NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
साहित्य-संस्कृति
भारत
राजनीति
हमें ये शौक़ है देखें सितम की इंतिहा क्या है...
आइए आज ‘इतवार की कविता’ में पढ़ते हैं एक ऐसी ग़ज़ल जो अमर शहीदों के तेवर से मेल खाती है और जिसके कई शेर भगतसिंह को बहुत पसंद थे। और उन्हीं के नाम से मंसूब हो गए।
न्यूज़क्लिक डेस्क
22 Mar 2020
Bhagat Singh

कल, 23 मार्च तीन अमर क्रांतिकारियों भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव का शहीद दिवस है। 23 मार्च 1931 के दिन इन तीनों आज़ादी के मतवालों को बरतानिया हुकूमत ने फांसी पर लटका दिया था। आइए आज ‘इतवार की कविता’ में पढ़ते हैं एक ऐसी ग़ज़ल जो इन शहीदों के तेवर से मेल खाती है और जिसके कई शेर भगतसिंह को बहुत पसंद थे। और उन्हीं के नाम से मंसूब हो गए।

ग़ज़ल

उन्हें ये फ़िक्र है हर दम नई तर्ज़-ए-जफ़ा क्या है
हमें ये शौक़ है देखें सितम की इंतिहा क्या है
 
गुनह-गारों में शामिल हैं गुनाहों से नहीं वाक़िफ़
सज़ा को जानते हैं हम ख़ुदा जाने ख़ता क्या है
 
ये रंग-ए-बे-कसी रंग-ए-जुनूँ बन जाएगा ग़ाफ़िल
समझ ले यास-ओ-हिरमाँ के मरज़ की इंतिहा क्या है
 
नया बिस्मिल हूँ मैं वाक़िफ़ नहीं रस्म-ए-शहादत से
बता दे तू ही ऐ ज़ालिम तड़पने की अदा क्या है
 
चमकता है शहीदों का लहू पर्दे में क़ुदरत के
शफ़क़ का हुस्न क्या है शोख़ी-ए-रंग-ए-हिना क्या है
 
उमीदें मिल गईं मिट्टी में दौर-ए-ज़ब्त-ए-आख़िर है
सदा-ए-ग़ैब बतला दे हमें हुक्म-ए-ख़ुदा क्या है
 
- कुँवर प्रतापचन्द्र आज़ाद...ज़ब्तशुदा नज़्में...पृष्ठ 44
(यह ग़ज़ल रेख़्ता पर बृज नारायण 'चकबस्त' के नाम से दर्ज 

इसे भी पढ़े : ...आओ, क्योंकि छिछला, निरुदेश्य और लक्ष्यहीन जीवन हमें स्वीकार नहीं

इसे भी पढ़े : मैं हिन्दुस्तान की बेटी हूं... हर रंग में मैं मिलती हूं

Sunday Poem
ghazal
Bhagat Singh
Rajguru
sukhdev
martyrs day

Related Stories

वे डरते हैं...तमाम गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज और बुलडोज़र के बावजूद!

इतवार की कविता: भीमा कोरेगाँव

सारे सुख़न हमारे : भूख, ग़रीबी, बेरोज़गारी की शायरी

इतवार की कविता: वक़्त है फ़ैसलाकुन होने का 

सर जोड़ के बैठो कोई तदबीर निकालो

लॉकडाउन-2020: यही तो दिन थे, जब राजा ने अचानक कह दिया था— स्टैचू!

हमें ये शौक़ है देखें सितम की इंतिहा क्या है

इतवार की कविता: जश्न-ए-नौरोज़ भी है…जश्न-ए-बहाराँ भी है

इतवार की कविता: के मारल हमरा गांधी के गोली हो

इतवार की कविता: सभी से पूछता हूं मैं… मुहब्बत काम आएगी कि झगड़े काम आएंगे


बाकी खबरें

  • सत्येन्द्र सार्थक
    आंगनवाड़ी महिलाकर्मियों ने क्यों कर रखा है आप और भाजपा की "नाक में दम”?
    25 Apr 2022
    सरकार द्वारा बर्खास्त कर दी गईं 991 आंगनवाड़ी कर्मियों में शामिल मीनू ने अपने आंदोलन के बारे में बताते हुए कहा- “हम ‘नाक में दम करो’ आंदोलन के तहत आप और भाजपा का घेराव कर रहे हैं और तब तक करेंगे जब…
  • वर्षा सिंह
    इको-एन्ज़ाइटी: व्यासी बांध की झील में डूबे लोहारी गांव के लोगों की निराशा और तनाव कौन दूर करेगा
    25 Apr 2022
    “बांध-बिजली के लिए बनाई गई झील में अपने घरों-खेतों को डूबते देख कर लोग बिल्कुल ही टूट गए। उन्हें गहरा मानसिक आघात लगा। सब परेशान हैं कि अब तक खेत से निकला अनाज खा रहे हैं लेकिन कल कहां से खाएंगे। कुछ…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,541 नए मामले, 30 मरीज़ों की मौत
    25 Apr 2022
    दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच, ओमिक्रॉन के BA.2 वेरिएंट का मामला सामने आने से चिंता और ज़्यादा बढ़ गयी है |
  • सुबोध वर्मा
    गहराते आर्थिक संकट के बीच बढ़ती नफ़रत और हिंसा  
    25 Apr 2022
    बढ़ती धार्मिक कट्टरता और हिंसा लोगों को बढ़ती भयंकर बेरोज़गारी, आसमान छूती क़ीमतों और लड़खड़ाती आय पर सवाल उठाने से गुमराह कर रही है।
  • सुभाष गाताडे
    बुलडोजर पर जनाब बोरिस जॉनसन
    25 Apr 2022
    बुलडोजर दुनिया के इस सबसे बड़े जनतंत्र में सरकार की मनमानी, दादागिरी एवं संविधान द्वारा प्रदत्त तमाम अधिकारों को निष्प्रभावी करके जनता के व्यापक हिस्से पर कहर बरपाने का प्रतीक बन गया है, उस वक्त़…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License