसे भी पढ़े : कोई तो काग़ज़ होगा…!

इसे भी पढ़े : धड़कती आज़ादी शाहीन बाग़ में...

Sunday Poem
sahir ludhianvi
71st Republic Day 2020
Constitution of India
26 January

Related Stories

इतवार की कविता: भीमा कोरेगाँव

इतवार की कविता: वक़्त है फ़ैसलाकुन होने का 

सर जोड़ के बैठो कोई तदबीर निकालो

लॉकडाउन-2020: यही तो दिन थे, जब राजा ने अचानक कह दिया था— स्टैचू!

इतवार की कविता: जश्न-ए-नौरोज़ भी है…जश्न-ए-बहाराँ भी है

इतवार की कविता: के मारल हमरा गांधी के गोली हो

इतवार की कविता: सभी से पूछता हूं मैं… मुहब्बत काम आएगी कि झगड़े काम आएंगे

इतवार की कविता : 'आसमान में धान जमेगा!'

इतवार की कविता: इस साल भी !

इतवार की कविता: लखीमपुर के शहीद किसानों का मर्सिया


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ः 60 दिनों से हड़ताल कर रहे 15 हज़ार मनरेगा कर्मी इस्तीफ़ा देने को तैयार
    03 Jun 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले क़रीब 15 हज़ार मनरेगा कर्मी पिछले 60 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं फिर भी सरकार उनकी मांग को सुन नहीं रही है।
  • ऋचा चिंतन
    वृद्धावस्था पेंशन: राशि में ठहराव की स्थिति एवं लैंगिक आधार पर भेद
    03 Jun 2022
    2007 से केंद्र सरकार की ओर से बुजुर्गों को प्रतिदिन के हिसाब से मात्र 7 रूपये से लेकर 16 रूपये दिए जा रहे हैं।
  • भाषा
    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में दर्ज की रिकार्ड जीत
    03 Jun 2022
    चंपावत जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री को 13 चक्रों में हुई मतगणना में कुल 57,268 मत मिले और उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाल़ कांग्रेस समेत सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो…
  • अखिलेश अखिल
    मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 
    03 Jun 2022
    बिहार सरकार की ओर से जाति आधारित जनगणना के एलान के बाद अब भाजपा भले बैकफुट पर दिख रही हो, लेकिन नीतीश का ये एलान उसकी कमंडल राजनीति पर लगाम का डर भी दर्शा रही है।
  • लाल बहादुर सिंह
    गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया
    03 Jun 2022
    मोदी सरकार पिछले 8 साल से भारतीय राज और समाज में जिन बड़े और ख़तरनाक बदलावों के रास्ते पर चल रही है, उसके आईने में ही NEP-2020 की बड़ी बड़ी घोषणाओं के पीछे छुपे सच को decode किया जाना चाहिए।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License