NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
साहित्य-संस्कृति
स्वास्थ्य
भारत
राजनीति
कोरोना काल: सट्टेबाज़ी और रेल भ्रमण
अब सरकार ने लॉकडाउन लगाने और खोलने को लेकर जो भी निर्णय लिये, उनके पीछे कोई वैज्ञानिक सोच तो लगती नहीं है। ऐसा नहीं लगता है कि सरकार के निर्णयों के पीछे किसी महामारीविद (Epidemiologist) की सलाह ली हो। हां, सट्टेबाज़ों का ध्यान रखा हो, तो बात अलग है।
डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
31 May 2020
lockdown
Image courtesy: Social Media

जब से कोविड-19 फैला है, हर रोज आंकड़े जारी हो रहे हैं। कई बार तो लगता है जैसे कि कोई लम्बा सा टूर्नामेंट चल रहा है, जैसे कि ओलंपिक खेल या फिर एक बहुत लम्बी मैराथन दौड़! रोज स्कोर कार्ड आता है कि कौन आगे चल रहा है और कौन पीछे, और हमारा देश कौन से नम्बर पर है।

tirchi nazar_1.JPG

स्कोर कार्ड भी कई तरह का है। कभी कुल मरीजों की बात होती है तो कभी उन मरीजों का स्कोर बताया जाता है जो इस बीमारी से दम तोड़ चुके हैं। कभी कभी अच्छे भी स्कोर बताये जाते हैं कि कितने मरीज इस बीमारी से ठीक हो चुके हैं। राज्यों के हिसाब से भी स्कोर होते हैं तो देशों के हिसाब से भी। ऐसा महसूस होता है कि कोई टूर्नामेंट चल रहा है जिसका स्कोर लगातार अपडेट हो रहा है।

लोग-बाग भी अब रोज आंकड़ों की बातें करने लगे हैं। जब भी और जैसे भी आपस में बात करते हैं तो आंकड़ों की ही बात करते हैं। जैसे जब क्रिकेट का मैच चल रहा होता है तो लोग मैच के स्कोर की बात कर रहे होते हैं, "लेटेस्ट स्कोर क्या है यार!" उसी तर्ज पर आजकल लोग पूछते हैं कि आज कितने केस हुए। टीवी पर भी अपडेट आता रहता है, राज्यों का अपडेट और देशों का अपडेट। अपडेट तो अखबार भी बताते हैं पर वह पिछले दिन का होता है। टीवी से भी लेटेस्ट अपडेट ऑनलाइन मिल जाता है। 

जैसे क्रिकेट में कॉमंट्रेटर बताता रहता है कि क्या संभावित स्कोर हो सकता है उसी तरह से कोरोना के मैच में भी बताया जाता है कि देश में मई के अंत तक कितने मरीज हो जायेंगे और तीस जून तक कितने। क्रिकेट की कमेंट्री की तरह से एक्सपर्ट आते हैं और उस वायरस के बारे में जिसके बारे में किसी को भी ढंग से कुछ खास नहीं पता है, अपनी राय बताते हैं।

आश्चर्य नहीं होगा यदि इस पर भी क्रिकेट के स्कोर की तरह से सट्टा लग रहा हो। जिस तरह से क्रिकेट के सट्टेबाज़ी में कई बार खिलाड़ी और कभी कभी तो कप्तान भी शामिल होते हैं, क्या पता उसी प्रकार कोरोना में भी सट्टेबाज़ी हो रही हो और कहीं उसमें नेता और सरकार तो शामिल नहीं है!

सट्टेबाज़ तो किसी भी बात पर सट्टा लगा सकते हैं। अब क्रिकेट के मैच तो हो नहीं रहे हैं और न ही कोई अन्य खेल खेले जा रहे हैं। तो फिर सट्टेबाज़ बेरोजगार तो बैठेंगे नहीं। तो वे कोरोना पर भी सट्टा लगा सकते हैं। वे तो इस बात पर भी सट्टा लगा सकते हैं कि लॉकडाउन लगेगा या नहीं, लगेगा तो कब लगेगा और कितने दिन का लगेगा। इस बात पर भी सट्टा लगा हो सकता है कि लॉकडाउन बढ़ेगा या नहीं, और अगर बढा़या जायेगा तो कितने दिन के लिए बढा़या जायेगा। सट्टा तो इस बात पर भी लग सकता है कि अगर छूट मिलेगी तो किसको मिलेगी और जिन्हें मिलेगी तो उन्हें कितनी मिलेगी। 

अब सरकार ने लॉकडाउन यानी तालाबंदी को लगाने और उसको खोलने को लेकर जो भी निर्णय लिये, उनके पीछे कोई वैज्ञानिक सोच तो लगती नहीं है। ऐसा नहीं लगता है कि सरकार के निर्णयों के पीछे किसी महामारीविद (Epidemiologist) की सलाह ली हो। हां, सट्टेबाज़ों का ध्यान रखा हो, तो बात अलग है।

