NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
यूपी: पीएम के गोद लिए गांव की रिपोर्टिंग को लेकर पत्रकार सुप्रिया शर्मा पर एफआईआर
सुप्रिया शर्मा न्यूज़ वेबसाइट स्क्रोल डॉट इन की कार्यकारी संपादक हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गोद लिए गांव डोमरी में भूख से पीड़ित लोगों पर स्टोरी की थी।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
19 Jun 2020
SUPRIYA SHARMA

उत्तर प्रदेश में पत्रकारों का उत्पीड़न थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला न्यूज़ वेबसाइट स्क्रोल डॉट इन की कार्यकारी संपादक सुप्रिया शर्मा का है। लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गोद लिए गांव डोमरी की स्थिति पर रिपोर्ट करने पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने वरिष्ठ पत्रकार सुप्रिया शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

बता दें कि उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों फतेहपुर जिले के पत्रकार अजय भदौरिया पर स्थानीय प्रशासन ने एफआईआर दर्ज करा दी। उन्होंने सामुदायिक रसोईघर बंद होने पर रिपोर्ट लिखी थी। साथ ही एक अन्य पत्रकार विवेक मिश्रा ने स्थानीय गौशालाओं में लगातार मर रही गायों से जुड़ी एक रिपोर्ट की थी। उन पर भी मामला दर्ज किया गया। इसके खिलाफ जिले के तमाम पत्रकारों ने सात जून को जल सत्याग्रह शुरू कर दिया था। इससे पहले मिर्जापुर के पत्रकार पवन जायसवाल पर मिडे-डे मील की हकीकत दिखाने पर भी एफआईआर हो चुकी है।

मीडिया में आई ख़बरों के मुताबिक यह एफआईआर 13 जून को वाराणसी के रामपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज हुई है। पुलिस के मुताबिक उनके खिलाफ वाराणसी के डोमरी गांव की रहने वाली माला देवी ने शिकायत दर्ज करवाई है। माला देवी का आरोप है कि शर्मा ने उनकी पहचान और बयानों को बदलकर प्रस्तुत किया है।

स्क्रोल की सहयोगी वेबसाइट सत्याग्रह के मुताबिक, सुप्रिया शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी पर कोरोना वायरस और उससे निपटने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन के प्रभाव से जुड़ी रिपोर्टों की एक सीरीज की थी। इसमें उन्होंने सांसद ग्राम योजना के तहत प्रधानमंत्री द्वारा गोद लिए गांव डोमरी की निवासी माला देवी का भी इंटरव्यू लिया था। इस बातचीत में माला देवी ने बताया था कि वे लोगों के घरों में काम करती हैं और राशन कार्ड न होने की वजह से उन्हें लॉकडाउन के दौरान भोजन जुटाने में बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

सत्याग्रह के मुताबिक, हालांकि इसके उलट पुलिस को जो शिकायत मिली है उसके मुताबिक माला देवी का कहना है कि वे एक घरेलू कामगार नहीं बल्कि वाराणसी नगर निगम में आउटसोर्सिंग सफाई कर्मचारी हैं। इस एफआईआर में माला देवी के हवाले से यह भी लिखा गया है कि लॉकडाउन के दौरान उन्हें या उनके परिवार में किसी को भी खाने-पीने की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ा, लेकिन सुप्रिया शर्मा ने अपनी रिपोर्ट में उनके और उनके बच्चों के भूखे रहने की बात कहकर उनकी ग़रीबी और जाति का मज़ाक बनाया है।

इस मामले में पुलिस ने सुप्रिया शर्मा के ख़िलाफ़ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम- 1989, किसी की मानहानि करने से जुड़ी आईपीसी की धारा 501 और किसी महामारी को फैलाने में बरती गई लापरवाही से जुड़ी आईपीसी की धारा 269 के तहत मामला दर्ज़ किया है।

इस पूरे मामले पर स्क्रोल ने बयान जारी कर प्रतिक्रिया दी है। इसमें कहा गया है, ‘5 जून 2020 को हमने डोमरी गांव (वाराणसी, उत्तर प्रदेश) की रहने वाली माला देवी का इंटरव्यू लिया था। उसमें उन्होंने बिल्कुल वही बातें कहीं जैसा कि हमारी इस रिपोर्ट का शीर्षक है ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गोद लिए गांव में लोग लॉकडाउन के दौरान भूखे रहे।’ हम अपने इस आर्टिकल पर पूरी तरह कायम हैं। लॉकडाउन के दौरान समाज के पिछड़े वर्ग की रिपोर्टिंग के चलते की गई ये एफआईआर स्वतंत्र पत्रकारिता को डराने और उस पर हमला करने का प्रयास है।

 

इसे पढ़ें : यूपी में फिर पत्रकार पर मुकदमा, राशन किट में कथित गड़बड़ी को किया था उजागर!

