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यूपी: कोरोना जांच संबंधित सवाल पूछने पर पूर्व आईएएस पर महामारी एक्ट के तहत केस दर्ज
इस मामले के सामने आने के बाद विपक्ष भी योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमलावर है। पूर्व आईएएस अफ़सर एसपी सिंह ने भी इसे लेकर एक के बाद एक कई ट्वीट किए। उन्होंने इसे सत्ता बनाम सत्य की लड़ाई बताया है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
13 Jun 2020
यूपी: कोरोना जांच संबंधित सवाल पूछने पर पूर्व आईएएस पर महामारी एक्ट के तहत केस दर्ज

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में राजधानी लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह (एसपी सिंह) के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव पर ज्यादा कोरोना जांच करने को लेकर डीएम को हड़काने का आरोप लगाया था। और कहा था कि यूपी की पॉलिसी ‘नो टेस्ट, नो कोरोना’।

सूर्य प्रताप सिंह ने ट्वीट करके चीफ सेकेट्री से पूछा था- "सीएम योगी की टीम-11 की मीटिंग के बाद क्या मुख्य सचिव ने ज्यादा कोरोना टेस्ट कराने वाले डीएम को हड़काया कि क्यों इतनी तेजी पकड़े हो, क्या ईनाम पाना है।" इसके बाद सोशल पर सरकार विरोधी भ्रामक पोस्ट करने के आरोप में उनके खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई की गई है।

पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह पर हजरतगंज कोतवाली में सचिवालय चौकी प्रभारी सुभाष सिंह की तहरीर पर आईपीसी 188, 505 महामारी अधिनियम की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। अब पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है।

हालांकि इसके बाद पूर्व आईएएस ने फिर ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि मीडिया के सूत्रों से अपुष्ट खबर आ रही है कि टीम-11 पर किए मेरे के ट्वीट पर सरकार ने मेरे ऊपर मुक़दमा कर दिया है। सबसे पहले तो मैं ये साफ कर देना चाहता हूँ कि उत्तर प्रदेश सरकार की पॉलिसी पर दिए ‘No Test, No Corona’ वाले बयान पर मैं अडिग हूँ, और सरकार से निरंतर सवाल पूछता रहूँगा।

उन्होंने आगे लिखा कि, मैं सीएम योगी और यूपी पुलिस से कहना चाहता हूँ कि मुझ पर किए गए मुकदमे की कॉपी मुझ तक पहुंचाने का कष्ट करें। मैं इस पूरे प्रकरण पर प्रेस कांफ्रेंस कर सभी मुद्दों पर जवाब दूंगा और सरकार से मेरे कुछ सवाल हैं उन्हें जनता के समक्ष रखूंगा। सत्य पक्ष सत्ता पक्ष पर भारी पड़ेगा।

उन्होंने ट्वीट किया कि मुख्य सचिव की कही बात जो मैंने कोट की उस पर मैंने आईएएस एसोसिएशन और मुख्य सचिव का जवाब मांगा था। जब कोई जवाब नहीं आया तो मैंने उसे मौन सहमति मान लिया। अगर जवाब देने की जगह सरकार मुकदमा करने की प्रथा को आगे बढ़ाना चाहती है तो मैं तैयार हूं, आइए गिरफ़्तार करिए।

इस मामले के सामने आने के बाद विपक्ष भी योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमलावर है। सपा प्रवक्ता आईपी सिंह ने कहा पूर्व आईएएस पर योगी सरकार ने कोरोना पर पूछे उनके सवाल पर मुकदमा कर दिया है। तानाशाही की सारी हदें पार करने वाली योगी सरकार से कोई डरने वाला नहीं है। सच हम बोलेंगे और आपको वो सच सुनना पड़ेगा।

सूर्य प्रताप सिंह को प्रदेश भर के सामाजिक कार्यकर्ताओं और छात्रों का भी समर्थन मिल रहा है।
शनिवार को उन्होंने ट्विटर पर लिखा,

“पूरे देश से मिले समर्थन से मैं अभिभूत हूँ, IAS अधिकारी रहते मैंने हमेशा कमजोर वर्ग को अपना साथी माना और सत्ता का दोहन करने वालों के खिलाफ जितना संभव हो सका आवाज उठायी। आज जब मेरी आवाज दबाने का प्रयास हुआ तो आप मेरी आवाज बने यह देख मैं भावुक हूँ, गरीबों के हक की लड़ाई जारी रहेगी।”

 

 IAS SURAYA.PNG

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा- 'छात्र बनाम सत्ता की लड़ाई जिसकी शुरुआत करने पर मेरे खिलाफ योगी जी ने मुक़दमा कर दिया वो अब एक आंदोलन का रूप लेता दिख रहा है। प्रदेश के हर ज़िले से मेरे पास फोन आ रहे हैं। आप ही मेरी ताक़त हैं, आप ही मेरा संबल। कल मुझे जेल भी भेज दिया जाए तो ये आवाज़ नहीं दबनी चाहिए। जय हिंद।'

इसके अलावा उन्होंने अपने एक और ट्वीट में सवाल उठाया कि क्यों नोएडा और ग़ाज़ियाबाद में कम टेस्ट हो रहे हैं। उन्होंने लिखा- “पिछले 25 दिनों में नोएडा में 4 हज़ार और गाजियाबाद में 7.5 हज़ार कोरोना की जाँचें हुई हैं। दोनों जिलों की संयुक्त आबादी 65 लाख से ऊपर है। दिल्ली या मुंबई से आप आबादी के सापेक्ष कुल जाँचों की संख्या मँगवा लीजिए, उत्तरप्रदेश सरकार का झूठ पकड़ा जाएगा। पॉलिसी एक ‘नो टेस्ट, नो कोरोना’।”

 

 IAS 2.PNG

इसी तरह वे लिखते हैं- “उत्तरप्रदेश सरकार कोरोना टेस्टों की संख्या कम दिखाने के लिए गरीबों की जाँच ना करे और हम चुप रहें? पूर्व IAS अधिकारी रहते ही क्यूँ, एक नागरिक होते हुए भी यह मुझे शोभा नहीं देता। क्यूँ मौत के बाद पता चलता है कि व्यक्ति कोरोना संक्रमित था? क्यूँ इलाज के लिए बेबस है गरीब? जवाब दीजिए।”

 IAS 3.PNG

UP
Case filed under epidemic act on former IAS
corona investigation
yogi government
Coronavirus
SURYA PRATAP SINGH

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