NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
बोलिविया की तख्तापलट सरकार ने एमएएस के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया
अंतरिम सरकार ने लुइस एर्से पर इंडीजिनस पीपल्स एंड फार्मर्स डेवलपमेंट फंड (एफओएनडीआईओसी) से संसाधनों में हेराफेरी करने का आरोप लगाया है। यह एक ऐसा फंड है जिसके लिए उन्होंने कभी काम नहीं किया।
पीपल्स डिस्पैच
31 Jan 2020
bolivia

पिछले हफ्ते 21 जनवरी को अति दक्षिणपंथी स्वघोषित अंतरिम राष्ट्रपति जीनिन अनेज की अगुवाई में बोलीविया की तख्तापलट करने वाली सरकार ने मूवमेंट टुवार्ड्स सोशलिज्म (एमएएस) के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार लुइस एर्से के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। इस अंतरिम सरकार ने साल 2015 में इंडीजिनस पीपल्स एंड फार्मर्स डेवलपमेंट फंड (एफओएनडीआईओसी) से संसाधनों को कथित रूप से हेरा फेरी करने का आरोप लगाया। उस समय वे बोलीविया के अर्थव्यवस्था मंत्री थें।

29 जनवरी को एर्से मामले की सुनवाई में शामिल होने के लिए प्रोसेक्यूटर्स ऑफिस पहुंचे। हालांकि, प्रोसेक्यूटर ने क़ानूनी प्रक्रिया के दस्तावेजों की समीक्षा के लिए एर्से के बचाव के अनुरोध के बाद सुनवाई को स्थगित करने का फैसला किया।

प्रोसेक्यूटर्स ऑफिस से निकलते हुए एर्से ने कहा कि उन्हें उन तथ्यों से कोई लेना-देना नहीं है जिसका प्रोसेक्यूटर जांच कर रहे हैं। एर्से ने कहा, "मेरे पास छुपाने के लिए कुछ भी नहीं है। मैं भ्रष्ट नहीं हूं।” एर्से हज़ारों एमएएस समर्थकों से घिरे थे। समर्थकों ने उनके राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारी के समर्थन में नारे भी लगाए। एर्से ने दोहराया कि वह कभी भी निजी खातों में फंड भेज नहीं सकते क्योंकि उन्होंने इस फंड से जुड़ा कोई काम नहीं किया था।

एर्से ने 24 जनवरी को कहा कि तख्तापलट करने वाली सरकार मई में होने वाले आगामी आम चुनावों में उनकी उम्मीदवारी को लेकर बाधा डालने की कोशिश कर रही थी क्योंकि 19 जनवरी को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में घोषणा किए जाने के तुरंत बाद क़ानूनी प्रक्रिया शुरू हो गई थी।

साभार : पीपल्स डिस्पैच

bolivia
Movement Towards Socialism
Coup government
MAS
Jeanine Áñez Chávez

Related Stories

यूपी: बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच करोड़ों की दवाएं बेकार, कौन है ज़िम्मेदार?

क्या चिली की प्रगतिशील सरकार बोलीविया की समुद्री पहुंच के रास्ते खोलेगी?

पत्रकारिता एवं जन-आंदोलनों के पक्ष में विकीलीक्स का अतुलनीय योगदान 

बोलिवियाई लोगों को तख्तापलट करने वाली नेता जीनिन आनेज़ के जेल से भागने की आशंका

बोलिविया के तख़्तापलट में शस्त्र मुहैया कराने के मामले में अर्जेंटीना ने जांच शुरू की

बोलीविया सरकार ने इक्वाडोर द्वारा तख़्तापलट सरकार को हथियारों की आपूर्ति की जांच की

बोलिविया में तख्तापलट का नेतृत्व करने के लिए जीनिन अनेज गिरफ़्तार

साकाबा नरसंहार के एक साल बाद बोलीविया ने पीड़ितों को याद किया और न्याय की मांग की

बोलिवियाई लोगों ने एक विशाल रैली में ईवो मोरालेस का स्वागत किया

बोलिवियाः लुइस एर्से ने राष्ट्रपति और डेविड चोकेहुआंसा ने उपराष्ट्रपति के रूप में पदभार ग्रहण किया


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा
    27 May 2022
    सेक्स वर्कर्स को ज़्यादातर अपराधियों के रूप में देखा जाता है। समाज और पुलिस उनके साथ असंवेदशील व्यवहार करती है, उन्हें तिरस्कार तक का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से लाखों सेक्स…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    अब अजमेर शरीफ निशाने पर! खुदाई कब तक मोदी जी?
    27 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं हिंदुत्ववादी संगठन महाराणा प्रताप सेना के दावे की जिसमे उन्होंने कहा है कि अजमेर शरीफ भगवान शिव को समर्पित मंदिर…
  • पीपल्स डिस्पैच
    जॉर्ज फ्लॉय्ड की मौत के 2 साल बाद क्या अमेरिका में कुछ बदलाव आया?
    27 May 2022
    ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन में प्राप्त हुई, फिर गवाईं गईं चीज़ें बताती हैं कि पूंजीवाद और अमेरिकी समाज के ताने-बाने में कितनी गहराई से नस्लभेद घुसा हुआ है।
  • सौम्यदीप चटर्जी
    भारत में संसदीय लोकतंत्र का लगातार पतन
    27 May 2022
    चूंकि भारत ‘अमृत महोत्सव' के साथ स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का जश्न मना रहा है, ऐसे में एक निष्क्रिय संसद की स्पष्ट विडंबना को अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पूर्वोत्तर के 40% से अधिक छात्रों को महामारी के दौरान पढ़ाई के लिए गैजेट उपलब्ध नहीं रहा
    27 May 2022
    ये डिजिटल डिवाइड सबसे ज़्यादा असम, मणिपुर और मेघालय में रहा है, जहां 48 फ़ीसदी छात्रों के घर में कोई डिजिटल डिवाइस नहीं था। एनएएस 2021 का सर्वे तीसरी, पांचवीं, आठवीं व दसवीं कक्षा के लिए किया गया था।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License