प्रेस परिषदों के वैश्विक संघ ने मीडिया में नौकरियां जाने पर चिंता जतायी

प्रेस परिषदों के वैश्विक संघ (डब्ल्यूएपीसी) ने दुनिया भर की प्रेस और मीडिया परिषदों से आग्रह किया है कि वे 'कोरोना वायरस महामारी के चलते पत्रकारों की नौकरियां जाने के गंभीर मुद्दे' को अपने-अपने देश की सरकारों और संयुक्त राष्ट्र के समक्ष उठाएं।

एक बयान में कहा गया है कि एशिया, यूरोप और अफ्रीका में प्रेस तथा मीडिया परिषदों के एकमात्र प्रमुख संगठन डब्ल्यूएपीसी के अध्यक्ष डॉ. सुले अकेर ने रविवार को सदस्य देशों के साथ सम्मेलन किया। सम्मेलन में महामारी और इसके प्रभाव के कारण जिस संकट का सामना सभी मीडिया संगठन कर रहे हैं, उस पर चिंता जतायी गई।

संयुक्त राष्ट्र से मान्यता प्राप्त डब्ल्यूएपीसी ने अभूतपूर्व संकट की इस घड़ी में पत्रकारों और मीडिया जगत को हर संभव मदद मुहैया कराने के लिये संयुक्त राष्ट्र और उससे संबंद्ध यूनेस्को जैसे संगठनों का रुख करने का भी फैसला किया है। डॉक्टर सुले ने बयान में कहा कि विभिन्न देशों में अपनी ड्यूटी करते हुए इस खतरनाक बीमारी के कारण कई पत्रकारों की जान जा चुकी है और ऐसे ही माहौल में काम करने की वजह से कई पत्रकार इसकी चपेट में आ चुके हैं।

इसे पढ़ें : यूपी: प्रशासन की नाकामी उजागर करने पर एफआईआर दर्ज करने के विरोध में पत्रकारों का जल-सत्याग्रह जारी  

बयान में सभी देशों की सरकारों से मीडिया को बचाने के लिये तत्काल हस्तक्षेप करने की अपील की गई है। डॉक्टर सुले और डब्ल्यूएपीसी के महासचिव किशोर श्रेष्ठ ने सभी प्रेस तथा मीडिया परिषदों को पत्र लिखकर कहा है कि वे इस अभूतपूर्व महामारी के समय मीडिया को बचाने के लिये सरकारों से हस्तक्षेप की अपील करें।

इसे देखें : कोरोना को छोड़, सच दिखाते पत्रकारों पर सत्ता का कहर  

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ) 

 

Press freedom
Uttar pradesh
Journalists
COVID-19
Lockdown
Supriya Sharma

Related Stories

आजमगढ़ उप-चुनाव: भाजपा के निरहुआ के सामने होंगे धर्मेंद्र यादव

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

आर्थिक रिकवरी के वहम का शिकार है मोदी सरकार

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

यूपी : आज़मगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा की साख़ बचेगी या बीजेपी सेंध मारेगी?

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही मस्जिद ईदगाह प्रकरण में दो अलग-अलग याचिकाएं दाखिल


बाकी खबरें

  • Ramjas
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल
    01 Jun 2022
    वामपंथी छात्र संगठन स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इण्डिया(SFI) ने दक्षिणपंथी छात्र संगठन पर हमले का आरोप लगाया है। इस मामले में पुलिस ने भी क़ानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। परन्तु छात्र संगठनों का आरोप है कि…
  • monsoon
    मोहम्मद इमरान खान
    बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग
    01 Jun 2022
    पटना: मानसून अभी आया नहीं है लेकिन इस दौरान होने वाले नदी के कटाव की दहशत गांवों के लोगों में इस कदर है कि वे कड़ी मशक्कत से बनाए अपने घरों को तोड़ने से बाज नहीं आ रहे हैं। गरीबी स
  • Gyanvapi Masjid
    भाषा
    ज्ञानवापी मामले में अधिवक्ताओं हरिशंकर जैन एवं विष्णु जैन को पैरवी करने से हटाया गया
    01 Jun 2022
    उल्लेखनीय है कि अधिवक्ता हरिशंकर जैन और उनके पुत्र विष्णु जैन ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले की पैरवी कर रहे थे। इसके साथ ही पिता और पुत्र की जोड़ी हिंदुओं से जुड़े कई मुकदमों की पैरवी कर रही है।
  • sonia gandhi
    भाषा
    ईडी ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी को धन शोधन के मामले में तलब किया
    01 Jun 2022
    ईडी ने कांग्रेस अध्यक्ष को आठ जून को पेश होने को कहा है। यह मामला पार्टी समर्थित ‘यंग इंडियन’ में कथित वित्तीय अनियमितता की जांच के सिलसिले में हाल में दर्ज किया गया था।
  • neoliberalism
    प्रभात पटनायक
    नवउदारवाद और मुद्रास्फीति-विरोधी नीति
    01 Jun 2022
    आम तौर पर नवउदारवादी व्यवस्था को प्रदत्त मानकर चला जाता है और इसी आधार पर खड़े होकर तर्क-वितर्क किए जाते हैं कि बेरोजगारी और मुद्रास्फीति में से किस पर अंकुश लगाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना बेहतर…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License