NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
थाईलैंड : "राजशाही के अपमान" को लेकर प्रदर्शनकारियों पर मुक़दमा शुरू
बैंकाक में मुकदमे का सामना कर रहे 22 प्रदर्शनकारियों में से सात प्रीट्रायल डिटेंशन में हैं वहीं कई अन्य देशद्रोह और साइबर क्राइम जैसे आरोपों का सामना कर रहे हैं।
पीपल्स डिस्पैच
15 Mar 2021
थाईलैंड : "राजशाही के अपमान" को लेकर प्रदर्शनकारियों पर मुक़दमा शुरू

बैंकाक की अदालत में थाईलैंड के एक्टिविस्टों और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ राजद्रोह और लेसे मैजेस्टे (राजशाही के अपमान) के कई आरोपों के मामले में सुनवाई सोमवार 15 मार्च से शुरू हो गई। 22 प्रदर्शनकारियों को मकदमें का सामना करना पड़ रहा है जिनमें से सात प्रीट्रायल डिटेंशन में हैं। इस सुनवाई के कई हफ्तों और महीनों तक जारी रहने की उम्मीद है जो गवाहों की संख्या पर निर्भर करेगा जिसे बचाव और अभियोजन पक्ष अदालत के सामने पेश करना चाहते हैं।

इस मुकदमे का सामना करने वालों में से अधिकांश वे हैं जिन्होंने पिछले साल सितंबर में हुए प्रदर्शन में भाग लिया था जहां प्रदर्शनकारियों को रानी और उनके बेटे को ले जाने वाले एक शाही जुलूस के पास नारे लगाते हुए देखा गया था। पिछले साल नवंबर से बैंकाक में स्थानीय पुलिस ने इस विरोध प्रदर्शन के कुछ प्रमुख चेहरों को गिरफ्तार करने के लिए लेसे मैज़ेस्टे का इस्तेमाल किया है।

अनुच्छेद 112 जिसमें थाईलैंड में लेजसे मैजेस्टे का प्रावधान है उसके तहत अधिकतम 15 साल की जेल की सजा का प्रावधान है और इस खंड के तहत गिरफ्तार किए गए लोगों को जमानत नहीं दिया जाता है। सैन्य समर्थित प्रयूत चान-ओ-चा की सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में विरोध प्रदर्शन को कुचलने के लिए बड़े पैमाने पर कानूनी और शारीरिक दमन किया है।

गंभीर पुलिस दमन और हमलों के बीच ये सुनवाई सरकार विरोधी प्रदर्शन की दूसरी लहर के दौरान हो रही है। इन हमलों और कार्रवाईयों में दर्जनों लोग घायल हुए हैं। मुकदमे और गिरफ्तारी की चर्चा करते हुए परित "पेंगुइन" चिवाराक ने संवाददाताओं से कहा, "वे मुझे बंद कर सकते हैं, लेकिन वे सच्चाई को बंद नहीं कर सकते... सच हमेशा सच होता है कि चाहे जेल में रखे, यातना दे या फांसी, सच तो सच है।" परित को लेसे मैजेस्टे के साथ साथ देशद्रोह के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है और उन्हें कई बार जमानत से इनकार किया गया है।

Thailand
sedition CASE
Thailand News
International news

Related Stories

दुनिया भर की: कोलंबिया में पहली बार वामपंथी राष्ट्रपति बनने की संभावना

राजद्रोह मामला : शरजील इमाम की अंतरिम ज़मानत पर 26 मई को होगी सुनवाई

अमेरिका में महिलाओं के हक़ पर हमला, गर्भपात अधिकार छीनने की तैयारी, उधर Energy War में घिरी दुनिया

रूस-यूक्रैन संघर्षः जंग ही चाहते हैं जंगखोर और श्रीलंका में विरोध हुआ धारदार

दुनिया भर की: सोमालिया पर मानवीय संवेदनाओं की अकाल मौत

कोविड -19 के टीके का उत्पादन, निर्यात और मुनाफ़ा

दुनिया भर की: जर्मनी में ‘ट्रैफिक लाइट गठबंधन’ के हाथों में शासन की कमान

थाईलैंड : प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई में 9 नाबालिगों सहित दर्जनों गिरफ़्तार

पूर्व राज्यपाल अज़ीज़ क़ुरैशी के ख़िलाफ़ राजद्रोह का मुक़दमा

थाईलैंडः प्रयुत के अविश्वास प्रस्ताव जीतने के बाद राजधानी में "कार रैली" और प्रदर्शन


बाकी खबरें

  • शारिब अहमद खान
    ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि
    28 May 2022
    ईरान एक बार फिर से आंदोलन की राह पर है, इस बार वजह सरकार द्वारा आम ज़रूरत की चीजों पर मिलने वाली सब्सिडी का खात्मा है। सब्सिडी खत्म होने के कारण रातों-रात कई वस्तुओं के दामों मे 300% से भी अधिक की…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक
    28 May 2022
    हिंसा का अंत नहीं होता। घात-प्रतिघात, आक्रमण-प्रत्याक्रमण, अत्याचार-प्रतिशोध - यह सारे शब्द युग्म हिंसा को अंतहीन बना देते हैं। यह नाभिकीय विखंडन की चेन रिएक्शन की तरह होती है। सर्वनाश ही इसका अंत है।
  • सत्यम् तिवारी
    अजमेर : ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह के मायने और उन्हें बदनाम करने की साज़िश
    27 May 2022
    दरगाह अजमेर शरीफ़ के नीचे मंदिर होने के दावे पर सलमान चिश्ती कहते हैं, "यह कोई भूल से उठाया क़दम नहीं है बल्कि एक साज़िश है जिससे कोई मसला बने और देश को नुकसान हो। दरगाह अजमेर शरीफ़ 'लिविंग हिस्ट्री' है…
  • अजय सिंह
    यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा
    27 May 2022
    यासीन मलिक ऐसे कश्मीरी नेता हैं, जिनसे भारत के दो भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह मिलते रहे हैं और कश्मीर के मसले पर विचार-विमर्श करते रहे हैं। सवाल है, अगर यासीन मलिक इतने ही…
  • रवि शंकर दुबे
    प. बंगाल : अब राज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री होंगे विश्वविद्यालयों के कुलपति
    27 May 2022
    प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए राज्यपाल की शक्तियों को कम किया है। उन्होंने ऐलान किया कि अब विश्वविद्यालयों में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री संभालेगा कुलपति पद का कार्यभार।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License