NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
पिछले 10 वर्षों में क़तर में हज़ारों प्रवासी श्रमिकों की मौत हुईः रिपोर्ट
ज्यादातर दक्षिण एशियाई देशों से आए श्रमिक कतर में गंभीर, दुर्व्यवहार और श्रम अधिकारों के उल्लंघन का सामना करते हैं जो बीमारियों या दुर्घटनाओं से उनकी अकाल मृत्यु का कारण बनते हैं।
पीपल्स डिस्पैच
24 Feb 2021
पिछले 10 वर्षों में क़तर में हज़ारों प्रवासी श्रमिकों की मौत हुईः रिपोर्ट

ब्रिटिश समाचार पत्र द गार्डियन द्वारा संकलित एक नई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पांच दक्षिण एशियाई देशों मुख्य रूप से बांग्लादेश, भारत, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका के 6,750 प्रवासी श्रमिकों की मौत खाड़ी देश क़तर में वर्ष 2010 से 2020 तक की अवधि के दौरान हुई है।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दिसंबर 2010 से हर हफ्ते औसतन 12 श्रमिकों की मौत हुई है। इस महीने में इस तेल-समृद्ध खाड़ी देश ने फुटबॉल विश्व कप 2022 की मेजबानी का अधिकार हासिल किया था जिसके परिणामस्वरूप कतर की सरकार के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर निर्माण व विकास हुए। इस प्रक्रिया में कतर की सरकार ने कई एशियाई और अफ्रीकी देशों के लाखों प्रवासी श्रमिकों को काम पर रखने की आवश्यकता पैदा की। हालांकि इस रिपोर्ट में कुछ देशों को शामिल नहीं किया गया है।

मुख्य रूप से आधिकारिक सरकारी आंकड़ों पर निर्भर इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चार देशों भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल से 10 साल की अवधि के दौरान 5,927 श्रमिकों की मौत हुई है। इसी अवधि में 824 पाकिस्तानी श्रमिक भी मारे गए। द गार्डियन ने कहा है कि पिछले वर्ष के अंतिम महीनों में हुई श्रमिकों की मौत को इस रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया है। इसने आघे कहा कि इस अवधि में कतर में प्रवासी श्रमिकों की मौत का अंतिम आंकड़ा काफी अधिक होगा क्योंकि इसमें फिलीपींस और केन्या जैसे अन्य एशियाई और अफ्रीकी देशों के रिकॉर्ड शामिल नहीं हैं।

अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों और श्रमिक अधिकारों के समूहों ने अतीत में अक्सर चिंता व्यक्त की है और कतर में प्रवासी श्रमिकों द्वारा सामना करने वाले दुर्व्यवहार को उजागर किया है और शारीरिक सुरक्षा के साथ साथ कार्यस्थलों पर सुरक्षा के इंतजाम सुनिश्चित करते हुए बार-बार कतरी सरकार से श्रमिकों की स्थिति में सुधार लाने का आह्वान किया है। साथ यह भी कहा कि श्रमिकों के अधिकारों का उल्लंघन करने का वाले व्यक्तियों और संगठनों को दोषी पाए जाने पर मुकदमा चलाया जाए और दंड दिया जाए।

Qatar
Migrant workers
International Human Rights

Related Stories

जनवादी साहित्य-संस्कृति सम्मेलन: वंचित तबकों की मुक्ति के लिए एक सांस्कृतिक हस्तक्षेप

कर्नाटक: मलूर में दो-तरफा पलायन बन रही है मज़दूरों की बेबसी की वजह

क्या है सच?: मज़दूरों ने कहा फिर से पलायन के हालात, सरकारी तंत्र ने कहा दावा भ्रामक है

अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार और हमारे बुनियादी सरोकार

पश्चिम बंगाल में मनरेगा का क्रियान्वयन खराब, केंद्र के रवैये पर भी सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उठाए सवाल

मौत के आंकड़े बताते हैं किसान आंदोलन बड़े किसानों का नहीं है - अर्थशास्त्री लखविंदर सिंह

तालिबान शासित अफ़ग़ानिस्तान में क़तर का बढ़ता क़द 

एमनेस्टी ने हज़ारों श्रमिकों की मौतों की पर्याप्त जांच करने में कतर की विफलता को उजागर किया

आसमान से गिरते इंसान: मानव होने की निरर्थकता

सीटू ने बंगाल में प्रवासी श्रमिकों की यूनियन बनाने की पहल की 


बाकी खबरें

  • Ramjas
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल
    01 Jun 2022
    वामपंथी छात्र संगठन स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इण्डिया(SFI) ने दक्षिणपंथी छात्र संगठन पर हमले का आरोप लगाया है। इस मामले में पुलिस ने भी क़ानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। परन्तु छात्र संगठनों का आरोप है कि…
  • monsoon
    मोहम्मद इमरान खान
    बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग
    01 Jun 2022
    पटना: मानसून अभी आया नहीं है लेकिन इस दौरान होने वाले नदी के कटाव की दहशत गांवों के लोगों में इस कदर है कि वे कड़ी मशक्कत से बनाए अपने घरों को तोड़ने से बाज नहीं आ रहे हैं। गरीबी स
  • Gyanvapi Masjid
    भाषा
    ज्ञानवापी मामले में अधिवक्ताओं हरिशंकर जैन एवं विष्णु जैन को पैरवी करने से हटाया गया
    01 Jun 2022
    उल्लेखनीय है कि अधिवक्ता हरिशंकर जैन और उनके पुत्र विष्णु जैन ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले की पैरवी कर रहे थे। इसके साथ ही पिता और पुत्र की जोड़ी हिंदुओं से जुड़े कई मुकदमों की पैरवी कर रही है।
  • sonia gandhi
    भाषा
    ईडी ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी को धन शोधन के मामले में तलब किया
    01 Jun 2022
    ईडी ने कांग्रेस अध्यक्ष को आठ जून को पेश होने को कहा है। यह मामला पार्टी समर्थित ‘यंग इंडियन’ में कथित वित्तीय अनियमितता की जांच के सिलसिले में हाल में दर्ज किया गया था।
  • neoliberalism
    प्रभात पटनायक
    नवउदारवाद और मुद्रास्फीति-विरोधी नीति
    01 Jun 2022
    आम तौर पर नवउदारवादी व्यवस्था को प्रदत्त मानकर चला जाता है और इसी आधार पर खड़े होकर तर्क-वितर्क किए जाते हैं कि बेरोजगारी और मुद्रास्फीति में से किस पर अंकुश लगाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना बेहतर…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License