जब मैं यह लिख रहा हूँ तब भारत कोरोना के कुल मरीजों के हिसाब से विश्व में दसवें स्थान पर है। जब तक आप पढ़ेंगे, हो सकता है तब तक नवें या आठवें स्थान पर पहुंच जाये। एक्टिव मरीजों के लिहाज से अभी ही पांचवें नंबर पर है। पर यह कोई ओलंपिक नहीं है कि पहले स्थान पर रहने वाले को स्वर्ण पदक मिलेगा और दूसरे स्थान वाले को रजत। पर आपदा में अवसर ढूंढने वालों को कौन समझाये। उनके लिए तो आपदा जितनी अधिक होगी, अवसर भी उतना ही अधिक होगा।

कोरोना की बीमारी में हम कोई रिकॉर्ड बनायें या फिर न बनायें, रेल यात्रा में तो हम बना ही चुके हैं। हमारी एक दो नहीं, चालीसों रेलगाड़ियां चौबीस-तीस घंटे की यात्रा अस्सी-नब्बे घंटों में पूरी कर रही हैं। सोलह सौ किलोमीटर की यात्रा पूरी करने के लिए बाईस सौ किलोमीटर, चौबीस सौ किलोमीटर का चक्कर लगा रही हैं। ऐसा रिकॉर्ड पूरे विश्व में, हमारे देश के अलावा, कहीं और नहीं बन रहा होगा। ऐसा रिकॉर्ड बन रहा है कोरोना काल में, और वह भी मजदूरों को ले जा रही श्रमिक ट्रेनों में। आदरणीय रेल मंत्री जी, कृपया ऐसा मत कीजिए। घर जाने वाले श्रमिकों को पूरा भारत भ्रमण मत करवाईये। कोई जरूरी नहीं है कि जो मुम्बई से दरभंगा जाना चाहता है, उसे वाया बंगलूरू ही ले जाया जाये। उन्हें सीधा साधा उनके घर पहुंचा दीजिये। आपके इस भूखे प्यासे पेट भारत भ्रमण के चक्कर में कई सारे श्रमिक तो अपने प्राणों से भी हाथ धो रहे हैं।

(लेखक पेशे से चिकित्सक हैं।)

tirchi nazar
Satire
Political satire
Betting
indian railways
train tour
Lockdown
Corona Virus

Related Stories

लॉकडाउन-2020: यही तो दिन थे, जब राजा ने अचानक कह दिया था— स्टैचू!

तिरछी नज़र: सरकार-जी, बम केवल साइकिल में ही नहीं लगता

विज्ञापन की महिमा: अगर विज्ञापन न होते तो हमें विकास दिखाई ही न देता

तिरछी नज़र: बजट इस साल का; बात पच्चीस साल की

…सब कुछ ठीक-ठाक है

तिरछी नज़र: ‘ज़िंदा लौट आए’ मतलब लौट के...

तिरछी नज़र: ओमीक्रॉन आला रे...

कटाक्ष: नये साल के लक्षण अच्छे नजर नहीं आ रहे हैं...

तिरछी नज़र: ...चुनाव आला रे

चुनावी चक्रम: लाइट-कैमरा-एक्शन और पूजा शुरू


बाकी खबरें

  • भाषा
    आकार पटेल ने सीबीआई के ख़िलाफ़ अवमानना याचिका दाख़िल की
    08 Apr 2022
    पटेल के वकील ने दावा किया था कि उनके मुवक्किल को बृहस्पतिवार रात एक हवाई अड्डे पर रोका गया और उन्हें सूचित किया गया कि सीबीआई ने एलओसी वापस नहीं लिया है। 
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: भूख है तो सब्र कर रोटी नहीं तो क्या हुआ...
    08 Apr 2022
    संसद में विपक्षी सांसद महंगाई, नफरत, बेरोजगारी, पत्रकारों पर बढ़ते हमले पर बात करने का निवेदन करते हैं लेकिन माननीय सभापति महोदय मुस्कुरा कर टालते जाते हैं।
  • एम. के. भद्रकुमार
    पश्चिम बनाम रूस मसले पर भारत की दुविधा
    08 Apr 2022
    नई दिल्ली को स्पष्ट हो जाना चाहिए और इस वास्तविकता को समझ लेना चाहिए कि यूक्रेन संघर्ष इंडो-पैसिफ़िक रणनीति का ही एक ख़ाका है।
  • भाषा
    संयुक्त राष्ट्र महासभा ने रूस को शीर्ष मानवाधिकार संस्था से निलंबित किया
    08 Apr 2022
    संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) से रूस को निलंबित करने के लिए अमेरिका द्वारा लाये गये एक प्रस्ताव को पारित करने के लिए 193 सदस्यीय महासभा (यूएनजीए) में इसके (प्रस्ताव के) पक्ष में 93 मत…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पकिस्तान: उच्चतम न्यायालय से झटके के बाद इमरान ने बुलाई कैबिनेट की मीटिंग
    08 Apr 2022
    उच्चतम न्यायालय के इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी के विवादास्पद फैसले को रद्द करने के बाद, इमरान ने आज यानी शुक्रवार दोपहर 2 बजे कैबिनेट…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License