NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
खेल
अंतरराष्ट्रीय
‘आगे बढ़ने के संदेश’ के साथ टोक्यो ओलंपिक का समापन, अब पेरिस में मिलेंगे
कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया भारतीय दल के ध्वजवाहक थे और भारत के सबसे बड़े दल ने इतिहास में सबसे ज्यादा पदक हासिल कर खेलों को ‘गुडबॉय’ कहा।
एपी/भाषा
09 Aug 2021
‘आगे बढ़ने के संदेश’ के साथ टोक्यो ओलंपिक का समापन, अब पेरिस में मिलेंगे

टोक्यो: कोविड-19 वायरस और निकट आ रहे तूफान के बीच असाधारण टोक्यो ओलंपिक खेलों का रविवार को यहां रोशनी के फव्वारों के बीच समापन हो गया जिसमें उम्मीद और दृढ़ता का अभूतपूर्व प्रदर्शन दिखा।

जापान की राजधानी में इतिहास के सबसे विशिष्ट खेलों का समापन शानदार आतिशबाजी के साथ हुआ जिसमें नृत्य, गायन और खुशियां मनाना शामिल रहा। कोविड-19 महामारी के दौरान जान गंवाने वालों को याद करते हुए आगे बढ़ने के संदेश के साथ ओलंपिक ध्वज पेरिस को सौंपा गया जहां अगले ओलंपिक खेल तीन साल बाद आयोजित किये जायेंगे।

वैश्विक स्वास्थ्य संकट के कारण एक साल देरी, बढ़ती लागत और आयोजन को लेकर स्थानीय लोगों की विभाजित राय के बीच टोक्यो ओलंपिक तमाम चुनौतियों को पार करते हुए समापन समारोह तक पहुंचे।

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष थॉमस बाक ने ओलंपिक खेलों का औपचारिक समापन करने के बाद कहा, ‘‘एथलीट तेजी से आगे बढ़े और मजबूत हुए क्योंकि वे सभी एकजुट होकर खड़े थे। आप लोगों ने हमें खेलों के इस एकीकृत प्रतीक से प्रेरित किया। आपने महामारी में जिन परिस्थितियों का सामना किया, ये खेल इसलिये भी ज्यादा उल्लेखनीय थे। ’’

बाक के बिना खेलों का आयोजन मुमकिन नहीं हो पाता, उन्होंने कहा, ‘‘महामारी के बाद पहली बार दुनिया एकजुट हुई। लोग भावनाओं से जुड़े थे, वे खुशी और प्रेरणा के पलों को साझा कर रहे थे। इससे हमें उम्मीद मिलती है, यह हमें भविष्य में भरोसा देता है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘टोक्यो में ओलंपिक खेल ‘उम्मीद, एकजुटता और शांति के ओलंपिक खेल’ थे। आप जापानी लोगों ने जो हासिल किया है, उस पर आप बेहद गर्व कर सकते हो। सभी खिलाड़ियों की ओर से हम आपको कहते हैं ‘शुक्रिया टोक्यो, शुक्रिया जापान’। ’’

जापान का ध्वज 68,000 दर्शकों की क्षमता वाले नेशनल स्टेडियम में फहराया गया जिसमें कोविड-19 महामारी के कारण दर्शकों की कमी थी। इसके बाद दुनिया भर के खिलाड़ियों, गणमान्य व्यक्तियों और अधिकारियों के सामने समारोह शुरू हुआ।

खिलाड़ियों ने स्टेडियम में प्रवेश किया और मंच के चारों ओर एक घेरा बनाया। उद्घाटन समारोह में जहां खिलाड़ी ‘फॉर्मल’ पोशाक पहने थे तो वहीं समापन समारोह उनके लिये लुत्फ उठाने और ‘रिलैक्स’ होने का मौका था।

काफी बड़ी संख्या में खिलाड़ी पहुंचे और वे अपने मोबाइल फोन से इस क्षण को कैद कर रहे थे। कुछ ध्वज फहरा रहे थे तो कुछ टोक्यो की उमस भरी शाम में पसीना पोछ रहे थे।

समापन समारोह की थीम ‘वर्ल्ड वी शेयर’ थी जिसमें रौशनी से लेकर संगीत के शो, आतिशबाजियां और स्टंट शामिल थे।

ओलंपिक मशाल बुझाने से पहले पहली बार अगले मेजबान देश का राष्ट्रगान दिखाया गया जिसे मेजबान शहर में एक फिल्म के तौर पर फिल्माया गया।

