काबुल पर तालिबान का कब्ज़ा हो गया है। एक बार फिर 1996 -2001 के दौर की याद आ गयी है जब तालिबान के राज में महिलाओं और आम इंसानों के हक़ों को कुचला जाता था। मगर सबसे चिंताजनक ये के न भारत सरकार के पास कोई रणनीति है और अमरीका ने भी मानो वादे के बावजूद, अफ़ग़ानिस्तान को तालिबान के अत्याचार के हाथों छोड़ दिया। आज न्यूज़ चक्र में अभिसार शर्मा इस मुद्दे को उठा रहे हैं ।