NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
साहित्य-संस्कृति
स्वास्थ्य
भारत
राजनीति
...जैसे आए थे वैसे ही जा रहे हम
वरिष्ठ पत्रकार संजय कुंदन एक बेहद संवेदनशील कवि भी हैं। आज ‘इतवार की कविता’ में पढ़ते हैं कोरोना संकट के दौरान महानगरों से पलायन को मजबूर हुए मेहनतकश मज़दूरों की मार्मिक कथा पर लिखी गई उनकी नयी कविता- ‘जा रहे हम’
न्यूज़क्लिक डेस्क
29 Mar 2020
‘जा रहे हम’
Image courtesy: Social Media

जा रहे हम

जैसे आए थे वैसे ही जा रहे हम
यही दो-चार पोटलियां साथ थीं तब भी
आज भी हैं
और यह देह
लेकिन अब आत्मा पर खरोंचें कितनी बढ़ गई हैं
कौन देखता है

 

कोई रोकता तो रुक भी जाते
बस दिखलाता आंख में थोड़ा पानी
इतना ही कहता
- यह शहर तुम्हारा भी तो है

 

उन्होंने देखा भी नहीं पलटकर
जिनके घरों की दीवारें हमने चमकाईं
उन्होंने भी कुछ नहीं कहा
जिनकी चूड़ियां हमने 1300 डिग्री तापमान में
कांच पिघलाकर बनाईं

 

किसी ने नहीं देखा कि एक ब्रश, एक पेचकस,
एक रिंच और हथौड़े के पीछे एक हाथ भी है
जिसमें खून दौड़ता है
जिसे किसी और हाथ की ऊष्मा चाहिए

 

हम जा रहे हैं
हो सकता है
कुछ देर बाद
हमारे पैर लड़खड़ा जाएं
हम गिर जाएं
खून की उल्टियां करते हुए

 

हो सकता है हम न पहुंच पाएं
वैसे भी आज तक हम पहुंचे कहां हैं
हमें कहीं पहुंचने भी कहां दिया जाता है

 

हम किताबों तक पहुंचते-पहुंचते रह गए
न्याय की सीढ़ियों से पहले ही रोक दिए गए
नहीं पहुंच पाईं हमारी अर्जियां कहीं भी
हम अन्याय का घूंट पीते रह गए

 

जा रहे हम
यह सोचकर कि हमारा एक घर था कभी
अब वह न भी हो
तब भी उसी दिशा में जा रहे हम
कुछ तो कहीं बचा होगा उस ओर
जो अपना जैसा लगेगा


संजय कुंदन

 इसे भी पढ़े : हमें ये शौक़ है देखें सितम की इंतिहा क्या है...

 इसे भी पढ़े : ...आओ, क्योंकि छिछला, निरुदेश्य और लक्ष्यहीन जीवन हमें स्वीकार नहीं

Sunday Poem
Lockdown
India Lockdown
Migrant workers
Daily Wage Workers
Poor People's

Related Stories

इतवार की कविता: भीमा कोरेगाँव

इतवार की कविता: वक़्त है फ़ैसलाकुन होने का 

जनवादी साहित्य-संस्कृति सम्मेलन: वंचित तबकों की मुक्ति के लिए एक सांस्कृतिक हस्तक्षेप

सर जोड़ के बैठो कोई तदबीर निकालो

लॉकडाउन-2020: यही तो दिन थे, जब राजा ने अचानक कह दिया था— स्टैचू!

इतवार की कविता: जश्न-ए-नौरोज़ भी है…जश्न-ए-बहाराँ भी है

इतवार की कविता: के मारल हमरा गांधी के गोली हो

इतवार की कविता: सभी से पूछता हूं मैं… मुहब्बत काम आएगी कि झगड़े काम आएंगे

कटाक्ष: नये साल के लक्षण अच्छे नजर नहीं आ रहे हैं...

इतवार की कविता : 'आसमान में धान जमेगा!'


बाकी खबरें

  • शीला जिओ, मनोलो डी लॉस सैंटॉस
    अमेरिकी आधिपत्य का मुकाबला करने के लिए प्रगतिशील नज़रिया देता पीपल्स समिट फ़ॉर डेमोक्रेसी
    28 May 2022
    लैटिन अमेरिका को बाहर रखने और उसके ख़िलाफ़ आक्रामकता की अमेरिकी नीति को जारी रखने के बाइडेन की ज़िद ने उनके शिखर सम्मेलन को शुरू होने से पहले ही नाकाम कर दिया है।
  • शिव इंदर सिंह
    मोदी का ‘सिख प्रेम’, मुसलमानों के ख़िलाफ़ सिखों को उपयोग करने का पुराना एजेंडा है!
    28 May 2022
    नामवर सिख चिंतक और सीनियर पत्रकार जसपाल सिंह सिद्धू का विचार है, “दिल्ली के लाल किले में गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाशपर्व मनाने का मोदी सरकार का मुख्य कारण, भाजपा के शासन में चल रहे मुस्लिम…
  • ज़ाहिद खान
    देवेंद्र सत्यार्थी : भारत की आत्मा को खोजने वाला लोकयात्री
    28 May 2022
    जयंती विशेष: ‘‘सत्यार्थी जी निरंतर गाँव-गाँव भटककर, लोकगीतों के संग्रह के जरिए भारत की आत्मा की जो खोज कर रहे हैं, वही तो आज़ादी की लड़ाई की बुनियादी प्रेरणा है...’’
  • अभिवाद
    केरल उप-चुनाव: एलडीएफ़ की नज़र 100वीं सीट पर, यूडीएफ़ के लिए चुनौती 
    28 May 2022
    थ्रीक्काकर सीट से जीते यूडीएफ़ के विधायक के निधन के बाद हो रहा उप-चुनाव, 2021 में एलडीएफ़ की लगातार दूसरी बार ऐतिहासिक जीत के बाद, पहली बड़ी राजनीतिक टक्कर के रूप में महत्वपूर्ण हो गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज
    28 May 2022
    देश में अब एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 0.04 फ़ीसदी यानी 16 हज़ार 308 हो गयी है। 
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License