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आंदोलन
साहित्य-संस्कृति
भारत
राजनीति
ये पेड़ हमारे घर के हैं/ ये पेड़ हमारे पुरखे हैं
दिल्ली के शाहीन बाग़ समेत देशभर में CAA-NPR-NRC के विरोध में आंदोलन जारी है। इसको लेकर तमाम कलात्मक और साहित्यिक-सांस्कृतिक हस्तक्षेप किया जा रहा है। पेंटिग्स बनाईं जा रहीं हैं। लेख, कविता-कहानी लिखी जा रहीं हैं। इसी कड़ी में मुकुल सरल की एक कविता, जो पेड़ के प्रतीक के माध्यम से न केवल एक नया भावनात्मक प्रतिरोध रचती है, बल्कि इसके पीछे की राजनीति को भी उजागर करती है।
न्यूज़क्लिक प्रोडक्शन
24 Feb 2020
CAA
NRC
NPR
CAA Poem
Shaheen Bagh
CAA Protest In all over India

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CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License