NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
साहित्य-संस्कृति
स्वास्थ्य
भारत
राजनीति
शोर और अंधेरे से डरने वाला वायरस: कोरोना
कोरोना वायरस के शांतिप्रिय होने के अलावा मोदी जी के हालिया अनुसंधान से यह भी पता चला है कि यह वायरस प्रकाश के बिना जी नहीं पाता है। अंधेरे में यह दीवारों पर सर पटक पटक कर मर जाता है।
डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
05 Apr 2020
coronavirus
Image courtesy: Arre

कोरोना वायरस का प्रकोप पूरे विश्व में फैल रहा है। देश में भी फैल रहा है। जिस तरह से सारे विश्व में वैज्ञानिक इस वायरस के इलाज और बचाव के लिए तरह तरह के प्रयोग कर रहे हैं उसी तरह से हमारे देश में भी वैज्ञानिक इस दिशा में सराहनीय कार्य कर रहे हैं। 

logo new tirchi nazar.png

लेकिन हमारे देश में विज्ञान की एक अलग धारा भी हमेशा से ही प्रचलित रही है। व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी बताती है कि हजारों साल पहले लिखे वेद-पुराणों में ही इस महामारी की भविष्यवाणी कर दी गई थी। अब यह हजारों साल पहले की गई भविष्यवाणी समय रहते ही पता चल जाती तो हम इस महामारी को टाल भले ही न पाते पर समय रहते तैयारी तो पूरी कर लेते। ये वेदों-पुराणों की भविष्यवाणियां भी शायद नास्त्रेदमस (Nostradamus) की भविष्यवाणियों की तरह से ही हैं, घटना होने के बाद ही पता चलता है कि इस घटना की भविष्यवाणी तो पहले से ही कर दी गई थी।

बात तो हम अपने यहां मौजूद विज्ञान की कर रहे थे। जैसे हमारे यहां वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति है, ठीक उसी प्रकार छद्म विज्ञान भी है। जैसे वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति हमें बताती है कि कोरोना से बचाव के लिए गौमूत्र-गोबर, हल्दी, काली मिर्च, फिटकरी से लेकर शराब और गर्म पानी का सेवन करना चाहिये, उसी तरह छद्म विज्ञान ने भी कोरोना से बचने के लिए तरह तरह के अनुसंधान किये हैं।

हमारे देश में पहली खोज यह हुई थी कि कोरोना वायरस कोविड-19 सुगंध प्रेमी है अतः गौमूत्र और गोबर से भागता है। उससे आगे खोज की गई कि ये जो कोविड-19 वायरस है, यह शांति प्रिय भी है। यह पाया गया है कि जिन देशों में यह अधिक फैला है वे सारे देश ऐसे हैं कि वहां आप गाड़ी में सवार हो मीलों दूर निकल जायें, आपको हॉर्न तक न सुनाई दे। अब इससे तो यह ही समझ में आता है कि यह कोरोना वायरस शोर से घबराता है।

अब क्योंकि हमारे वैज्ञानिक अनुसंधान से सिद्ध हो गया है कि कोरोना वायरस शोर मचाने से दूर भागता है अतः हमारे प्रधानमंत्री जी के आह्वान पर 22 मार्च को "जनता कर्फ्यू" के बीच में शाम को पांच बजे लोगों से थाली, घंटे, ताली, पतीले और न जाने क्या क्या बजा कर शोर मचवाया गया। और शोर भी सामूहिक। उस सामूहिक शोर से कोरोना वायरस निश्चित रूप से घबरा गया होगा। संभव है, अरबों-खरबों वायरसों ने सामूहिक आत्महत्या भी कर ली हो।

पर अब देश में मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे, सभी पूजा स्थल बंद हो चुके हैं। उनसे निकलने वाली घंटियों और घंटों की आवाजें, लाउडस्पीकरों पर आरतियों और अजान के स्वर तथा गुरु ग्रंथ साहिब जी का पाठ, सभी धीमे स्वर में सुनाई दे रहे हैं। देश में सन्नाटा छाया हुआ है। इसीलिए कोरोना वायरस का प्रकोप दिन दूना, रात चौगुना बढ़ रहा है। हमें तो शोर को बढा़वा दे कर कोरोना के बढा़व को रोकना चाहिए परलॉकडाउन में उलटा ही हो रहा है। चारों ओर शांति छाई हुई है और कोरोना बढ़ता ही जा रहा है।

कोरोना वायरस के शांतिप्रिय होने के अलावा हालिया अनुसंधान से यह भी पता चला है कि यह वायरस प्रकाश के बिना जी नहीं पाता है। इसको जीवन के लिए बिजली की रोशनी अत्यंत आवश्यक है। अंधेरे में यह दीवारों पर सर पटक पटक कर मर जाता है। इसके अलावा प्रकाश को लेकर इसकी एक और प्रवृत्ति का पता चला है। यह जुगनुओं और पतंगों की तरह दीये या मोमबत्ती को लौ की ओर खिंचा आता है और लौ में जल कर अपने प्राण नौछावर कर देता है।

