NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
अल्जीरियाई अदालत से पूर्व राष्ट्रपति के भाई सहित तीन अधिकारी बरी
तीन अधिकारियों में से एक को शनिवार को हिरासत से रिहा कर दिया गया जबकि अन्य दो सिविल कोर्ट में भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर अभी हिरासत में हैं।
पीपल्स डिस्पैच
04 Jan 2021
अल्जीरियाई अदालत से पूर्व राष्ट्रपति के भाई सहित तीन अधिकारी बरी

अल्जीरिया में लोकप्रिय प्रतिरोध आंदोलन को झटका देते हुए एक अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति अब्देलअज़ीज़ बाउटेफ्लिका के तीन पूर्व अधिकारियों को बरी कर दिया है जिसमें पूर्व राष्ट्रपति के भाई भी शामिल है। पूर्व राष्ट्रपति ने 2019 में लोकप्रिय आंदोलन के चलते पद गंवा दिया था। कई मीडिया संस्थानों ने इस रिपोर्ट को शनिवार 2 जनवरी को प्रकाशित किया है। सइद बाउटेफ्लिका, दो पूर्व शक्तिशाली जासूसी प्रमुखों मोहम्मद मेदीने और बाचिर टारटग को सैन्य अपील अदालत ने एक पुनर्विचार के बाद शनिवार को बरी कर दिया, जिसमें उनके खिलाफ साजिश के आरोपों को दोषमुक्त कर दिया गया।

देश में बड़े पैमाने पर हुए हिराक आंदोलन के चलते गिरफ्तार होने के बाद राज्य के खिलाफ साजिश के आरोप में दोषी ठहराए जाने के बाद सितंबर 2019 में तीनों को 15-15 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। ये आंदोलन पूरे देश में फैल गया था और इसके परिणाम स्वरूप पूर्ववर्ती सरकार ने अपना सत्ता खो दिया था।

उस समय की इस गिरफ्तारी और इसके बाद की सजा को हीरक आंदोलन की बड़ी जीत के रूप में देखा गया क्योंकि इस आंदोलन के मुख्य लक्ष्यों में से उन सभी अधिकारियों और व्यक्तियों का पिछले शासन से निष्कासन करने के साथ-साथ उनके अपराधों के लिए सजा दिलाना था जो वे सत्ता में अपने कार्यकाल के दौरान आम अल्जीरियाई लोगों के खिलाफ किया था। एक अन्य सह-प्रतिवादी, वर्कर्स पार्टी के पूर्व महासचिव लुईसा हनौने के साथ इन तीनों पर तत्कालीन राष्ट्रपति को पद से हटने के लिए मजबूर करने के लिए अल्जीरियाई सैन्य नेतृत्व द्वारा नुकसान पहुंचाने की योजना के इरादे से बैठक में भाग लेने का आरोप लगाया गया था। राष्ट्रपति के भाई सईद खुफिया प्रमुखों से उस समय के सेना प्रमुख जनरल अहमद गाजी सलाहा को बर्खास्त कराना चाहते थे।

रिपोर्टों के अनुसार, सईद बाउटेफ्लिका और बाचिर टारटग भ्रष्टाचार के आरोपों के लिए हिरासत में हैं जिसका वे अभी भी एक सिविलियन कोर्ट में सामना कर रहे हैं। इस बीच डीआरएस खुफिया एजेंसी के पूर्व प्रमुख मेदीने को शनिवार को हिरासत से रिहा कर दिया गया है।

अदालत द्वारा उनके बरी होने को अब हिरक आंदोलन के लिए एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है, जिसने हाल ही में चुने गए राष्ट्रपति अब्देलमजीद तेब्बाउने के वर्तमान शासन पर दबाव बनाना जारी रखे हुए है और यह मांग करता है कि वे देश के राजनीतिक गलियारे से बाउटेफ्लिका युग के सभी अधिकारियों और नौकरशाहों, कुलीन और भ्रष्ट राजनेताओं व व्यापारियों से छुटकारा पाएं और साथ ही साथ अल्जीरियाई सेना को देश के नागरिक और राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप करने से रोकें।

