NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
तालिबान पूरे अफ़गानिस्तान में प्रांतीय राजधानियों, सैन्य ठिकानों और चौकियों को निशाना बना रहा
चूंकि विदेशी सैनिकों को 11 सितंबर तक आधिकारिक तौर पर अफ़गान क्षेत्र से खाली करने की योजना है वहीं तालिबान पूरे अफ़गानिस्तान में प्रांतीय राजधानियों, ज़िलों, सैन्य ठिकानों और चौकियों पर अपने हमले तेज़ कर रहा है। 
पीपल्स डिस्पैच
07 Jun 2021
तालिबान पूरे अफ़गानिस्तान में प्रांतीय राजधानियों, सैन्य ठिकानों और चौकियों को निशाना बना रहा

अफगानिस्तान में पिछले चार दिनों में 102 सुरक्षा बलों और 28 नागरिकों सहित 130 से अधिक लोग मारे गए हैं। यात्री वाहनों को निशाना बनाकर किए गए हालिया हमले में 5 जून को बड़घिस प्रांत में सड़क किनारे बम विस्फोट में कम से कम 11 नागरिक मारे गए।

हालांकि किसी भी आतंकवादी संगठन ने देश में बढ़ते विस्फोटों की जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन बडघिस के गवर्नर हुसामुद्दीन शम्स ने स्पष्ट रूप से विद्रोही तालिबान पर इन बमों को लगाने का आरोप लगाया है।

3 जून से 4 जून के बीच कम से कम 10 प्रांतों में कई झड़पों में 119 लोगों के मारे जाने की खबर है। जबकि इस दौरान कम से कम 196 अफगान सुरक्षा बल भी घायल हुए हैं।

टोलो न्यूज के अनुसार विद्रोहियों की ओर हताहतों की संख्या भी अधिक थी। अफगान रक्षा मंत्रालय के अनुसार, आठ प्रांतों में करीब 364 तालिबान को मार गिराया गया। हालांकि इस संख्या पर तालिबान के प्रवक्ता का एतराज था। कोई भी स्वतंत्र स्रोत सटीक आंकड़ों की पुष्टि नहीं कर सका, जाहिर तौर पर पिछले एक हफ्ते में मुठभेड़ों, विस्फोटों, लक्षित हत्याओं और नागरिकों पर हमले की संख्या स्पष्ट रूप से बढ़ी है।

कई रिपोर्टों के अनुसार, उत्तरी फरयाब प्रांत में स्थित क़ैसर जिला 6 जून को दिन भर की भारी गोलीबारी के बाद विद्रोहियों द्वारा लगभग कब्जा कर लिया गया। विद्रोहियों ने पुलिस मुख्यालय और नगरपालिका भवन पर नियंत्रण कर लिया है वहीं कई सुरक्षा बलों को गिरफ्तार किया है और घायल किया है।

विशेष रूप से बगलान, लगमन और मैदान वार्दक प्रांतों में कई बम विस्फोटों, लक्षित हत्याओं और हिंसक मुठभेड़ों में मई महीने में 302 नागरिकों और 322 सुरक्षा बलों सहित कम से कम 624 लोग मारे गए थे।

विदेशी सैनिकों को 11 सितंबर तक आधिकारिक तौर पर अफगान क्षेत्र से खाली करने की योजना है वहीं तालिबान पूरे अफगानिस्तान के प्रांतीय राजधानियों, जिलों, बेसेस और चौकियों पर अपने हमले तेज कर रहा है।

TALIBAN
Afghanistan

Related Stories

भोजन की भारी क़िल्लत का सामना कर रहे दो करोड़ अफ़ग़ानी : आईपीसी

तालिबान को सत्ता संभाले 200 से ज़्यादा दिन लेकिन लड़कियों को नहीं मिल पा रही शिक्षा

रूस पर बाइडेन के युद्ध की एशियाई दोष रेखाएं

काबुल में आगे बढ़ने को लेकर चीन की कूटनीति

तालिबान के आने के बाद अफ़ग़ान सिनेमा का भविष्य क्या है?

अफ़ग़ानिस्तान हो या यूक्रेन, युद्ध से क्या हासिल है अमेरिका को

बाइडेन का पहला साल : क्या कुछ बुनियादी अंतर आया?

सीमांत गांधी की पुण्यतिथि पर विशेष: सभी रूढ़िवादिता को तोड़ती उनकी दिलेरी की याद में 

पाकिस्तान-तालिबान संबंधों में खटास

अफ़ग़ानिस्तान में सिविल सोसाइटी और अधिकार समूहों ने प्रोफ़ेसर फ़ैज़ुल्ला जलाल की रिहाई की मांग की


बाकी खबरें

  • निखिल करिअप्पा
    कर्नाटक : कच्चे माल की बढ़ती क़ीमतों से प्लास्टिक उत्पादक इकाईयों को करना पड़ रहा है दिक़्क़तों का सामना
    02 May 2022
    गलाकाट प्रतियोगिता और कच्चे माल की क़ीमतों में बढ़ोत्तरी ने लघु औद्योगिक इकाईयों को बहुत ज़्यादा दबाव में डाल दिया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बिजली संकट को लेकर आंदोलनों का दौर शुरू
    02 May 2022
    पूरा देश इन दिनों बिजली संकट से जूझ रहा है। कोयले की प्रचुर मात्रा होने के बावजूद भी पावर प्लांट में कोयले की कमी बनी हुई है। इसे लेकर देश के कई इलाके में विरोध शुरू हो गए हैं।  
  • सतीश भारतीय
    मध्यप्रदेश के कुछ इलाकों में सैलून वाले आज भी नहीं काटते दलितों के बाल!
    02 May 2022
    भारतीय संविधान का अनुच्छेद 14 भारत के हर नागरिक को समानता का दर्जा देता है। मगर हक़ीक़त यह है कि आजादी के 75 वर्ष बाद भी दलित आवाम असमानताओं में जीने को विवश है। आज भी ऊंची जाति ने दलित समाज को सिर के…
  • पीपल्स डिस्पैच
    "एएलबीए मूल रूप से साम्राज्यवाद विरोधी है": सच्चा लोरेंटी
    02 May 2022
    एएलबीए मूवमेंट्स की तीसरी कंटिनेंटल असेंबली के दौरान संबद्ध मंचों ने एकता स्थापित करने और साम्राज्यवाद व पूंजीवाद के ख़िलाफ़ एक साथ लड़ने की अहमियत के बारे में चर्चा की।
  • राजु कुमार
    6 से 9 जून तक भोपाल में होगी 17वीं अखिल भारतीय जन विज्ञान कांग्रेस
    02 May 2022
    “भारत का विचार : वैज्ञानिक स्वभाव, आत्मनिर्भरता और विकास“ के साथ-साथ देश की वर्तमान चुनौतियों पर मंथन एवं संवाद के लिए 600 से अधिक जन विज्ञान कार्यकर्ता एवं वैज्ञानिक शिरकत करेंगे।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License