NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
ट्यूनीशिया की संसद ने हिचेम मेचिची के नेतृत्व वाली सरकार को मंज़ूरी दी
अक्टूबर 2019 में हुए ट्यूनीशियाई संसद के चुनावों के बाद यह तीसरी सरकार है जिसने सत्ता संभाली है।
पीपल्स डिस्पैच
03 Sep 2020
Hichem Mechichi

ट्यूनीशिया की संसद ने बुधवार 2 सितंबर को प्रधानमंत्री हिचेम मेचिची की नई सरकार को मंज़ूरी दे दी। नई सरकार अक्टूबर 2019 के चुनावों के बाद एक साल से भी कम समय में पदभार संभालने वाली तीसरी सरकार होगी। नई सरकार के पक्ष में 134 मतों और विपक्ष में 67 मतों के साथ संसद में विश्वास मत की प्रक्रिया समाप्त हो गई।

मतदान से पहले क़ानून निर्माताओं के बीच 11 घंटे तक गरम बहस चली जिनमें से कई प्रतिनिधियों ने नई सरकार के साथ अपनी सहमति और असहमति व्यक्त की थी। इनमें से अधिकांश ने कहा कि उन्होंने राजनीतिक स्थिरता के लिए सरकार के पक्ष में मतदान करने और अनिश्चितकालीन समय से पूर्व चुनाव से बचने का फैसला किया जो देश में और ज़्यादा राजनीतिक और आर्थिक संकट को पैदा करने से रोक सकता है।

मतदान के बाद प्रधानमंत्री ने संसद से कहा, “सरकार का गठन ऐसे समय में हुआ है जब राजनीतिक अस्थिरता और लोगों का धैर्य जवाब दे चुका है। हमारी प्राथमिकता आर्थिक और सामाजिक स्थिति से निपटना होगा… इनमें सार्वजनिक वित्त के बर्बादी को रोकना, ऋणदाताओं के साथ बातचीत शुरू करना और सार्वजनिक कंपनियों और सब्सिडी सहित सुधार कार्यक्रमों को शुरू करना शामिल है।"

मेचिची ने प्रधानमंत्री के रूप में जो सबसे पहला कदम उठाया हैं उनमें से एक वित्त, अर्थव्यवस्था और निवेश के मंत्रालयों को एक मंत्रालय में मिलना है। उन्होंने अपने मंत्रिमंडल से अधिकांश प्रमुख राजनीतिक गुटों को भी छोड़ दिया है जिनमें संसद में सबसे बड़ी पार्टी इस्लामिस्ट एन्नहदा पार्टी भी शामिल है।

साल 2011 की क्रांति ने लंबे समय तक रहे तानाशाह ज़ीने एल अबदीन बेन अली की सत्ता उखाड़ फेंका। इस साल से ट्यूनीशिया में नौ सरकारों ने देश की कमान को संभाला लेकिन विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच सत्ता संघर्ष और वैचारिक मतभेद के चलते इन सरकारों में से कोई भी लंबे समय तक राजनीतिक स्थिरता प्रदान करने में सक्षम नहीं हो पाई है। प्रधानमंत्री एलियेस फखफख की पिछली सरकार केवल पांच महीने तक रही। इस प्रधानमंत्री ने ब्याज और भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर अपना इस्तीफ़ा दे दिया था।

Tunisia
Hichem Mechichi
Tunisia Parliament
International news

Related Stories

दुनिया भर की: कोलंबिया में पहली बार वामपंथी राष्ट्रपति बनने की संभावना

अमेरिका में महिलाओं के हक़ पर हमला, गर्भपात अधिकार छीनने की तैयारी, उधर Energy War में घिरी दुनिया

अब ट्यूनीशिया के लोकतंत्र को कौन बचाएगा?

रूस-यूक्रैन संघर्षः जंग ही चाहते हैं जंगखोर और श्रीलंका में विरोध हुआ धारदार

दुनिया भर की: सोमालिया पर मानवीय संवेदनाओं की अकाल मौत

कोविड -19 के टीके का उत्पादन, निर्यात और मुनाफ़ा

ट्यूनीशिया: पहली डिजिटल राजनीतिक सुझाव प्रक्रिया पर लोगों में मत-विभाजन

दुनिया भर की: जर्मनी में ‘ट्रैफिक लाइट गठबंधन’ के हाथों में शासन की कमान

ट्यूनीशिया के संविधान में संशोधन करने की राष्ट्रपति की योजना का विरोध

ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री को बर्ख़ास्त किया, देश में विरोध के बाद संसद निलंबित


बाकी खबरें

  • आज का कार्टून
    ‘तेलंगाना की जनता बदलाव चाहती है’… हिंसा नहीं
    26 May 2022
    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तेलंगाना के दौरे पर हैं, यहां पहुंचकर उन्होंने कहा कि तेलंगाना की जनता बदलाव चाहती है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली: दलित प्रोफेसर मामले में SC आयोग का आदेश, DU रजिस्ट्रार व दौलत राम के प्राचार्य के ख़िलाफ़ केस दर्ज
    26 May 2022
    दिल्ली पुलिस ने सोमवार को दौलत राम कॉलेज की प्रिंसिपल सविता रॉय तथा दिल्ली यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार विकास गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया है। 
  • भरत डोगरा
    भारत को राजमार्ग विस्तार की मानवीय और पारिस्थितिक लागतों का हिसाब लगाना चाहिए
    26 May 2022
    राजमार्ग इलाक़ों को जोड़ते हैं और कनेक्टिविटी को बेहतर बनाते हैं, लेकिन जिस अंधाधुंध तरीके से यह निर्माण कार्य चल रहा है, वह मानवीय, पर्यावरणीय और सामाजिक लागत के हिसाब से इतना ख़तरनाक़ है कि इसे…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा
    26 May 2022
    केरल में दो महीने बाद कोरोना के 700 से ज़्यादा 747 मामले दर्ज़ किए गए हैं,वहीं महाराष्ट्र में भी करीब ढ़ाई महीने बाद कोरोना के 400 से ज़्यादा 470 मामले दर्ज़ किए गए हैं। 
  • लाल बहादुर सिंह
    जन-संगठनों और नागरिक समाज का उभरता प्रतिरोध लोकतन्त्र के लिये शुभ है
    26 May 2022
    जब तक जनता के रोजी-रोटी-स्वास्थ्य-शिक्षा के एजेंडे के साथ एक नई जनपक्षीय अर्थनीति, साम्राज्यवादी वित्तीय पूँजी  से आज़ाद प्रगतिशील आर्थिक राष्ट्रवाद तथा संवैधानिक अधिकारों व सुसंगत सामाजिक न्याय की…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License