NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
अमेरिका
COVID-19 की आड़ में शरणार्थियों के प्रवेश में कटौती करेगा ट्रंप प्रशासन
वर्ष 2021 के लिए शरणार्थी प्रवेश की नई कटौती संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए ऐतिहासिक रूप से कम होगी और प्रशासन की एंटी-इमिग्रेशन पॉलिसी के अनुरूप होगी।
पीपल्स डिस्पैच
01 Oct 2020
COVID-19

संयुक्त राज्य अमेरिका आगामी वर्ष में शरणार्थियों के प्रवेश में कटौती करने को तैयार है। यूएस डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट द्वारा बुधवार 30 सितंबर को की गई एक घोषणा में प्रशासन साल 2021 में देश में 15,000 से अधिक शरणार्थियों को अनुमति नहीं देगा। शरणार्थियों के लिए नई रुकावट मौजूदा वर्ष के 18,000 की तुलना में 3,000कम होगी। जारी COVID-19 महामारी के चलते इस तरह के नियम के कारण बताए गए हैं।

सरकार ने अमेरिकियों की सुरक्षा और कल्याण के लिए दी गई प्राथमिकता और विशेष रूप से जारी COVID-19महामारी के चलते शरणार्थियों के प्रवेश में कटौती को उचित ठहराया है। ये घोषणा देर रात की गई थी और प्रस्तावित परिवर्तनों की अमेरिकी कांग्रेस को सूचित करने की समय सीमा से ठीक एक घंटे पहले से भी कम समय में की गई।

हालांकि इस परिवर्तन को कांग्रेस द्वारा मंज़ूरी दी जानी है। इसे शायद ही कभी विधायिका द्वारा चुनौती दी जाए। डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन की शुरुआती वक्त से लगातार वार्षिक कटौती की वजह से अमेरिका की इतिहास में नए प्रवेश का रुकावट सबसे कम होगा। केवल इस साल अमेरिका ने मार्च तक लगभग 10,800 शरणार्थियों को प्रवेश करने दिया है। मार्च महीने में महामारी के चलते सभी शरणार्थियों को रोक दिया था।

ताज़ा फैसला भी ट्रम्प द्वारा एक चुनावी रैली के कुछ घंटों बाद आया है जो इस साल नवंबर में होने वाले चुनाव में फिर से सत्ता में आना चाहते हैं। ट्रम्प ने अपने प्रतिद्वंद्वी जोए बिडेन द्वारा प्रचार अभियान में किए गए 125,000से अधिक वार्षिक शरणार्थी प्रवेश को बढ़ाने के वादे को आड़े हाथों लिया। ट्रम्प ने कहा कि बिडेन और डेमोक्रेट्स अमेरिकी नागरिकों की क़ीमत पर देश में शरणार्थियों की बाढ़ लाना चाहते हैं।

शरणार्थी प्रवेश में कटौती करने का ये फैसला देश में इमिग्रेशन में कटौती करने के प्रशासन की समग्र नीति के अनुरूप है। ट्रम्प द्वारा साल 2017 में राष्ट्रपति पद संभालने के बाद से प्रशासन ने शरण चाहने वालों के लिए जांच प्रक्रिया बढ़ा दी, बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों के ख़िलाफ़ दंडात्मक नियमों का विस्तार किया, नए हिरासत परिसरों का निर्माण किया जिसने प्रवासी परिवारों को अलग किया और वीजा व शरणार्थी प्रवेश को रोकने के लिए COVID-19 का इस्तेमाल किया।

Donald Trump
USA
immigrants in USA
number of immigrants in USA

Related Stories

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन में हो रहा क्रांतिकारी बदलाव

अमेरिकी आधिपत्य का मुकाबला करने के लिए प्रगतिशील नज़रिया देता पीपल्स समिट फ़ॉर डेमोक्रेसी

छात्रों के ऋण को रद्द करना नस्लीय न्याय की दरकार है

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात

पश्चिम बनाम रूस मसले पर भारत की दुविधा

पड़ताल दुनिया भर कीः पाक में सत्ता पलट, श्रीलंका में भीषण संकट, अमेरिका और IMF का खेल?

क्यों बाइडेन पश्चिम एशिया को अपनी तरफ़ नहीं कर पा रहे हैं?

अमेरिका ने ईरान पर फिर लगाम लगाई

सऊदी अरब और चीन: अब सबसे अच्छे नए दोस्त?


बाकी खबरें

  • शारिब अहमद खान
    ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि
    28 May 2022
    ईरान एक बार फिर से आंदोलन की राह पर है, इस बार वजह सरकार द्वारा आम ज़रूरत की चीजों पर मिलने वाली सब्सिडी का खात्मा है। सब्सिडी खत्म होने के कारण रातों-रात कई वस्तुओं के दामों मे 300% से भी अधिक की…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक
    28 May 2022
    हिंसा का अंत नहीं होता। घात-प्रतिघात, आक्रमण-प्रत्याक्रमण, अत्याचार-प्रतिशोध - यह सारे शब्द युग्म हिंसा को अंतहीन बना देते हैं। यह नाभिकीय विखंडन की चेन रिएक्शन की तरह होती है। सर्वनाश ही इसका अंत है।
  • सत्यम् तिवारी
    अजमेर : ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह के मायने और उन्हें बदनाम करने की साज़िश
    27 May 2022
    दरगाह अजमेर शरीफ़ के नीचे मंदिर होने के दावे पर सलमान चिश्ती कहते हैं, "यह कोई भूल से उठाया क़दम नहीं है बल्कि एक साज़िश है जिससे कोई मसला बने और देश को नुकसान हो। दरगाह अजमेर शरीफ़ 'लिविंग हिस्ट्री' है…
  • अजय सिंह
    यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा
    27 May 2022
    यासीन मलिक ऐसे कश्मीरी नेता हैं, जिनसे भारत के दो भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह मिलते रहे हैं और कश्मीर के मसले पर विचार-विमर्श करते रहे हैं। सवाल है, अगर यासीन मलिक इतने ही…
  • रवि शंकर दुबे
    प. बंगाल : अब राज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री होंगे विश्वविद्यालयों के कुलपति
    27 May 2022
    प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए राज्यपाल की शक्तियों को कम किया है। उन्होंने ऐलान किया कि अब विश्वविद्यालयों में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री संभालेगा कुलपति पद का कार्यभार।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License