पहली बार ही समापन समारोह में अगले मेजबान देश से लाइव और शानदार जश्न दिखाया गया जिसमें पेरिस और फ्रांस 33वें ओलंपिक के मेजबान की भूमिका को अपनाता दिखा। इसमें संगीतकार छह विभिन्न स्थानों से परफोर्म कर रहे थे जिन्होंने पिछले कुछ महीनों में दुनिया के अनुभव को उजागर किया। इसमें संदेश था, ‘‘हम दूर हैं, हम एक साथ होकर एक साथ खेल सकते हैं। ’’

टोक्यो के गर्वनर यूरिको कोइके ने ओलंपिक ध्वज बाक को सौंपा जिन्होंने इसे पेरिस की मेयर एने हिडाल्गो के सुपुर्द किया।

टोक्यो ओलंपिक आयोजन समिति की अध्यक्ष सेको हाशिमोटो ने कहा, ‘‘मैं सभी खिलाड़ियों के प्रति अपना आभार और सम्मान व्यक्त करना चाहूंगी और उन सभी को भी जिन्होंने इन खेलों की तैयारियों के लिये और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिये इतनी सारी मुश्किलों को पार किया। ’’

बाक ने कीनिया की पेरेस जेपचिरचिर को महिला मैराथन स्पर्धा का स्वर्ण पदक जबकि पुरूष मैराथन का स्वर्ण एलियूड किपचोगे को दिया।

टोक्यो के आसमान में रौशनी का फव्वारा फैल गया और फिर इनसे ओलंपिक रिंग बनी। कोरोना वायरस प्रोटोकॉल के कारण समारोह दर्शकों के बिना किया गया लेकिन आयोजकों ने स्टेडियम के अंदर स्क्रीन लगायी थी जिसमें दुनिया भर के प्रशंसकों के वीडियो दिखाये जा रहे थे।

कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया भारतीय दल के ध्वजवाहक थे और भारत के सबसे बड़े दल ने इतिहास में सबसे ज्यादा पदक हासिल कर खेलों को ‘गुडबॉय’ कहा।

समापन समारोह एक वीडियो के साथ शुरू हुआ जिसमें 17 दिन की स्पर्धाओं का सार था।

अंतिम अध्याय की शुरूआत स्टेडियम में आतिशबाजी से हुई जिसमें आयोजकों ने ‘‘अनगिनत व्यक्तियों के लिए आभार व्यक्त किया’’ जिन्होंने ओलंपिक खेलों को समापन समारोह तक पहुंचाने में मदद की।

इसके बाद जापान के क्राउन प्रिंस अकिशिनो और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष थॉमस बाक आधिकारिक स्टैंड में उपस्थित हुए।

शुरूआती वीडियो में फोकस रिकार्ड और स्कोर पर नहीं बल्कि उन सभी खिलाड़ियों के साहसिक प्रयासों पर था जिन्होंने रोज कोविड-19 जांच करवाते हुए कड़े बायो-बबल में हिस्सा लिया।

समारोह का मुख्य संदेश था कि खेल एक उज्ज्वल भविष्य के दरवाजे खोलेंगे।

भारत सात पदक से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके निश्चित उज्जवल भविष्य की ओर देख सकता है जिसमें भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने 13 साल बाद पहला स्वर्ण दिलाया जो खेलों में ट्रैक एवं फील्ड स्पर्धा का देश का पहला पदक भी है।

भारत ने इस स्वर्ण के अलावा दो रजत और चार कांस्य पदक भी जीते।

अमेरिका पदक तालिका में 113 पोडियम स्थान से शीर्ष पर रहा जिसमें 39 स्वर्ण पदक थे जबकि चीन 38 स्वर्ण से 88 पोडियम स्थान से दूसरे स्थान पर रहा। मेजबान जापान 27 स्वर्ण सहित 58 पदकों से तीसरे स्थान पर रहा।

खिलाड़ियों को उम्मीद, पेरिस में प्रतिस्पर्धा ही नहीं, मस्ती भी होगी

टोक्यो: अपने संगी साथियों और दर्शकों के बिना टोक्यो ओलंपिक में भाग लेने वाले खिलाड़ी अभी से पेरिस ओलंपिक की कल्पना करने लग गये हैं और उन्हें उम्मीद है कि 2024 में परिस्थितियां पूरी तरह से बदली होंगी और उन्हें ओलंपिक माहौल में खुलकर जीने की छूट मिलेगी।