Algeria
Abdelaziz Bouteflika
Corruption

Related Stories

उत्तराखंड के ग्राम विकास पर भ्रष्टाचार, सरकारी उदासीनता के बादल

बिहार में 1573 करोड़ रुपये का धान घोटाला, जिसके पास मिल नहीं उसे भी दिया धान

बढ़ती हिंसा और सीबीआई के हस्तक्षेप के चलते मुश्किल में ममता और तृणमूल कांग्रेस

बिहारः बड़े-बड़े दावों के बावजूद भ्रष्टाचार रोकने में नाकाम नीतीश सरकार

क्या आपको पता है कि ₹23 हजार करोड़ जैसे बैंक फ्रॉड भी महंगाई के लिए जिम्मेदार है? 

विकास की वर्तमान स्थिति, स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव और आम आदमी की पीड़ा

अमित शाह का एक और जुमला: पिछले 7 सालों में नहीं हुआ कोई भ्रष्टाचार!

यूपी: परीक्षाओं का पेपर लीक और रद्द होना योगी सरकार की बड़ी विफलता है!

परमबीर सिंह वसूली प्रकरण: दो पुलिस अधिकारी सात दिनों के लिए सीआईडी हिरासत में भेजे गये

बिहारः खनन विभाग के अधिकारी बालू माफियाओं से सांठगांठ कर अवैध कमाई पर देते हैं ज़ोर


बाकी खबरें

  • bulldozer
    न्यूज़क्लिक टीम
    दिल्ली: बुलडोज़र राजनीति के ख़िलाफ़ वामदलों का जनता मार्च
    11 May 2022
    देश के मुसलमानों, गरीबों, दलितों पर चल रहे सरकारी बुल्डोज़र और सरकार की तानाशाही के खिलाफ राजधानी दिल्ली में तमाम वाम दलों के साथ-साथ युवाओं, महिलाओं और संघर्षशील संगठनों ने उपराज्यपाल अनिल बैजल के…
  • qutub minar
    न्यूज़क्लिक टीम
    अब क़ुतुब मीनार, ताज महल से हासिल होंगे वोट? मुग़ल दिलाएंगे रोज़गार?
    11 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में आज वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा सवाल पूछ रहे हैं कि देश में कभी क़ुतुब मीनार के नाम पर कभी ताज महल के नाम पर विवाद खड़ा करके, सरकार देश को किस दिशा में धकेल रही…
  • sedition
    विकास भदौरिया
    राजद्रोह पर सुप्रीम कोर्ट: घोर अंधकार में रौशनी की किरण
    11 May 2022
    सुप्रीम कोर्ट का आज का आदेश और न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ का हाल का बयान, जिसमें उन्होंने कहा था कि नागरिकों के असंतोष या उत्पीड़न को दबाने के लिए आपराधिक क़ानून का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए, एक आशा…
  • RAVIKANT CASE
    असद रिज़वी
    लखनऊ विश्वविद्यालय: दलित प्रोफ़ेसर के ख़िलाफ़ मुक़दमा, हमलावरों पर कोई कार्रवाई नहीं!
    11 May 2022
    प्रोफ़ेसर रविकांत चंदन हमले की FIR लिखाने के लिए पुलिस के आला-अफ़सरों के पास दौड़ रहे हैं, लेकिन आरोपी छात्रों के विरुद्ध अभी तक न तो पुलिस की ओर से क़ानूनी कार्रवाई हुई है और न ही विवि प्रशासन की ओर…
  • jaysurya
    विवेक शर्मा
    श्रीलंका संकट : आम जनता के साथ खड़े हुए खिलाड़ी, सरकार और उसके समर्थकों की मुखर आलोचना
    11 May 2022
    श्रीलंका में ख़राब हालात के बीच अब वहां के खिलाड़ियों ने भी सरकार और सरकार के समर्थकों की कड़ी निंदा की है और जवाब मांगा है। क्रिकेट जगत के कई दिग्गज अपनी-अपनी तरह से आम जनता के साथ एकजुटता और सरकार…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License