अब क्योंकि यह खोज अभी हाल में ही, शुक्रवार की सुबह ही हुई है, प्रधानमंत्री जी ने आनन फानन में लोगों को संबोधित किया और कोरोना वायरस से लडा़ई का यह नया औजार लोगों को थमाया। तो देशवासियों, पांच अप्रैल को, रविवार को, रात ठीक नौ बजे, ठीक नौ मिनट के लिए अपनी सारी लाइटें ऑफ करनी हैं। लाइटें ऑफ कर घर के दरवाजे या बॉलकनी में दीया या मोमबत्ती जलाने हैं। जो अभागे इस लॉकडाउन में दिये या मोमबत्ती का प्रबंध न कर पायें, वे टार्च या मोबाइल की रोशनी से काम चला सकते हैं।

यह काम सबको करना है और ज़रूर करना है। यह कोई जादू टोटका नहीं है। यह एक नई नई हुई खोज है। प्रधानमंत्री जी ने की है। सारी पुलिस देखेगी कि आप निर्देश का पालन कर देश के द्वारा कोरोना वायरस को भगाने के प्रयास में भागीदार बन रहे हैं या नहीं। जो भी व्यक्ति इसका पालन नहीं करेगा, वह देशद्रोही माना जायेगा और शासन के प्रकोप का भागी होगा। उत्तर प्रदेश में उस पर योगी जी रासुका भी लगा सकते हैं।

अंत में: प्रधानमंत्री चाहे जो भी कहें, हमें अंधविश्वासों में नहीं फंसना है। कोरोना से बचाव के लिए ज़रूरी है

1. खांसी और बुखार के मरीज को अलग रखना।

2. आपस में पर्याप्त (कम से कम 1 मीटर) दूरी बनाये रखना।

3. बार बार हाथों को साबुन और पानी से धोना या सैनेटाईज़ करना।

(इस व्यंग्य स्तंभ के लेखक पेशे से चिकित्सक हैं।)

tirchi nazar
Satire
Political satire
Narendra modi
Corona Virus
COVID-19
India Lockdown
Light off
9 minutes Drama

Related Stories

जनवादी साहित्य-संस्कृति सम्मेलन: वंचित तबकों की मुक्ति के लिए एक सांस्कृतिक हस्तक्षेप

तिरछी नज़र: सरकार-जी, बम केवल साइकिल में ही नहीं लगता

विज्ञापन की महिमा: अगर विज्ञापन न होते तो हमें विकास दिखाई ही न देता

तिरछी नज़र: बजट इस साल का; बात पच्चीस साल की

…सब कुछ ठीक-ठाक है

तिरछी नज़र: ‘ज़िंदा लौट आए’ मतलब लौट के...

बना रहे रस: वे बनारस से उसकी आत्मा छीनना चाहते हैं

तिरछी नज़र: ओमीक्रॉन आला रे...

कटाक्ष: नये साल के लक्षण अच्छे नजर नहीं आ रहे हैं...

तिरछी नज़र: ...चुनाव आला रे


बाकी खबरें

  • language
    न्यूज़क्लिक टीम
    बहुभाषी भारत में केवल एक राष्ट्र भाषा नहीं हो सकती
    05 May 2022
    क्या हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा देना चाहिए? भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष से लेकर अब तक हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की जद्दोजहद कैसी रही है? अगर हिंदी राष्ट्रभाषा के तौर पर नहीं बनेगी तो अंग्रेजी का…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    "राजनीतिक रोटी" सेकने के लिए लाउडस्पीकर को बनाया जा रहा मुद्दा?
    05 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में अभिसार सवाल उठा रहे हैं कि देश में बढ़ते साम्प्रदायिकता से आखिर फ़ायदा किसका हो रहा है।
  • चमन लाल
    भगत सिंह पर लिखी नई पुस्तक औपनिवेशिक भारत में बर्तानवी कानून के शासन को झूठा करार देती है 
    05 May 2022
    द एग्ज़िक्युशन ऑफ़ भगत सिंह: लीगल हेरेसीज़ ऑफ़ द राज में महान स्वतंत्रता सेनानी के झूठे मुकदमे का पर्दाफ़ाश किया गया है। 
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    गर्भपात प्रतिबंध पर सुप्रीम कोर्ट के लीक हुए ड्राफ़्ट से अमेरिका में आया भूचाल
    05 May 2022
    राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अगर गर्भपात पर प्रतिबंध लगाने वाला फ़ैसला आता है, तो एक ही जेंडर में शादी करने जैसे दूसरे अधिकार भी ख़तरे में पड़ सकते हैं।
  • संदीपन तालुकदार
    अंकुश के बावजूद ओजोन-नष्ट करने वाले हाइड्रो क्लोरोफ्लोरोकार्बन की वायुमंडल में वृद्धि
    05 May 2022
    हाल के एक आकलन में कहा गया है कि 2017 और 2021 की अवधि के बीच हर साल एचसीएफसी-141बी का उत्सर्जन बढ़ा है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License