टोक्यो ओलंपिक का आयोजन कोरोना वायरस महामारी के उत्पन्न हुई जटिलताओं के बीच निर्धारित समय से एक साल बाद किया गया। खिलाड़ियों को अपने परिजनों और साथियों को जापान ले जाने से रोक दिया गया। उन्हें खाली स्टेडियमों में खेलना पड़ा और जापान में कहीं भी घूमने नहीं दिया गया।

यही वजह है कि खिलाड़ी अभी से पेरिस ओलंपिक के सपने देखने लग गये हैं। यदि तब तक कोरोना वायरस पर काबू पा लिया जाता है तो पेरिस ओलंपिक खिलाड़ियों के लिये किसी पार्टी से कम नहीं होंगे। खिलाड़ी वहां टोक्यो की सारी निराशा को भुलाकर ओलंपिक के वास्तविक माहौल का आनंद लेना चाहेंगे।

पेरिस ओलंपिक के आयोजकों को भी उम्मीद है कि ओलंपिक 2024 तक महामारी खत्म हो जाएगी। पेरिस शहर की मेयर एनी हिंडाल्गो ने कहा, ‘‘उम्मीद है कि हम पार्टी करने में सक्षम रहेंगे।’’

लेकिन यदि कोरोना वायरस तब भी पार्टी की योजनाओं पर भारी पड़ता है तो फिर टोक्यो ने दिखा दिया कि महामारी के बावजूद ओलंपिक खेलों का आयोजन कैसे किया जाता है।

टोक्यो में ओलंपिक खेल केवल प्रतिस्पर्धा तक सीमित रहे। वहां न दर्शक थे और न शहरों में पार्टियां हुई। ओलंपियन एक दूसरे से मिल तक नहीं पाये। पेरिस ओलंपिक के आयोजकों ने करीब से इसे देखा। वे कह रहे थे कि भले ही वे परिस्थितियां बदलने की उम्मीद कर रहे हैं लेकिन उन्हें बुरी परिस्थितियों के लिये भी योजना बनानी होंगी।

अधिकतर खिलाड़ियों के लिये सबसे मुश्किल यह रहा कि वे अपने प्रियजनों को साथ लेकर जापान नहीं आ पाये। उनके प्रियजनों के पास उन्हें टीवी पर देखने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।

अमेरिका की सर्फर कारिसा मूरे ने कहा कि पति से अलग रहना और उनके समर्थन के बिना खेलना बहुत बड़ी चुनौती थी। मूरे आखिर में स्वर्ण पदक जीतने में सफल रही लेकिन पति से विछोह उनके लिये पीड़ादायक था। इससे हालांकि उन्हें नया अनुभव और सीख भी मिली।

मूरे ने कहा, ‘‘मुझे यहां होने और बिना किसी समर्थन के अच्छा प्रदर्शन करने पर स्वयं पर गर्व है।’’

टोक्यो में खिलाड़ियों की आम शिकायत थी कि वे खेल गांव में रहकर अपना समय व्यतीत नहीं कर पा रहे हैं।

फिनलैंड के पहलवान इलियास कौसमैनन ने कहा, ‘‘अपने साथी पहलवानों से प्रतिस्पर्धा से इतर मिलना और उनसे मित्रता करना, एक ओलंपियन के तौर पर मैं इसका अनुभव लेना पसंद करूंगा।’’

रियो ओलंपिक 2016 के दौरान कनाडा के वॉलीबाल खिलाड़ी निकोलस हॉग खाली समय में जिम्नास्टिक या ट्रैक एवं फील्ड की स्पर्धाओं को देखने के लिये चले जाते थे या फिर अपने साथियों के साथ पार्टी करते थे लेकिन टोक्यो में उन्हें ऐसा करने की अनुमति नहीं थी।

उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं खाली होता था तो मैं टीवी के आगे बैठ जाता और मैं लगभग सभी खेल देख रहा था।’’

उम्मीद है कि तीन साल में परिस्थितियां बदलेंगी और पेरिस में ओलंपिक खेलों का आयोजन अपने पुराने जोशो खरोश और विविध रंगों के साथ होगा।

खेलों के दौरान कोविड-19 के 458 मामले सामने आये

टोक्यो: टोक्यो ओलंपिक के आयोजकों ने सोमवार को कोविड-19 के 28 नये मामलों की घोषणा की लेकिन इनमें कोई खिलाड़ी शामिल नहीं है।

टोक्यो ओलंपिक का आयोजन दर्शकों के बिना किया गया और आयोजकों के अनुसार रविवार को समाप्त हुए इन खेलों के दौरान कोविड-19 के कुल 458 मामले सामने आये।

नये मामलों में 13 ठेकेदार और छह खेलों से जुड़े व्यक्ति शामिल हैं। इसके अलावा छह स्वयंसेवक, टोक्यो 2020 के दो कर्मचारी और एक मीडियाकर्मी भी संक्रमित पाया गया। इनमें से 21 जापान के निवासी हैं।

ओलंपिक के दौरान इन खेलों से जुड़े जितने मामले सामने आये उनमें से 307 जापान के निवासी थे। खेल शुरू होने लेकर समापन तक जो 458 मामले सामने आये उनमें 29 खिलाड़ी भी शामिल हैं।

खेलों के दौरान विदेशों से कुल 42711 मान्यता प्राप्त लोग जापान पहुंचे थे। इनमें खिलाड़ी, अधिकारी, मीडियाकर्मी आदि शामिल हैं।

महामारी के बावजूद टोक्यो ने सफल ओलंपिक खेलों का आयोजन किया। इनका समापन रविवार को रंगारंग समारोह के साथ हुआ।

Tokyo 2020
tokyo olympics 2020
Tokyo
Paris

Related Stories

क्या है विनेश फोगाट और सोनम मलिक के निलंबन के पीछे का कारण? अनुशासन की आड़ में, मुखर होने की सजा!

नीरज चोपड़ा : एक अपवाद, जिसे हमें सामान्य बनाने की जरूरत है

नये इंडिया को सोना मिला- धन्यवाद मोदी जी!

जाति की ज़ंजीर से जो जकड़ा हुआ है,  कैसे कहें मुल्क वह आज़ाद है!

नीरज ने भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीतकर रचा इतिहास, पूरे देश ने दी बधाई

एथलेटिक्स में भारत के ओलंपिक पदक का इंतज़ार ख़त्म करने के लिये निगाहें नीरज पर

बलात्कार हो या खेल, जाति की ज़हरीली सोच पर क्यों चुप और गायब हैं MR PM

जर्मनी को हराकर भारत ने कांस्य पदक जीता, 41 साल बाद ओलंपिक पदक; देशभर से आ रही हैं बधाईयां

ओलंपिक में महिला खिलाड़ी: वर्तमान और भविष्य की चुनौतियां

निराश होने का समय नहीं, कांस्य पदक के मुकाबले पर ध्यान लगाना होगा: कप्तान मनप्रीत और श्रीजेश


बाकी खबरें

  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: मुझे गर्व करने से अधिक नफ़रत करना आता है
    01 May 2022
    जब गर्व खोखला हो तो नफ़रत ही परिणाम होता है। पर नफ़रत किस से? नफ़रत उन सब से जो हिन्दू नहीं हैं। ….मैं हिंदू से भी नफ़रत करता हूं, अपने से नीची जाति के हिन्दू से। और नफ़रत पाता भी हूं, अपने से ऊंची…
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    मई दिवस ज़िंदाबाद : कविताएं मेहनतकशों के नाम
    01 May 2022
    मई दिवस की इंक़लाबी तारीख़ पर इतवार की कविता में पढ़िए मेहनतकशों के नाम लिखी कविताएं।
  • इंद्रजीत सिंह
    मई दिवस: मज़दूर—किसान एकता का संदेश
    01 May 2022
    इस बार इस दिन की दो विशेष बातें उल्लेखनीय हैं। पहली यह कि  इस बार मई दिवस किसान आंदोलन की उस बेमिसाल जीत की पृष्ठभूमि में आया है जो किसान संगठनों की व्यापक एकता और देश के मज़दूर वर्ग की एकजुटता की…
  • भाषा
    अपने कर्तव्य का निर्वहन करते समय हमें लक्ष्मण रेखा का ध्यान रखना चाहिए: प्रधान न्यायाधीश
    30 Apr 2022
    प्रधान न्यायाधीश ने मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन में कहा न्यायिक निर्देशों के बावजूद सरकारों द्वारा जानबूझकर निष्क्रियता दिखाना लोकतंत्र के स्वास्थ्य के…
  • भाषा
    जनरल मनोज पांडे ने थलसेना प्रमुख के तौर पर पदभार संभाला
    30 Apr 2022
    उप थलसेना प्रमुख के तौर पर सेवाएं दे चुके जनरल पांडे बल की इंजीनियर कोर से सेना प्रमुख बनने वाले पहले अधिकारी बन गए हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License